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बेबाक भाषा के ख़ास कार्यक्रम में प्रसिद्ध लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता राम पुनियानी ने The Taj Story नाम से आई अभिनेता परेश रावल की नई फ़िल्म की परतें खोलीं और बताया कि कैसे एक बार फिर मोहब्बत की इमारत के आगे नफ़रत और सांप्रदायिकता की दीवार खड़ी की जा रही है।
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00:00दोस्तो बेबाग भाशा पर आपका स्वागत है आपने ख्याल किया होगा पिछले कुछ दिनों से परेश रावल की आने वाली फिल्म तो ताज स्टोरी का एक टीजर जो सर्कुलेट हो रहा है उसमें ऐसा बताते हैं परेश रावल कि उन्होंने ताज का डूम उठाया और उ
00:30इससे एक बार ताज महल पर कॉंट्रवर्सी विवाद छेड़ने की ये कोशिश है क्योंकि इस पर जो पूरा मामला था सरकार ने 2017 में क्लियर कर दिया था और कोर्ट्स ने भी इसको दो बार इस पे जज्ज्मेंट दे चुके हैं इसके पहले हुआ ऐसा था कि अभी जो पर
01:00जाने उसको बदल कर मुम्ताज महल के मकबरे के रूट में तबदील कर दिया तो ये फिर से एक कहानी को जो 2017 में बहुत चली थी उसको वापस लाने की कोशिश है और इसके इरादे बिल्कुत सपष्ट है कि ये क्यों किया जा रहा है अब 2017 में क्या हुआ था जब योगी आ
01:30उत्तर प्रदेश के टूरिस्ट जगहों के बारे में वर्णन देती थी उत्तर प्रदेश के टूरिस्ट जो परेटन स्थल हैं उनका वर्णन देती थी और उस पुस्तक में ताज महल का उल्लेख नहीं था
01:42यहां वता दू कि भारत में जो पूरे परेटक आते हैं उसमें करीब 23 प्रतिशत परेटक ताज महल के लिए आते हैं और ताज महल में रोज करीब 12,000 परेटक आते हैं इसकी खुबसूरती सुंदरता बाकिछ चीजों को देखने के लिए
02:01अब खेर यह विवाद के पहले थोड़ा ताज महल के बारे में बात कर लिए ताज महल दुनिया के साथ जो अजूबे कही जाते हैं
02:10Seven Wonders of the World उसमें से एक है युनेस को इसको एक Heritage Site के रूप में प्रस्तुत किया है और Archaeological Survey of India यह इसको एक मगबरा मानता है और यह बयान उसने बार-बार लगातार दिये हैं
02:26वैसे दिखा जाए तो ताज महल की सुन्दरता के बारे में यही कहा जा सकता है कि यह संग मर्मर पे लिखी एक कविता है और कुरुदेव रविदर्ना टेगोर ने इसके बारे में कहा था कि समय के गाल पर यह एक बूंद है
02:43यह इस प्रकार के सुन्दर वर्णन हमारे मिलते हैं क्योंकि यह बहुती खूबसूरत इमारत है पर क्योंकि यह शाजान जवरा बनाई गई है इसलिए हिंदू राष्टवादियों को यह चुपती है और वे बार-बार लगातार कोशिश करते रहते हैं कि इसको कैसे एक हि
03:13उल्टा कमल लगा है वो एक मंदिर की निशानी है और दूसरा उनोंने एक संदेय प्रगट किया था कि नीचे जो 21 कमरे खाली हैं उसमें शायद हिंदू हिंदू की मूर्थियां रखी होंगी इसको लेकर वो कोर्ट में गया उनका पहला दावा था कि यह दो चौथी शता�
03:43इसके बाद उनोंने जब बाद में दुनिया भर के जो बड़े अर्केलोजिस्ट हैं इतिहासकार हैं उनोंने इस बात को सिद्ध किया कि मुगल काल के पहले इस प्रकार का वास्तुशिल्प संभाव ही नहीं था
