03:06अंकित में मुस्कुराते हुए कहां अब मैं खुद पर काम कर रहा हूँ.
03:11मैंने कॉलेज के कुछ कोर्सिज जॉइन कर लिये हैं
03:14और मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना चाहता हूँ.
03:18मैंने उसकी बातों पर गर्व महसूस किया और कहां बहुत अच्छा किया, अंकित.
03:23यही सही रास्ता है तुम्हें अपने भविश्य पर ध्यान देना चाहिए.
03:28इसके बाद हमारा रिष्टा फिर से सामान्य हो गया.
03:32अंकित अब मुझसे पहले की तरह इज़ट से पेश आता था और मैंने भी उसे एक समझदार और परिपक्व इंसान के रूप में देखा.
03:41उस घटना के बाद हम दोनों ने कभी भी उस बात का जिक्र नहीं किया और धीरे-धीरे वह बात हमारे बीच के रिष्टे से दुंदली हो गई.
03:49अंकित ने अपने जीवन में आगे बढ़ने का फैसला किया और मैं भी अपने जीवन में शान्ती महसूस करने लगी.
03:57अंकित के साथ मेरा रिष्टा अब पहले जैसा सहेज और सामान्य हो चुका था.
04:02उसने अपनी पढ़ाई और करियर पर ध्यान देना शुरू कर दिया था और मैं भी घर की जिम्मेदारियों में व्यस्त हो गई थी.
04:10कुछ महीनों बाद मेरे पती राजीव विदेश से लोटने वाले थे.
04:15उनकी वापसी की खबर ने घर में एक नई रौनक ला दी थी.
04:20अंकित भी इस खबर से काफी खुश था जैसे उसे भी किसी का इंतजार था.
04:25राजीव के वापस आने के बाद घर में माहौल बिलकुल बदल गया.
04:30उनकी मौजूद्गी से एक नई उर्जा आई और मैं भी अब पहले से कहीं ज्यादा सुकून में थी.
04:37एक दिन हम सभी रात के खाने पर बैठे थे.
04:41राजीव ने अंकित से उसकी पढ़ाई और करियर के बारे में पूछा.
04:45अंकित ने पूरे आत्मविश्वास के साथ बताया कि उसने अब अपने करियर की दिशा तै कर ली है और वहाँ इसे लेकर गंभीर है.
04:54राजीव ने गर्व से उसकी तरफ देखा और कहा मुझे तुम पर गर्व है अंकित.
04:59तुमने सही फैसला लिया.
05:02मेहंत से ही आगे बढ़ा जा सकता है.
05:05अंकित ने मुस्कुराते हुए हामी भरी.
05:08उसकी आंखों में अब पहले वाली बेचैनी नहीं थी बलकी एक नई जिम्मिदारी और समझदारी जहलक रही थी.
05:16समय बीटा गया और अंकित ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली.
05:21वह अब एक जिम्मिदार युवा बन चुका था.
05:24उसकी जिन्दगी में एक नई शुरुआत हो रही थी और मैं भी खुश थी कि हमने उस कठिन समय को पीछे छोड़ दिया था.
05:32कुछ साल बाद अंकित की शादी तै हो गई.
05:35जब उसने अपनी मंगेतर के बारे में बताया तो उसकी आंखों में एक अलग ही चमक थी.
05:42शादी के दिन उसने मुझसे कहा भावी आप मेरी जिन्दगी में सबसे बड़ी मार्ग दर्शक रही हैं.
05:49अगर आपने मुझे उस समय सही रास्ता नहीं दिखाया होता तो शायद मैं अपनी जिन्दगी को यूँ संभाल नहीं पाता.
05:56मैंने उसकी बाते सुनकर हलकी सी मुस्कान दी और कहा अंकित तुमने खुद को जिस तरह से संभाला उस पर मुझे गर्व है.
06:05जीवन में कभी-कभी हमें मुश्किल रास्तों से गुजरना पड़ता है लेकिन वे ही हमें सही दिशा दिखाते हैं.
06:12अंकित की शादी खुशी-खुशी संपन्ध हुई.
06:15उसके बाद से हमारा रिष्टा और भी मजबूत और गहरा हो गया.
06:20अब वह मेरे लिए एक छोटे भाई से भी ज्यादा बन चुका था और मैं जानती थी कि हमने मिलकर एक मुश्किल दौर को पार कर लिया था.
06:29अंकित की शादी के बाद घर में एक नई रौनक छा गई थी.
06:33उसकी पत्नी नहा बहुत ही समझदार और मृदुभाशी थी.
06:38उसने बहुत जल्दी घर की जिम्मेदारियों को अपने कंधो पर ले लिया जिससे मुझे भी आराम मिलने लगा.
06:45मैं खुश थी कि अंकित के जीवन में एक साथी आ गया था जो उसकी देखभाल करेगी और उसे आगे बढ़ने में मदद करेगी.
