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Transcript
00:00Dīdī, आपको चोरी छिपे ये सब करने में बड़ा मज़ा आता है ना?
00:05लेकिन आज पकड़ी गई.
00:06अगर चाहती हो कि मैं किसी को कुछ ना बताऊं तो मुझे भी.
00:10नेहा गौसे में बोली, क्या बकवास कर रहा है?
00:12अगर घर में किसी को पता चल गया, तो क्या होगा अंदाजा भी है?
00:17नमस्ते दोस्तों, कैसे हो आप सब?
00:19आज मैं आपके लिए एक और जबरदस्त कहानी लेकर आई हूँ.
00:23अमन सिर्फ 16 साल का था.
00:24तब ही से उसे गंदी किताबें पढ़ने और मुबाइल पर आपत्ति जनक फेल में देखने की लट लग गई थी.
00:31इस कारण उसकी पढ़ाई में दिल्चस्पी कम होने लगी थी.
00:34अमन एक संयुक्त परिवार में रहता था.
00:37घर में उसके ताउजी की बेटियां भी अब बड़ी होने लगी थी.
00:40चूँकि अमन की अपनी कोई बहन नहीं थी, उसकी चचेरी बहने उसे बहुत दुलार करती थी.
00:46लेकिन जब से अमन गलत संगती में पढ़ा, तब से उसकी सोच भी बदलने लगी.
00:51वहाकिद ये अपनी बहनों को भी गलत नजर से देखने लगा था.
00:55एक दिन वह चचच पर टहल रहा था.
00:58तब ही उसने वहाँ बने छोटे से कमरे से कुछ अजीब आवाजें सुनी.
01:02जिज्यासा में वह उधर बढ़ा.
01:04उसने देखा कि उसकी ताउजी की बड़ी बेटी नेहा मोहले के एक लड़के अजय के साथ वहाँ छिपकर रोमांटिक पल बिता रही थी.
01:13ये सब देखते ही अमन का दिमागा खराब हो गया.
01:16वह अपनी जगह अजय को देखकर जलने लगा.
01:18खोड़ी देर बाद वह चुपचाप दूसरी छट से कूद कर अपने कमरे में लौटाया.
01:23लेकिन उसके मन में सवाल घूम रहे थे.
01:26वह तुरंत नेहा के पास पहुंचा.
01:28नेहा उसे देखकर घबरा गई.
01:30नेहा, अमन तुझे यहाँ क्या काम?
01:33अमन हलकी मुस्कान के साथ बोला.
01:35दीदी, आपको चोरी छिपे यह सब करने में बड़ा मज़ा आता है न?
01:39लेकिन आज पकड़ी गई.
01:41अगर चाहती हो कि मैं किसी को कुछ ना बताऊं,
01:43तो मेरी भी किसी लड़की से दोस्ती करवा दो.
01:46नेहा गुसे में बोली.
02:02अमन, मैं अजय से प्यार करती हूँ.
02:09उसकी नौकरी लगते ही हम शादी करने वाले हैं.
02:12लेकिन तुम बहुत घटिया बात कर रहे हो.
02:14अमन शातिर हसी के साथ बोला.
02:17सोच लो वरना मैं तुम्हारी पोल खोल दूँगा.
02:19और ये भी कह दूँगा कि मोहले के कई लड़कों के साथ तुम्हारा चकर है.
02:23फिर अजय भी तुम्हें छोड़ देगा.
02:26तब ही अचानक अमन को अपने कंधे पर किसी का हाथ महसूस हुआ.
02:30उसने चौक कर पीछे देखा.
02:31वह उसकी मा गीता थी.
02:33गीता ने गोस्से में अमन को जोरदार थपड मारा और बोली.
02:37नालायक, अपनी बेहन से इस तरह कोई बात करता है क्या?
02:41मुझे तुझे अपना बेटा कहते हुए शर्म आ रही है.
02:45आज के बाद अगर तुझे नेहा को परेशान करेगा,
02:48तो मुझे से बुरा कोई नहीं होगा.
02:50इसके बाद गीता ने नेहा को समझाया.
02:53बेटी, अगर तुम्हें अजय पसंद है,
02:55तो अपने मम्मी पापा से बात करो.
02:58लेकिन कोई गलत कदम मत उठाना.
03:00नेहा ने सहमती में सिरहिला दिया.
03:02उसी शाम उसने अपने माता-पिता को सब कुछ बता दिया.
03:06जल्द ही नेहा और अजय की सगाई हो गई.
03:08उधर अमन को उसकी गलती का एहसास हुआ.
03:11वह समझ गया कि गलत सोच इनसान को कहीं का नहीं छोड़ती.
03:15नेहा और अजय की सगाई के बाद अमन के अंदर हल्चल मची हुई थी.
03:19वह समझ नहीं पा रहा था कि जो कुछ हुआ वह सही था या गलत.
03:23उसकी माँ गीता ने उसे चेतावनी तो दी थी,
03:26लेकिन उसके मन से गंदी बातें आसानी से निकलने का नाम नहीं ले रही थी.
03:30एक दिन अमन की माँ ने उसे अपने पास बुलाया.