03:59जब ये बात सामने आई तो पियन ओक साहब ने अपनी थियोरी को बदल दिया और कहा कि बारवी शताबदी में ये जो परमार देव थे राजा परमार देव उनके मंत्री ने इसको बनवाया था
04:13इस बात को लेकर भी वो कोर्ट में गए कोर्ट में इसको खारिज कर दिया और तीसरा एक अमरनात मिश्र नाम के विक्ति थे वो अलबाद कोर्ट में हाई कोर्ट में इसको ले गए जहां भी उनकी बात को खारिज कर दिया गया कि ये एक हिंदू मंदिर था जिसको बदल कर
04:43उसी समय जो संस्कृति संस्कृति मंत्री थे महेश शर्मा महेश शर्मा ने बयान दिया था कि ये एक शिव मंदिर नहीं है ये एक मकपरा है ये सरकार की तरफ से बयान आया और इसकी उनका आधार था आर्केयलोजिकल सर्वे अफ इंडिया और इसकी अलग-अलग जो फाइं
05:13बताया कि जो 21 कमरे खाली हैं उनको हम खोल के उसका रख रखाव करते हैं और ये कमरे जो खाली है नीचे कोरिडॉर के रूप में उनका उद्देश है यह है कि वो इस पूरे स्ट्रक्चर को पूरी बिल्डिंग को एक स्थाइट हो दें
05:30स्ट्रक्चरल पॉइंट ऑफ यू से मजबूतिक हिसाब से उनकमरों को रखा गया है तो ये अर्चेयलोजिकल सर्वे अफ इंडिया की इस बात पर हमें ख्याल करना चाहिए दूसरा फिर इसी बात को लेकर बात पीएज सोब ओक साब यही नहीं रुके उन्होंने दो किताब
06:00इसको स्विकार्दी किया गया तो उन्होंने अपने लेवल पे काम चालू रखा और RSS की शाखाओं में छोटी-छोटी पुस्तिकाएं बाटते रहे कि ये पहले भगवान शियों का मंदिर था और इसको बदलकर एक मगबरे के रूप में बनाया गया है अब ये पूरा एक
06:30थमा हुआ नहीं होता है वो बदलता रहता है और जो मुगल वास्तोशिप शिल्प था उसकी बहुत सारे आधार भूतिस में हैं पर ये बात भी सच है कुछ-कुछ हिंदू मोटिफ में वहाँ देखने को मिलते हैं पर उसका कारण ये नहीं है कि ये हिंदू बंदिर था उ
07:00तो उन दोनों ने जब डिजाइन बनाया और जो इसमें कारीगर लगाए 20,000 कारीगरों ने इस पे 20 साल तक काम किया कारीगरों में बहुत हिंदू भी थे तो ये बात बिलकुछ सवाविक है कि जब मुक्ष शिल्पकार में से दो में से एक हिंदू है तो कई हिंदू मोटि
07:30होगा है और सापर्तिकला में भी ऐसा मेल जोन हमें देखने को मिला है इसके अलावा कुछ और एतिहासिक प्रमान मिलते हैं दो यात्री एक पीटर मुंडी और दूसरे टैवर्नियर वो समय भारत यात्रा के लिए आये थे और उन्होंने अपने वर्णों में लिखा है कि हम
08:00ये पीटर विदेशी जो एकाउंट है उसमें आपको ये बात मिलेगी पीटर मुंडी और टैवर्दियर और इसी के साथ साथ जब हम पूरे इसको देखते हैं तीसरी बात जो देखते हैं कि शाह जहां के जो भई खाते थे एकाउंट्स बुक रखते थे एकाउंट्स बु
08:30एकाउंट्स में हैं मजदूरों को इतना वैतन दिया गया वो भी एकाउंट्स में हैं और तीसरी बात जो खास दोर से इसमें ख्याल रखने लाएक है ये कि ये जो पूरे वर्णन हैं उनके सबूत 100% से मजबूत हैं और ये इसकी शुरुआत से लेके आगे जाने तक सभी
09:00जो है वो कहां से आई है तो इसमें पी एनोक साब कहते हैं कि ये एक हिंदू राजा की जमीन थी वहां एक मंदिर बना हुआ था जबकि सचा ही ये है हिंदू राजा की जमीन थी राजा जैसिंग की जमीन थी राजा जैसिंग ये मुगल प्रशासन के काफी नजदीक थे औ
09:30जमीन को उचित
09:31compensation उचित कीमत दे कर