06:53राजीव भी अंकित और नहा के साथ काफी घुल मिल गए थे और हमारे बीच का पारिवारिक बंधन पहले से भी मजबूत हो चुका था.
07:14और थोड़ी जिजगते हुए बोली भावी अंकित ने मुझे सब कुछ बताया है. आपके धैर्य और समझदारी के बिना शायद वो कभी खुद को सही दिशा में नहीं ले जा पाता.
07:25मैं आपकी बहुत आभारी हूँ कि आपने उसे सही समय पर सही रास्ता दिखाया. मैंने उसकी बात सुनकर हलकी मुस्कान दी और कहा नहा जिंदगी में सब कुछ सीखने का समय होता है. अंकित ने जो किया वो गलती थी लेकिन उसने उसे सुधारने की कोशिश की और यही स�
07:55भरी और हमारी बातचीत के बाद मुझे एहसास हुआ कि समय के साथ रिष्टे कैसे बदलते और परिपक्व होते हैं. अंकित जो कभी एक नादान लड़के की तरह था अब एक जिम्मेदार पती और परिवार का सदस्य बन चुका था. कुछ सानों बाद नहा और अंकित के �
08:25बच्ची को गोद में उठाती थी तो मुझे लगता था कि हम सभी ने अपने अपने हिस्से की जिम्मेदारियों और गल्तियों से सीखते हुए यहां तक का सफर तै किया है. अंकित अब एक जिम्मेदार पिता बन चुका था और नेहा के साथ मिलकर वह अपनी बेटी का बह
08:55सामना किया और उससे और भी मजबूत हो गए. समय के साथ वह पुरानी बातें धुंधली पड़ गए और हम सबने मिलकर एक नई और बहतर जिन्दगी की शुरुवात की. अंकित और नेहा की बेटी आर्या अब घर की जान बन चुकी थी. उसकी मासूमियत और खिल-खिलाह
09:25अंकित और नेहा अपने नए जीवन की जिम्मेदारियों में पूरी तरह से रम गए थे. एक दिन जब हम सब लिविंग रूम में बैठे थे, अंकित अचानक गंभीर स्वर में बोला भाभी मैंने आज तक आपसे एक बात का ठीक से शुक्रिया नहीं कहा. अगर उस समय आ�
09:55उसकी बात सुनकर मुस्कुराते हुए कहां अंकित हर इनसान गलती करता है लेकिन सची जीत तब होती है जब हम उन गलतियों से सीख कर आगे बढ़ते हैं. तुमने अपनी जिन्दगी को जिस तरह से संभाला वो तुम्हारी महनत और समझदारी का नतीजा है. मैं सिर्फ ए
10:25उसका साथ दिया. मैंने दोनों को देखा और मन ही मन महसूस किया कि हमारी जिन्दगी में जो भी उतार्च धावाए उन्होंने हमें और भी मजबूत बनाया. रिष्टे ना सिर्फ खून के होते हैं, बलकि वो भरोसे और समझदारी पर भी तिकते हैं. समय के साथ आर्या ब
10:55सुनाते और उसे अपने अनुभवों से सीखने की बाते बताते. घर का माहौल अब पहले से कहीं ज्यादा सुखद और शांतिपूर्ण हो गया था. एक दिन जब आर्या स्कूल से लोटी उसने मुझे देख कर कहा दादी पापा कहते हैं कि आप बहुत समझदार हैं और हर म
11:25भी कहते हैं. लेकिन असली समझदारी ये है कि हम हमेशा एक दूसरे का साथ दे और मुश्किलों से हार ना माने. उस पल में मुझे एहसास हुआ कि समय चाहे कितना भी बदल जाए जीवन में जो सबसे महत्वपूर्ण होता है वो है आपसी प्यार सम्मान और रिष्टों की
11:55अपने रिष्टों को मजबूत किया और जीवन को नई दिशा दी. और इस तरह हमारे परिवार ने अपने उतार चड़ावों के बावजूद हमेशा साथ रहकर एक दूसरे का सहारा बने रहना सीखा. अब हर दिन एक नई सुबा लेकर आता था और हमारा परिवार एक दू
12:25थी. वह अपनी पढ़ाई में अवल रहती थी और अपने माता पिता अंकित और नेहा की उम्मीदों पर पूरी तरह खरी उतर रही थी. घर में उसकी सफलता की चर्चाएं होती और हम सभी उसके उज्जवल भविश्य को लेकर बहुत आशानवित थे. अंकित और नेहा अ�
12:55था. हम सब एक दूसरे का सहयोग करते थे और हर किसी की सफलता और खुशी में शामिल होते थे. एक दिन जब मैं अपने कमरे में अकेली बैठी थी तो राजीव ने पास आकर कहां तुमने देखा हमारे परिवार ने कितना लंबा सफर तै किया है पहले जो मुश्किले थी.
