The Lost City of Dwarka — Underwater Discovery | द लॉस्ट सिटी ऑफ़ द्वारका — समुद्र में छिपा इतिहास
दोस्तों, इस वीडियो में हम लेकर आए हैं द्वारका की रहस्यमयी कथा — जहाँ पुराणों की धरोहर और समुद्री खोजें एक-दूसरे से टकराती हैं। जानिए कैसे पौराणिक कथाएँ, समुद्री खुदाइयां और वैज्ञानिक सर्वे मिलकर उस नज़रिए को बदलते हैं जिसे हम ‘द खोया हुआ नगर’ कहते हैं। वीडियो में इतिहास, खोज की झलकें, और द्वारका के डूबने से जुड़े प्रमुख सिद्धांत सरल भाषा में बताए गए हैं। अगर आपको ऐसी रहस्यमयी और इतिहास-आधारित कहानियाँ पसंद हैं तो लाइक करें, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब कर लें — ताकि अगली खोज भी आप तक पहुंचे।
Friends, in this video we explore the mysterious Lost City of Dwarka — where mythology meets marine archaeology. Discover the stories from ancient texts, the underwater findings off the Gujarat coast, and the scientific theories that try to explain how a once-thriving city sank beneath the waves. This concise documentary-style episode blends faith, history and recent explorations. If you enjoy historical mysteries and archaeological discoveries, please like, share and subscribe for more.
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00:00दोस्तों, श्री कृष्ण का सामराज्य केवल इस धर्ती पर ही नहीं, बलकि हर इंसान के दिल में भी बसता है, लेकिन आज हम आपको उनके उस अद्रिश्य राज्य की ज़लक दिखाने जा रहे हैं,
00:24जो धर्ती की सतह पर नहीं, बलकि समुद्र की गहराईयों में रेत के नीचे छिपा हुआ है, ये वही स्थान है जहां श्री कृष्ण ने अपने राज्य की नीव रखी थी, जहां की हर रेत, हर कन उनकी लीलाओं का साक्षी रहा है, आज वहा केवल समुद्र की लहरों की ग�
00:54एक पवित्र देव भूमी माना जाता है, जब हम भारत के पश्चमी तट पर फैले करीब 6500 वर्ग किलोमीटर वाले गुजराद के सौराष्ट्र शेत्र की ओर बढ़ते हैं, तो दूर से ही एक धर्म अध्वजा आसमान को चीरती नजर आती है, ये ध्वजा संकेत देती है
01:24एक हिस्सा आज समुद्र में कही खो चुका है, आज हम आपको श्री कृष्ण द्वारा बसाए गए द्वार का शहर की रहस्यमी खोच के बारे में बताएंगे, ये कथा अध्भुत, अकलपनिय और अविश्वसनिय है, ऐसा नगर जिसमें श्री कृष्ण अपने प्रजा�
01:54करते हैं, द्वार का को कई द्वारों का शहर कहा जाता है, ये भारत के साथ प्रमुक तीर्थ स्थलों में गिना जाता है, न केवल धार्मिक द्रिश्टी से बलकी पुरातात्विक तौर पर भी अत्यंत महत्वपोन है, गुजरात के सौराष्टर प्रायद्वीब के पश्
02:24आया गया है, श्रीमत भागवत के अनुसार श्री कृष्ण का जम मतुरा की जेल में हुआ था, लेकिन पिता वासुदेव उन्हें सुरक्षित रखने के लिए गोकुल ले आए, जहां उनका पालन पोशन हुआ, वे गोपियों और राधा संग रासलीला रचते बड़े हु
02:54प्रस्थान किया, शास्त्रों के अनुसार श्री कृष्ण ने समुद्र देवता से भूमी प्राप्त की, और फिर विश्व कर्मा जैसे दिव्यवास्तुकार से द्वार्का का निर्मान करवाया, सोने के दर्वाजों वाले भव्य महलों से सजी, ये नगरी धन वैभव से �
03:24रहते थे पर जिस नगरी को स्वय कृष्ण ने समुद्र के बीचों बीच इतने प्रेम से बसाया था वो द्वार का अचानक समुद्र की गहराईयों में समा गई ये खोया हुआ नगर आज भी पूरी दुनिया में चर्चा का विशय बना हुआ है
03:40महा भारत के अनुसार युद्ध के बाद पांडवों की विजय और कौर्वों की हार के बाद गांधारी ने अपने सो पुत्रों की मृत्यू से व्यथित होकर श्री कृष्ण को श्राब दिया था
03:52कि जैसे कौर्वों का वंच नश्ट हुआ उसी प्रकार यदुवंच का भी विनाश होगा
03:58इसके बाद द्वारका में तनाव बढ़ने लगा
04:01यदुवंचियों में आपसी युद्ध छड़ गया और अंतर सभी यदुवंची मारे गए
