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  • 2 weeks ago
"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!


🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता

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Transcript
00:00का कलज गिरा कर ग्रह प्रविश करती है तब घुंगट वाली सास बहु की आरती करती है बहु अंदर आ जाओ जी मा जी लेकिन आपने पर्दा क्यों किया है घर में आई नहीं हो और आते ही प्रेशन पूछने लग गई पर्दा तो तुम्हें भी करना पड़ेगा इस घर की �
00:30हम अच्छे से जानते हैं तुम बहुत बड़े अमीर घर की मौड़न बहु है लेकिन पर्दा तो करना ही होगा जब मेरी बहु इतने साल उसे आज तक कर रही है तो तुम्हें भी करना होगा जी बड़ी दादी
00:40चारू फॉरान अपना घूंगट कर सास और दादी सास के कहने पर घर की सारी रस्मों को निभाती है अगले दिन जब वो पहली रस्मों कर रही थी तो पर्दे की यार में उसे दर्वाजा दिखाई नहीं देता और वो सिर में मार बैठती है
00:52हे राम यह मैं कैसे ससुरहाल में आ गई हूँ जहां सास को बड़ी दादी ने आज तक पर्दा करवा कर रखा है आज कल का तो मौडन जमाना मैं कैसे रहूंगे इस पर्दे में उपर से चोट लग गई
01:06ठीरे बोलो किसी ने सुन लिया तो मसीबत हो जाएगी और जो तुमने पर्दा हटा दिया इसे रख लो कहीं बड़ी दादी ने देख लिया तो गड़ बड़ हो जाएगी
01:16जिठानी जी थोड़ी सी चैन की सास तो लेनी दीजे कुंगट में पूरा खाना बनाना है सामान निकाल कर रख लेती हूं आप देखते रहना दर्वाजे पर
01:25पर्दे वाली जिठानी उसकी बात मान जाती है चारू मसाले निकाल ही रही थी इतने में बड़ी दादी आ जाती है
01:31ये क्या हो रहा है चारू बहू कली तो मैंने तुम्हें समझाया था कि यहां की औरते पर्दे में रहती है इसके बात भी तुम
01:38चारू डर से फोरण परदा कर लेती है
01:41यह कहकर बड़ी दादी चली जाती है
02:01कुछ दिर बाद सब नई बहु के हाथ की पहली रसोई का खाना खाते हैं
02:05जहां परदे के चक्कर में कटोरी की जगा टेबल पर सबजी पूरी परोस देती है
02:09अरे बहु परदा तो मैंने भी किया है पर तु यह क्या हरकत कर रही है
02:13सौरी माजी गलती से हो गया माजी शुरू कीजिए
02:16बहु अपी तेरी तीन नंद मैंसे दो नंदाई नहीं है
02:21इस घर का नियम है कि जब तक डाइनिंग टेबल पर सब लोग ना आ जाएं कोई खाना शुरू नहीं करता
02:28यह भगवान इस घर के नियम सुन सुन के तो मेरा दिमाग भट रहा है
02:32यहां मेरे पेट में हाथी चूहा दोड रही है
02:35यह पोता बहु मन में क्या बढ़ बढ़ाय जा रही है
02:37मुझे साथ पता चल रहा है इस परदे को आ नीचे कर तेरी ठोड़ी ना दिखे
02:42जी माजी
02:43अरे यार बहुत जोरों से भूग लग रही है
02:48चेतना देखकर आना मॉनिका कहा गई
02:50मैं लेकर आती हूँ
02:52चेतना मॉनिका को कमरे में बुलाती है
02:54इतने में दोनों बेटे भी अपने कमरे से डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ जाते हैं
02:58जिसके बाद सभी लोग खाना खा पाते हैं
03:01खाना खाकर बहु को पहली रसोई का शगुन दे दिया जाता है
03:04ऐसे ही वक्त गुजरता है
03:05मॉडर्ण बहु ने कई सारी चीज़ें अपने मन में दबा ली थी
03:08ओपर से घर की सारी औरतें परदे में रहती थी
03:12एक दिन चारो शशी से कहती है
03:14शशी हम दोनों को कितने दिन हो गए
03:17एक दूसरे के साथ प्राइवेट टाइम ही नहीं मिला