03:34गीता, बेटा तेरा मन पढ़ाई से भटक गया है.
03:37तुझे कुछ करना चाहिए?
03:39अमन ने जुझलाते हुए कहा.
03:41क्या करूं माँ?
03:43पढ़ाई में दिल ही नहीं लगता.
03:45गीता ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरा और बोली,
03:48बेटा, अगर तू ऐसे ही चलता रहा,
03:50तो तेरा भविश्य बरबाद हो जाएगा.
03:53मैं चाहती हूँ कि तू कहीं बाहर जाकर अपनी जिन्दगी को नया मोड़ दे.
03:57अमन को अपनी मा की बात सुनकर थोड़ा अजीब लगा,
04:00लेकिन उसे लगा कि शायद यही सही रहेगा.
04:03कुछ ही दिनों में,
04:04अमन के पिताजी ने उसे शहर के एक अच्छे स्कूल में भरती करवा दिया और उसे हॉस्टल भेज दिया.
04:09नया माहौल, नये लोग, शुरुवात में तो अमन को अच्छा नहीं लगा, लेकिन धीरे-धीरे उसकी सोच में बदलावाने लगा.
04:15वहाँ उसकी मुलाकात रवी नाम के एक लड़के से हुई.
04:18रवी पढ़ाई में तेज था और अनुशासित जीवन जीता था.
04:22एक दिन रवी ने अमन से पूछा, भाई, तुझे यहां आकर कैसा लग रहा है?
04:27अमन ने ठंडी सांस लेते हुए कहा.
04:30पहले तो गुस्सा आता था कि मुझे जबरदस्ती यहां भेज दिया गया.
04:34लेकिन अब लग रहा है कि शायद मेरे लिए यही सही था.
04:37रवी हंस्ते हुए बोला,
04:39बिल्कुल, अगर तू सही रास्ते पर चलेगा तो तेरा भविश्य अच्छा होगा.
04:44अमन ने रवी से दोस्ती कर ली.
04:46धीरे धीरे वह पढ़ाई में भी ध्यान देने लगा
04:48और अपनी पुरानी आदतें छोड़ने की कोशिश करने लगा.
04:51कुछ साल बाद अमन ने अपनी स्कूल की पढ़ाई पूरी कर ली
04:54और अच्छे नंबरों से पास हुआ.
04:56उसके माता-पिता को उस पर गर्व महसूस हुआ.
04:59एक दिन जब वह अपने पुराने मोहले में वापस आया,
05:02तो उसने देखा कि नेहा अब अजय के साथ
05:05खुशहाल, शादी, शुदा, जिन्दगी जी रही थी.
05:08अमन को देखकर नेहा मुस्कुराई और बोली,
05:10अमन तुझे देखकर बहुत अच्छा लग रहा है.
05:13लगता है अब तू समझदार हो गया है.
05:16अमन ने सिर जुका दिया और कहा,
05:18हाँ दीदी, मैंने अपनी गलती मान ली.
05:21अब मैं अपनी जीवन में कुछ अच्छा करना चाहता हूँ.
05:24नेहा ने उसके सिर पर हाथ फेरा और कहा,
05:26यही तो मैं सुनना चाहती थी.
05:28अमन ने अपने अतीद को पीछे छोड़ दिया,
05:31और एक नई जिन्दगी की शुरुआत की.
05:34हर कोई गलत राह पर जा सकता है,
05:36लेकिन असली ताकत उसे छोड़ कर सही राह पर आने में है.
05:40अमन ने अपनी पुरानी गलतियों से सबक लिया,
05:43और जिन्दगी को सही दिशा देने की ठानी.
05:45उसने पढ़ाई में महनत की, और कॉलेज में एडमिशन लिया.
05:48वह अब खुद को पहले से ज्यादा मजबूत और आत्म निर्भर महसूस करने लगा था.
05:54एक दिन कॉलेज में अमन लाइब्रेरी में बैठा था.
05:57तभी एक लड़की आई और उसके पास वाली कुर्सी पर बैठ गई.
06:00लड़की का नाम साक्षी था.
06:02वह तेज तर्रार और पढ़ाई में होश्यार थी.
06:06अमन ने पहले तो ज्यादा ध्यान नहीं दिया.
06:08लेकिन जब दोनों की बातचीत बढ़ी,
06:10तो अमन को महसूस हुआ कि साक्षी उससे काफी अलग थी.
06:14संगर्षों से भरी,
06:15लेकिन फिर भी आत्म निर्भर और आत्म सम्मान से भरी हुई.
06:19एक दिन साक्षी ने अमन से पूछा,
06:21तुम इतने चुब-चुब क्यों रहते हो?
06:23तुम्हारी आँखों में ऐसा क्या है,
06:25जो बाकी सबसे अलग है?
06:27अमन मुस्कुराया और बोला,
06:29शायद अतीत का बोज जिसे मैं पीछे छोड़ रहा हूँ.
06:32साक्षी ने सिर हिलाया और कहा,
06:35अतीत को जितना पकड़ कर रखोगे,
06:37उतना ही वह तुम्हें जकड़ता जाएगा.