13:25दूसरे का साथ कभी नहीं छोड़ा. अंकित और नेहा अब कितने समझदार और जिम्मेदार हो गए हैं. और आर्या उसकी आंखों में तो जैसे पूरी दुनिया की चमक है. राजीव ने मेरी बातों पर सहमती जताई और कहां तुमने हमेशा सही किया. जो भी समय कठिन था
13:55एहसास हुआ. मैंने सोचा कि जीवन की कठिनाईयां हमें बहुत कुछ सिखाती हैं. लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात ये हैं कि हम कैसे उन परिस्तितियों से निकल कर अपने रिष्टों को और मजबूत बना पाते हैं. समय बीता गया और आर्या ने अपनी पढ़ाई प�
14:25शुरू कर दिया था. शादी का समय आ गया और घर एक बार फिर से सज़ज गया. आर्या की शादी में हमारे परिवार की खुशियों का कोई ठिकाना नहीं था. जब उसने अपनी नई जिन्दिगी की शुरुआत की तो मुझे फिर से वो दिन याद आए जब अंकित और ने
14:55था. आपने मुझे सही रास्ता दिखाया और आज मैं जो कुछ भी हूँ. उसमें आपकी बहुत बड़ी भूमिका है. मैंने उसकी ओर देखते हुए कहां अंकित जिन्दिगी में हर इंसान गलतियां करता है. महत्वपूर्ण ये है कि हम उन गलतियों से सीखें और आगे ब
15:25आज जब मैं अपनी बेटी की शादी होते देखता हूँ, तो मुझे लगता है कि आपने जो भी किया वो सही था. हम दोनों एक दूसरे को समझते हुए मुस्कुराएं और मैंने महसूस किया कि अब हमारा परिवार पूरी तरह से संतुलित और खुशाल हो चुका था. समय �
15:55हमेशा बना रहता था. और जीवन की ये यात्रा जो कभी मुश्किलों से भरी थी, अब एक शांति पूर्ण और सुखद अंत की ओर बढ़ रही थी. आर्या की शादी के बाद घर फिर से शांत हो गया था. उसके विदा होने के बाद एक अजीब सा खालीपन महसूस हो रहा
16:25किया. अंकित और नहा अपनी रोज मर्रा की जिंदगी में वापस लौट आये थे. अंकित अब और भी गंभीर और समझदार हो चुका था. उसके और नहा के रिष्टे में अब गहराई और भरोसा था जो समय के साथ और मजबूत हो गया था. एक दिन अंकित मेरे पास आया
16:55आप दोनों ने हमेशा परिवार के लिए बहुत कुछ किया है अब आपके आराम करने का समय है. मैंने उसकी बात सुनकर हंसते हुए कहा तुम्हारी चिंदा देखकर अच्छा लगा लेकिन अभी हमारा समय नहीं आया है आराम करने का. तुम्हारे भीया अभी भी काम में व
17:25मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि आप और भीया अपनी जिन्दगी को फिर से जीने का आनंद ले जैसे पहले किया करते थे. अंकित की बातों में सचाई थी. मैंने और राजीव ने हमेशा परिवार की जिम्मेदारियों को प्रात्मिकता दी थी. अब जब आर्या की
17:55उन्होंने भी सहमती जताते हुए कहां शायद अंकित सही कह रहा है. हमें अब अपनी जिन्दगी के इस पडाव को भी इंजॉय करना चाहिए. कुछ दिनों बाद मैंने और राजीव ने एक लंबी यात्रा की योजना बनाई. यह पहली बार था जब हम दोनों इतने लंब
18:25हमारी यात्रा बहुत खुबसूरत थी. पुराने दिनों की यादे ताजा हो गए और हमने एक दूसरे के साथ वो पल बिताए जो शायद हम जिम्मेदारियों के बोज तले भूल गए थे. यात्रा ने हमें फिर से जीवन का आनन लेने का मौका दिया. जब हम वापस लोटे
18:55हो गए थे और अब हम सब एक दूसरे की खुशियों और जिम्मेदारियों को समझते थे. अंकित और नहा अब अपने जीवन में खुश थे और हम दोनों भी अपनी जिन्दगी के नए अध्याय को जी रहे थे. आर्या भी अपने नए घर में खुशाल जीवन बिता रही थ
19:25का रास्ता था. समय ने हमें सिखाया कि हर रिष्टे को समवारने और समझने के लिए धैर्य समझदारी और प्यार की जरूरत होती है. हमने इस यात्रा में बहुत कुछ सीखा और अब हमारे रिष्टों की नीव इतनी मजबूत हो चुकी थी कि कोई भी मुश्किल उसे हिला
19:55प्यात्रा में बहुत की जरूरत हो चुकी जरूरत होती है.
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