Mission Bhagavad Gita Day 52 | अध्याय 2 श्लोक 2.5 | भिक्षा या युद्ध? अर्जुन का नैतिक द्वंद्व | Hare Krishna Bhakti Vibes Mission Bhagavad Gita के Day 52 में आज हम समझेंगे — अध्याय 2, श्लोक 2.5 का गहरा अर्थ। यहाँ अर्जुन कहते हैं कि अपने गुरुजनों को मारकर रक्त से सने सुख भोगने से बेहतर है भिक्षा मांगकर जीना। यह श्लोक हमें सिखाता है — नैतिकता और धर्म के बीच चुनाव हमेशा आसान नहीं होता, पर आत्मा की शांति उसी में है जो धर्मसंगत हो।
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00:00हरे कृष्ण दोस्तों, मेरा एक ही लक्ष्य है, श्रीमत भगवद गीता के साथ 100 श्लोकों को हर दिल तक पहुचाना, अगर यह ज्यान आपको चूजाएं, तो इसे साजा कीजिए और जुडिए मेरे साथ इस मिशन में।
00:30भावार्थ, यह श्री कृष्ण, मुझे लगता है कि इस लोक में भिक्षा मांग कर जीवन यापन करना, उन गुरुजनों को मारने से कहीं अधिक श्रिष्ट है, जो लोब और इच्छाओं के कारण युद्ध कर रही हैं, क्योंकि यदि मैं उन्हें मार दूँ, तो उनके र
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