यूपी के वाराणसी के जिन युवाओं ने IAS और IPS बनने का सपना देखा था, वो बड़े सामाजिक बदलाव के सारथी बन गए हैं. इन युवाओं प्रेरित होकर सैकड़ों महिलाओं ने नशा और जुआ जैसी सामाजिक बुराइयों को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठा रखा है. 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत के बाद इनकी सोच को नई दिशा मिली.. इन्होंने महिलाओं की ग्रीन आर्मी बनाकर खुले में शौच के खिलाफ आवाज बुलंद की. बीतते वक्त के साथ नशा, बाल विवाह, दहेज उत्पीड़न जैसी चीजें इनमें जुड़ती गईं. 100 गांवों की करीब 2200 महिलाएं इस अभियान से जुड़ी हैं.
00:00४ के वारानसी में जिन युवाओं ने आईएस और आईपीस बनने का सपना देखा था वो बड़े समाजिक बदलाव की बजह बन गए इनसे प्रेरित होकर सैकडों महिलाओं ने नशा और जुआ जैसी समाजिक बुराईयों को जड़ से खत्म करने का वीड़ा उठा रखा ह
00:30अपना दरवाजा बंद कर लिए
00:312014 में सुच भारत मिशन की शुरुआत के बाद इनकी सोच को नई दिशा मिली
00:36इन्होंने महिलाओं की ग्रीन आरवी बना कर खुले में शुच के खिलाफ आब आज बुलंद की
00:40बीते वक्त के साथ नशा, बालविभा, दहेज, उद्विडन जैसी चीजें इन में जूरती गए
00:45ये महिलाओं में एक संगठन बनाकर समू के तौर पे सब्ता में दो से तिन दिन पूरे गाओं का दौरा करती है
00:55और जो शराबी मिलते हैं, जो जुवारी मिलते हैं, हाथ जोरकर उनको समझाती हैं, अपने परिवार वालों को पहले समझाती हैं, जो जुवारी शराबी अगर परिवार में हैं तो ये हाथ जोरकर निवेदन करती हैं
01:06ॐ
01:36has been working on the other side, but my friends and my friends and my friends have
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