04:07बलराम ने भी देहत्याग दी
04:09श्री कृष्ण जंगलों में विचरन करने लगे
04:12और एक व्रिक्ष की छाव में विश्राम करते हुए
04:15गांधारी के श्राब पर चिंतन कर रहे थे
04:18तभी जरा नामक शिकारी ने उनके पैर के अंगुठे को हिरन समझ कर तीर चला दिया
04:24जब वो पास आया और श्री कृष्ण को देखा तो क्षमा मांगने लगा
04:30श्री कृष्ण ने उसे अभैदान देकर देहत्याग दिया
04:34अर्जुन को जब श्री कृष्ण के देहत्याग की सूचना मिली तो वो अत्यंत दुखी हुए
04:40उन्होंने वासुदेव जी से कहा कि नगर में बचे हुए लोगों को हस्तिनापूर लेट चलने की तैयारी करे
04:47अर्जुन ने प्रभास शेत्र में सभी यदुवंशियों का अंतिम संसकार किया अगले दिन वासुदेव जी ने भी प्रांट त्याग दिये
04:56उनका अंतिम संसकार कर अर्जुन महिलाओं और बच्चों को लेकर द्वारका से निकल गए जैसे ही उन्होंने नगर छोड़ा द्वारका का राज महल और पूरी नगरी समुद्र में समा गए एक अन्यकथा के अनुसार श्री कृष्ण के पुत्रस साम को रिशियों ने श्
05:26अपमानित होकर श्राब दिया कि उसके गर्ब से एक मुसल उत्पन्न होगा जिससे यदुवंज का विनाश होगा
05:34महा भारत के अनुसार जब श्री कृष्ण ने 125 वर्ष पूरे कर प्रिथवी को त्यागा उसी दिन द्वारका शहर अरब सागर में डूप गया और कलियू की शुरुआत हुई
05:46समुद्र देवता ने भूमी को पुना अपने में समेट लिया
05:50कुछ सिध्धान्तों के अनुसार द्वारका पर एक उड़ने वाले यंत्र से हमला हुआ था
05:56जिसे एलियन थ्योरी से जोड कर देखा जाता है
06:00उर्जा हथियारों से हुए इस हमले ने शहर को खंडेहर में बदल दिया
06:05मा भारत के अनुसार प्राचीन द्वारका समुद्र में डूप गई थी
06:10भारत वायुसेना के पाइल्टों ने समुद्र के उपर उडान भरते समय
06:15इसके अफशेशों को पहली बार देखा
06:181970 में जांगर के गैजेटिर में इसका उनलेख हुआ
06:23इससे पहले लोग इसे कालपनिक मानते थे
06:27छटी शताबदी में भावनगर के सामंत सिनहा
06:31दत्य की तामर पत्र में द्वारका का पहला एतिहासिक रिकॉर्ड मिला
06:35जिसमें लिखा था कि श्री कृष्ण यहां निवास करते थे
06:39इसके बाद वैज्ञानिकों का ध्यान इस और गया
06:421989 में आर्केलोजिस डॉक्टर एसार राव
06:46और उनकी टीम ने समुद्र में खोच शुरू की
06:49उन्हें 560 मीटर लंबी दीवार मिली
06:52जो महाभारत के विवरन से मेल खाती थी
06:55लगभग 30 खंबे और 500 से अधिक प्राचीन वस्तुए मिली
07:00जिनमें बरतन, पत्थर के ब्लॉक, सिंचाई प्रणाली आदी शामिल थे
07:05कुछ नमुने 2000 साल की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं
07:102005 में ESI ने खोज को फिर से शुरू किया
07:142007 में नौसेना के गोता खोरों की मदद से
07:18समुद्र के भीतर चूना पत्थर के खंडों की खोज की गई
07:22ये नमुने सिंधु घाटी सभ्यता से मेल नहीं खाते
07:26लेकिन इतने प्राचीन थे कि वैज्ञानिक भी हैरान रह गए
07:3040,000 वर्ग मीटर शेत्र में उत्खनन हुआ
07:34जमीन पर भी खुदाई की गई
07:36जिसमें सिक्के और कलाकृतिया मिली
07:39डॉक्टर आलोक त्रिपाठी ने बताया
07:42कि 10 मीटर गहराई में खंडहर मिले
07:45जिन्हें समुद्र ने तबाह कर दिया था
07:47हाइड्रोग्रफिक सर्वे से पता चला
07:50कि नदी का प्रवा बदल रहा है
07:52कार्बन डेटिंग से नमुनों की उम्र 9,500 साल पाई गई
07:57विदेशी प्रयोग शालाओं में भी इसकी पुष्टी हुई
08:00द्वारका में बड़ी संख्या में लंगर मिले
08:03जिससे ये सिद्ध होता है कि ये एक एतिहासिक बंदरगा था
08:07संस्कृत में दूर
08:10संस्कृत में द्वारका का अर्थ होता है द्वार या दर्वाजा
08:15जो ये संकेत देता है कि ये नगर भारत में प्रवेश करने वाले विदेशी नाविकों के लिए एक महत्वपूर्ण बिंदुरा होगा
08:23यहां बड़ी संख्या में प्राचीन लंगर मिले हैं
08:27जिससे इस पश्ट होता है कि द्वार का एक प्रमुक समुद्री व्यापारिक केंद्र था
