Skip to playerSkip to main content
🧔🏻‍♂️ आचार्य प्रशांत से समझे गीता और वेदांत का गहरा अर्थ, लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें:
https://acharyaprashant.org/hi/enquiry-gita-course?cmId=m00021

📚 आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?
फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?cmId=m00021
➖➖➖➖➖➖
पूरा वीडियो : जब जीने की इच्छा ही न बचे — तो क्या करें? || आचार्य प्रशांत (2025)
➖➖➖➖➖➖
#acharyaprashant

Category

📚
Learning
Transcript
00:00बेटा अने मां बड़े बचा-बचा के कुदम रखे हैं सेाथ बढ़ाऊँ इतना बचा के किया मिला तौह थोड़ा पिसली लिया हो तो अमर नहीं तो जा रहा हैं
00:17यह बचा बचा के अमर हो लिया, जब बहुत बचाने उचाने का कारिकरम कर रहे हो न, तो थोड़ा ऐसे कुबड निकाल के, और ऐसे ऐसे करके, और खाकते खाकते चल लिया करिये, अपने आपको याद दिला करिये, इसी के लिए बचा रहे हो सब, इसी के लिए बचा रहे हो
00:47कि जीवन का अर्थ है प्रतिपल चुनाओ, नहीं फर्क पड़ता अतीद में आपने क्या किया, हर पल आपके सामने एक नया आउसर बनके खड़ा होता है, अतीद को कौन बदल सकता है, कोई नहीं, पर भरतमान देखो, खुला हुआ है, आकाश है, जो चाहिए मांगो, नहीं म
Be the first to comment
Add your comment

Recommended