Mission Bhagavad Gita Day 56 | Arjuna’s Silence Before Krishna Speaks | Chapter 2, Shloka 2.9 | Hare Krishna Bhakti Vibes
Mission Bhagavad Gita श्लोक दिवस 56 – अध्याय 2, श्लोक 2.9 में अर्जुन के जीवन का निर्णायक क्षण आता है। उन्होंने श्रीकृष्ण से कहा — “मैं युद्ध नहीं करूंगा,” और मौन हो गए। यह केवल शब्द नहीं थे — यह आत्मा की थकान, मोह और भ्रम का प्रतीक था। अब मंच तैयार था उस दिव्य संवाद के लिए, जहाँ श्रीकृष्ण गीता का उपदेश देने वाले थे — वह ज्ञान जो युगों-युगों तक मानवता का मार्गदर्शन करेगा। जय श्रीकृष्ण 🙏
Mission Bhagavad Gita Day 56 – Chapter 2, Verse 2.9 marks Arjuna’s moment of silence and surrender. He tells Krishna, “I will not fight,” and becomes quiet — a silence that symbolized inner conflict and despair. This pause was not weakness but the prelude to wisdom — setting the stage for Lord Krishna’s divine teachings that would transform the world forever. Hare Krishna Hare Rama
00:00हरे कृष्ण दोस्तों, मेरा एक ही लक्ष्य है, श्रीमत भगवत गीता के साथ 100 श्लोकों को हर दिल तक पहुचाना, अगर यह ज्यान आपको चूजाएं, तो इसे साजा कीजिए और जुडिए मेरे साथ इस मिशन में।
00:14हरे कृष्ण दोस्तों, मिशन भागवत गीता श्लोक दिवस 56, अध्याय दोक, श्लोक 2.9, संजय उवाच, एवं उक्तवा हरिशी केशं गुडाकेश परंतप, न योदस्य इती गोविंदं उक्तवा तूशनी बभूव, भावार्थ, संजय बोले, हे राजन, इस प्रकार ग
00:44और इतना कहकर वह चुप हो गया, यह वह क्षन था जब अर्जुन के भीतर ग्वंद्व चरम पर था, और समाधान अब केवल भगवान श्री कृष्ण के उपदेश में ही था, रोज एक श्लोक समझने के लिए जुडे, हरे कृष्ण भक्ती वाइब्स के साथ,
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