09:33खरीदा अब दोनों प्रकार के वर्णन
09:35मौजूद है पर इसमें ये बात सफ़ष्ट है
09:37कि ये एक
09:39जमीन थी जिसको खरीदा गया
09:41और जहां मकबरा बनाया गया
09:43अब तीसरी बात इसमें जो
09:45याद रखने लागा है वो ये
09:46कि यहाँ शिव मंदिर होने की संभावना
09:49तो बहुत कम है
09:50नहीं है क्यों मैं कह रहा हूँ ये बात
09:53कि राजा जैसिंग जो थे
09:55वो शैव नहीं वैशनव थे
09:57तो उस
09:59उस प्रकार के structure को
10:01एक शिव मंदिर कहना कि जो
10:03शाजाने जबर्दस्टी से
10:05उसको एक मगबरे में बदला
10:06ये पूरी तोर से गलत वर्डन है
10:09और उसको फिर से वापस
10:11लाया जा रहा है ताकि समाज में
10:13जिस प्रकार से बहुत सारी
10:15अभी फिल्में आई हैं
10:16वो कश्मीर फाइल्स हो
10:18केरला स्टोरी हो
10:19हो रहे हो या बंगाल फाइल्स हो
10:22ये सब फिल्में कोशिश कर रही है
10:26इनका उद्देश्य
10:27मोटिव एक है
10:29कि समाज में
10:31मुसल्मानों के खिलाफ जो नफरत है
10:33उस नफरत को तेज किया जाए
10:35और उसी एजिंडा को लेकर
10:38ये फिल्में बन रही है
10:39ताकि मुसल्मान राजाओं के खिलाफ
10:41और उसके कारण आज के
10:43मुसल्मानों के खिलाफ
10:45एक प्रकार का अभियान
10:46नफरत अभियान चेड़ा जा सके
10:48संपरदाएक राजनीती को मजबूत किया जा सके
10:51और संपरदाएक राजनीती का जो दाइरा है
10:54नफरत का दाइरा उसको बजबूत करके संप्रदाइक राजनीती को और भी एक खतरनाक दिशा दी जा सके
11:02तो ये एक और फिल्म आ गई है और इसमें ताज महल नाम के एक जो दुनिया के साथवा अजूबा है अश्चर है उसको लेकर गसीटा गया है
11:12तो ये एक हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए ऐसी फिल्मों में सचाई नहीं ये केवल एक प्रोपगेंडा है जितने भी मैंने आपको सबूत दिये
11:21वो सब शाजां के एकाउंट बुक्सों पीटर मुंडी का वर्णन हो टेवर्नियर का वर्णन हो और दूसरे आर्केयलोजिस का वर्णन हो वो सब बताते हैं कि ये एक जमीन पर बनाया गया था जो जैसिंग ने दी थी और इसके लिए शाजां ने बहुत मेहनत कि दी मेहनत
11:51वीडियोजना जो यहां के शिल्पकारों ने बनाई थी उस पर वो खुद से परवाइस करते थे और खुद उस पर वो काम करते थे अपने कुछ पहले वीडियोज में मैंने बताया कि जो अफवा है कि 20,000 मुज़ूर जिन्नों ने यहां काम किया उनके हाथ कटवा दिये ग
12:21जो है वो मुगल आर्किटेक्चर के साथ ही आता है इसका उधारण हमको हुमायू की टूम में मिलता है और दूसरे ऐसे इमारतों में मिलता है जो मुगल काल में इन्होंने बनाई थी तो उससे ये बात सपष्ट हो जाती है कि इसमें शंका की कोई जगा नहीं है और पूरी
12:51ताज महल के नाम से जोड़ा जाता है तो बहुत एक ऐसी बात सामने आई है जिसके जूट को सामने लाना जरूरी है सच्चाई को बताना जरूरी है ताकि यहां जो नफरत का महौल बढ़ते जा रहा है वो नफरत के महौल को हम नियंतरित कर सकें और समाज के सामने सच्चा
13:21प्रेरित करें, सद्भावना का विकास करें, ताकि इन बातों को छोड़ कर, हम समाज के वास्तविक विकास, वास्तविक न्याय की ओर जा सकें।
13:32आपका बहुत धन्यवाद, थैंक यू वेरी मच्छ।
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