08:31जिसने पंद्रवी से अठारवी शताब्दी तक भारतिय और अर्बी क्षेत्रों के बीच व्यापार में महत्वपूर्ण भूमी का निभाई
08:39पुरात त्वविद अब इस प्राचीन शहर की दिवारों और नीव की खोज के लिए पानी के नीचे विस्तरित खुदाई की योजना बना रहे हैं
08:49एक इस सिनहा के अनुसार द्वारका में न केवल समुद्र के भीतर बलकी भूमी पर भी खुदाई की गई है
08:56दस मीटर गहराई तक की खुदाई में सिक्के और कई कलात्मक अवशेश मिले हैं
09:02जिनकी बनावट समुद्र के भीतर मिले अवशेशों से मेल खाती है
09:06भारत के समुद्री तकनीकी मंत्राले के पूर्व मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने इस खोज को लेकर बताया
09:13की धवनी चित्रन, सोनार इमेजिंग, सिमानव निर्मित सनरचनाई और एक प्राची नदी का भी पता चला है
09:21जो लगभग 9 किलो मीटर लंबी है
09:23इसी नदी के किनारे इस सभ्यता के कई अवशेश मिले है
09:28समुद्र से प्राफ लकडी के शिल्प पर कारबन डेटिंग की गई
09:31जिससे ये स्पष्ट हुआ
09:33की वे लगभग 9000 साल पुराने है
09:36इस एतिहासे खोज के लिए मंत्राले ने एक विशेश दल का गठन किया था
09:41जिसका उद्देश शिर इस परियोजना को आगे बढ़ाना
09:45और द्वार का जैसे प्राचीन स्थलों से जुडाव का पता लगाना था
09:49पुरानों और धर्म ग्रंथों में वर्ने द्वार का नगरी
09:53और उसके समुद्र में समा जाने की कथा वर्षों से शोद का विशे रही है
09:58एक सिन्हा ने माना कि इस परियोजना को निश्पक्ष रूट से पूरा करने के लिए
10:03गहरी समुद्री सनरचना और अनुबवी गोता खोरों की आवशकता है
10:08जो समंदर की गहराईयों तक पहुँच सके
10:11द्वार का के डूबने के कारण को लेकर विभिन्न मत है
10:15कुछ इसे प्राकृतिक आपदा मानते हैं
10:18वही वैग्यानिकों का मानना है कि 9000 साल पहले जब हिम्युक का अंत हुआ
10:23तो समुद्र का जल स्तर इतना बढ़ गया कि कई प्राची नगर पानी में डूब गये
10:28उन्ही में से एक द्वार का भी था
10:31एक मत ये भी है कि द्वार का लगभग 3500 वर्ष पूर्व पुनह प्राप्त भूमी पर दुबारा बसाया गया था
10:39लेकिन बाद में समुद्र के स्तर में व्रिद्धी होने से ये डूब गया
10:43वैग्यानिक अध्येनों से ये भी सामने आया है कि वर्ष 1000 के आसपास समुद्र का स्तर कई बार उपर नीचे हुआ
10:52जिसके कारण तटिय कटाव और भूगर भी हल चले इस नगर के विलुप्त होने में भूमी का निभा सकती है
10:59वर्तमान में चल रहे शोध और अब तक मिले प्रमान ये बताते हैं कि द्वार का कोई कलपना नहीं बलकी एक एतिहासिक सत्य है
11:07महाभारत में वर्नित शहर आज भी मौजूद है ये भी रोचक तथ्य है कि महाभारत में जिन 35 नगरों का उल्लेक मिलता है वे आज भी हमारे बीच मौजूद है
11:19उदाहरन स्वरूप, इंद्रप्रस्थ, आज की दिल्ली, हस्तिनापूर, उत्तर प्रदेश के मेरट जिले में, कुरुक्षेत्र, हरियाना का एक जिला, गांधार, आज का अफगानिस्तान, द्वार का, गुजरात का प्राचीन बंदरगाह शहर
11:38ये सभी नगर, वर्तमान भारत और पडोसी देशों के महाभारतिय इतिहास का प्रमान हैं
11:45दोस्तों, इस शोध और खोच से हम ये निशकर्ष निकाल सकते हैं कि द्वार का एक छोटा शहर नहीं था, बलकि एक सम्रिद और विस्तरत राज्य था
11:55ये सभी साक्ष और वैज्ञानिक प्रमान जब भविश्य में भारत की प्राचीन सभ्यता को प्रदर्शित करने के लिए प्रस्तुत किये जाएंगे, तो ये हमारे लिए अत्यंद गर्व की बात होगी
12:07श्री कृष्ण जीवन का सार हमें सिखाते हैं, व्यर्थ की चिंता त्याग कर वर्तमान में जीना, भैसे मुक्त होकर कर्म करना, और सत्य की रहा पर चलना
12:19लेकिन उनके द्वारा बसाई गई द्वार का नगरी के साक्षात दर्शन के लिए एक बार फिर समुद्र का मन्थन आवश्चक है, जो खोज आरंभ हुई है, उसे निशकर्ष तक पहुचाना ही हमारी सभ्यता के प्रती हमारी सच्ची श्रद्धांजली होगी
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