03:19मुझे कैंडल लाई डिनर पर जाना है तुम्हारे साथ
03:21चलो ना मुझे कर ले कर चलो
03:23यार तुम बड़ी दादी का गुसा जानती हो ना
03:26इस घर में कोई बाहर जाकर खाना नहीं खा सकता
03:28भूल जाओ हम बाहर तो नहीं जा सकते
03:31इसका मतलब शशी में जिन्दगी भर इन लोगों के साथ ही खाना खाऊंगी
03:35क्या हमारा अपना कोई टाइम नहीं है क्या
03:37आइडिया तुम बोलना मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है
03:39अगले दिन से परदे वाली बहु पेट दर्द का नाटक करते है
03:48और जब पती ऑफिस से घर आ जाता है तो परदे में उसे बाहर ले जाग रहा होता है
03:53तब बड़ी दादी
03:54शाशी तुम बहु को कहा लेकर जा रहा है
03:57बड़ी दादी इसके पेट में बहुत दर्द हो रहा है
03:59एक बार डॉक्टर को दिखा कर लाना चाहता हूँ
04:02अरे इतना दर्द था तो बहु हमें पहले बता देती क्यों छोरे को परेशान कर रही है यह लता बहु
04:08जब बहु को पेट दर्द का नुस्का बता दे क्या पता ठीक हो जाए
04:11लेकिन दादी
04:12सबर करो भाई
04:13हे भगवान इस बुड़ी ने मेरा अलग खून पी रखा है
04:17इतने में लता ओम वधी की बात सुन बहु को नुस्का बना कर दे देती है
04:21जिसे अपने कमरे में जाकर वो पीती ही नहीं है
04:23और गुस्ते से पती पर फूट पड़ती है
04:25शशी तुम मुझे ये बताओ
04:27तुम्हारी दादी सबकी जिन्दगी में इतना टांग क्यो उड़ाती है
04:30क्या उनकी वज़े से हमें सास मिल रही है
04:32हर बात पर नचाती फिरती है
04:34अब मैं करूं तो करूं क्या
04:36यही बात तीनों नंद सुनकर कमरे में आती है
04:40भाबी भया हमारी एक फ्रेंड़्य में बद्धे पार्टी दी है
04:43लेकिन लौंज में और हमारा ड्रेस कोड बन पीस है
04:46हम बाबर कैसे जाएं आपको पता है ना
04:48बड़ी दादी सुनते ही मना कर देंगी
04:50हाँ बाबी कुछ तो करो ना
04:53मेरे पास एक तरकीब है सुनो
04:54चारू की तरकीब सुनते ही तीनों नंद
04:56खुशी से उचल पड़ते हैं
04:58और शेशी के चैरे पर बारा बच जाते हैं
05:00फिर दोनों नंद बुर्खा पहन
05:02मौनिका के साथ जा रही होती है
05:04तब ही बड़ी दादी शक की नजरों से देखकर
05:06उसे रोकती है
05:07ए मौनिका ये तेरी दोनों सहलिया कौन है
05:10जो बुर्खे में घर के अंदर आई है
05:12दादी वो ये मेरी फ्रेंड है
05:16कुछ कॉलेज के काम से नोट्स के लिए आई थी
05:19ठेक है चली जाएंगी लेकिन इनको बोल पहले अपनी शकल दिखाए
05:23अरे अब तुम मर गए रे
05:26तबी तीनों नंद बाहर चली जाती है
05:48और मौल में कपड़े बदल कर अपनी नई भावी को थेंक्स कहती है
05:52और लाउन जाकर फ्रेंड्स का बॉर्थ दे मनाती है
05:55वाव भावी कितना कमाल का आइडिया था
05:59इस टाइम टू डिसको
06:01कौन में ले देखो किसको
06:04इस टाइम टू डिसको
06:06ऐसे घर के लोग अब बाते छुपा कर परदा करके अपने अपने मन का सब कुछ करते थे
06:11जेट जिठानी जूट बोलकर मूवी देखने जाते हैं
06:14देवर देवरानी हाथ पर चोड लगा कर अस्परताल के बहाने से
06:17रेस्टरॉन में खाना खाने चले जाते हैं
06:20बड़ी दादी को पता लगने पर वो अपने बेटे से कहती है
06:22मोहनला तू देख रहा है न ये सब लोग मुझे पागल समझते हैं
06:27नहीं पता मैंने ससुराल में किसलिए परदा करवाया था
06:30पर अब तो ये एक के उपर एक परदा करने लगे हैं जूट बोलकर
06:35बाहर मुवी देखने जाते हैं रेस्टरान का खाना खाने जाते हैं