06:39जिंदगी आगे बढ़ने के लिए है,
06:41पीछे देखने के लिए नहीं?
06:43अमन को यह सुनकर बहुत सुकून मिला.
06:45साक्षी की बातें उसके दिल में उतरने लगी.
06:48धीरे धीरे दोनों अच्छे दोस्त बन गए,
06:50और साक्षी की वजह से अमन में और ज्यादा सकारात्मक बदलाव आने लगे.
06:55कुछ साल बात जब अमन कॉलेज से ग्रेजुएट होकर वापस घर आया,
06:59तो उसने देखा कि मोहले में बहुत कुछ बदल गया था.
07:03नेहा अब दो बच्चों की माँ बन चुकी थी,
07:05और अजय के साथ खुशाहाल जीवन बिता रही थी.
07:09अमन ने हिम्मत जुटा कर नेहा से कहा,
07:12दीदी, मैं अपनी पुरानी हरकतों के लिए माफी माँगना चाहता हूँ.
07:16तब मैं बहुत गलत था, लेकिन अब मैं बदल चुका हूँ.
07:19नेहा मुस्कुराई और बोली,
07:22अमन सच कहूं तो मुझे तुझ से यही उम्मीद थी.
07:25हर इंसान गलतियां करता है,
07:27लेकिन जो उन्हें सुधारता है,
07:28वही असली इंसान कहलाता है.
07:31अमन की आँखों में आशु आ गए.
07:33उसने अपनी पुरानी गलतियों से न केवल सबक लिया,
07:37बल्कि खुद को पूरी तरह बदर डाला था.
07:40अमन ने आगे जाकर अपनी पढ़ाई पूरी की,
07:43और एक अच्छी नौकरी पाली.
07:45उसने साक्षी के साथ मिलकर एक संस्था खोली,
07:48जहां वे बच्चों को सही मार्ग दर्शन देते,
07:50और उन्हें बुरी लतों से बचने की शिक्षा देते थे.
07:54अब अमन का लक्ष साफ था.
07:56अगर मैं बदल सकता हूँ,
07:58तो कोई भी बदल सकता है.
08:00गलत रास्तों से लोटकर सही राह पर आना ही असली जीत है.
08:04अमन की संस्था धीरे-धीरे नाम कमाने लगी.
08:06उसकी मेहनत और साक्षी की दूर द्रिष्टी ने कई युवाओं की जिन्दगी बदल दी.
08:11वे उन बच्चों के लिए काम कर रहे थे,
08:13जो भटकाव और नशे की लत जैसी गलत आदतों का शिकार हो जाते थे.
08:17एक दिन एक प्रतिष्ठित समाजिक संगठन ने अमन को सम्मानित करने के लिए बुलाया.
08:22जब अमन मंच पर पहुंचा, तो उसने अपनी कहानी सब के सामने रखी.
08:26कैसे वा खुद भी भटक गया था?
08:29कैसे नेहा दी दी और उसकी माने उसे सही रास्ता दिखाया?
08:33और कैसे साक्षी ने उसे प्रेरित किया?
08:36अमन ने कहा, अगर आप गलत रास्ते पर चल रहे हैं, तो कोई भी आपको जबर्दस्ती सही राह पर नहीं ला सकता.
08:43बदलाव आपके अंदर से आना चाहिए.
08:45मैंने खुद को बदला और अब मेरी कोशिश है कि औरों की जिन्दगी भी बहतर बना सकूँ.
08:50इस भाशन के बाद अमन की कहानी और उसकी संस्था की चर्चा पूरे शहर में होने लगी.
08:55संस्था का काम अच्छा चल रहा था और इस बीच अमन और साक्षी की दोस्ती और गहरी हो गई.
09:01वे अब सिर्फ अच्छे दोस्त नहीं रहे बल्कि एक दूसरे की सोच और मेहनत के प्रति सम्मान भी बढ़ने लगा.
09:07एक दिन साक्षी ने पूछा, अमन तुमने इतनी महनत से अपने अतीत को बदला? लेकिन क्या तुमने कभी अपने भविश्य के बारे में सोचा है? अमन मुस्कुराया. हाँ सोचा है. और मैं चाहता हूँ कि उसमें तुम भी शामिल हो. साक्षी चौंक गई. फिर मुस्क�
09:37जवाओं के भविश्य को भी समवार रहे थे. जब नेहा को अमन और साक्षी की शादी की खबर मिली, तो उसकी आँखों में खुशी के आंसु आ गए. उसने अमन को गले लगाते हुए कहा, मुझे तुम पर गर्व है. अब तुम न सिर्फ मेरे भाई हो, बलकि समाज के ल
10:07जाकर बच्चों को सही मार्क दिखाने लगे. उनकी कहानी प्रेड़ना बन गई. कि इनसान चाहे कितनी भी गलत रहा पर चला जाए, अगर वह सच में बदलना चाहे, तो कुछ भी ना मुम्किन नहीं. गलत रहा पर चलना आसान है, लेकिन सही रह चुनना हिम्मत का काम है.
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