06:39हा मा कुछ कैभी तो नहीं सकते दोनों बेटे अपनी पद्मियों के साथ घूम रहे हैं
06:44और वो तो छोड तेरी तीनों बेटियां भी जूट बोलकर डिस्कों में गई थी
06:48वो तो पड़ोसी से पता चला मुझे
06:49हो ना हो ये सब मौडन बहु की वज़े से हुआ है
06:52वरना आज तक इस घर में कुछ भी ऐसा नहीं हुआ था
06:56शाम को फिर परदा करके सबी और ते घरवालों के साथ खाना खा रही होती है
07:00कि उमवती को तेज मिर्च से खांसी उड़ जाती है और वो पानी पीती है
07:04ना चाहती हुए भी घरवालों को अगले दिन से उबला हुआ खाना खाना पड़ता है
07:27तीनो सास बहु बेटियां रसुई में रहती है
07:29अब तो हद हो गई है बड़ी दादी की वज़े से उबला हुआ खाना खाना पड़ता है
07:34एरे मैं क्या बोलू मैं तो खुद बरेशान हूं माजी से
07:37माजी चार दिन से उबला हुआ दोनों टाइम खाना खाकर अब तो मेरी भी हिम्मत नहीं हो रही है
07:42लेकिन कल घर के पास मेला लगा हुआ है चलिये नहीं वहाँ सब चलकर चार्ट पकोडी मंचूरियन चिली पोटैटो चाइनीज मोमोस ये सब कहते हैं
07:50अरे बहु हम सब का माजी के सामने से मेले में पहुँचना असंभाव है अब असंभाव है तो संभाव करेंगे सब अलग अलग बहाना मार कर पाँच बजे मेले में मिलेंगे बात खत्म
08:02अगले दिन दोनों बेटे आफिस से ही मेले में पहुंच जाते हैं
08:08देवरानी जिठानी सबजी का बोल कर मेले में पहुंच जाती है
08:11तिनों नंदर ट्यूशन के बहाने मेले पर पहुंचती है
08:13लास्ट में सास मंदर का बोल कर मेले में चली जाती है
08:17तब उम्बती मुहलाल से कहती है
08:19जीब बात है बेटा घर के सारे लोग किसी ना किसी काम से तुरंत चले गए
08:24जरूर दाल में कुछ काला है बहु भी शाम के पांच बजे मंदर में गई है
08:29मैं भी यही सोच रहा हूं मा
08:32इतने में उम्बती अपने बेटे के साथ और्टो से मेले में पहुँच जाती है
08:39जहां देखती है पूरा परिवार हसी ठाके के साथ गोल गप्री चाट पाप्री का मज़ा ले रहे थे
08:44अरे वा कितने दिनों बाद मैं कुछ चट पटा खारी हूं
08:48हाँ मा जी मैं भी
08:49अच्छा तुम्हारा मंदेर आफिस ट्यूशन बाजाग ये है न मुझे नहीं पता था अब तुम लोग इतना परदा करने लगोगे कि मुझे जूट बोलोगे
08:59लता बहु तुम भी अपनी बहु के साथ मिल गई
09:02हाँ मा जी तो क्या करूं चालीस सालों से आपके एक इशारे को मान रही हूं
09:07अरे मेरा दिल भी करता है कि मैं अपने मन का करूं
09:11और बड़ी दादी हम सब भी कब तक अपने मन को मार कर आपकी बात सुनेंगे
09:15कब तक आपके इशारों पर कटफुतली की तरह नाशते रहेंगे
09:18मैं अपने पती के साथ कहीं बाहर नहीं जा सकती कुछ खा नहीं सकती
09:21क्या शादी के बाद हमें इतनी भी आजादी नहीं है
09:24और वो तीनों उनकी शादी हो जाएगी वो कब अपनी जिन्दगी को जियेंगी
09:28सच बोलू तो नजरे चुराना जूट बोलना परदा करना
09:31ये सब आपकी बात मानने की वज़े से ही हो रहा है
09:33अगर आप सब कुछ कंट्रोल में नहीं करती तो सब ठीक होता
09:37वा बहू आज तुम्हारी ये सब बात सुनकर बुरा तो लगा लेकिन ठीक भी है
09:43मैं कब तक सब को कंट्रोल करूँगी चलो अब से ये सब बंद आज मैं भी थोड़ा चाट पकोड़ी खाऊंगी
09:49इस तरह से उमबती घर के नियमों को बदल देती है
09:53जिससे घर के लोग उससे परदा करना छोड़ देते हैं
09:56और मिल जुल कर
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