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Transcript
00:00भाई ये सब क्या कर रहे हो मैं मम्मी पापा से तुम्हारी शिकायत करूंगी
00:04भाई ने मुझसे माफी मांगते हुए कहा कि दीदी मम्मी पापा को कुछ ना कहे
00:10रीमा ने थोड़ी देर सोचकर कहा ठीक है मैं तुम्हें एक शर्थ पर माफ कर सकती हूँ
00:16हलो दोस्तों आज रवी अपनी बहन रीमा के साथ घर पर अकेला था
00:21रीमा की शादी हो चुकी थी लेकिन जवानी में ही उसका पती गुजर गया था
00:27इसलिए वह अपने माईके में रह रही थी
00:29आज रवी के माता पिता किसी रिष्टेदार के यहां एक काम से गए थे और दो दिन बाद वापस लोटने वाले थे
00:37रीमा बाथरूम में नहा रही थी जबकि रवी बाहर के बरामदे में बैठकर मोबाइल पर विडियो देख रहा था
00:44रवी ने सोचा कि रीमा को नहाने में काफी समय लगेगा तब तक वह अपना समय मोबाइल पर बिताने का सोच रहा था
00:52लेकिन उसे अंदाजा नहीं था कि रीमा इतनी जल्दी नहा कर वापस आ जाएगी
00:58रवी गंदी विडियो देख रहा था और उसे देख कर उसे नशासा होने लगा था इसलिए उसने खुद को संतुष्ट करने की कोशिश की
01:08अचानक रीमा बाथरूम से बाहर आ गई और रवी को उस थिती में देख लिया
01:12रवी तो आखे बंद करके अपनी ही दुन्या में खोया हुआ था तभी रीमा ने पीछे से आवाज लगाई रवी तुम क्या कर रहे हो
01:21रवी उसकी आवाज सुनते ही डर गया और जल्दी से खुद को ढख लिया
01:25उसने रीमा से माफी मांगी रीमा ने सकती से कहा तुम्हें शर्म नहीं आती
01:31मैं मम्मी पापा से तुम्हारी शिकायत करूँगी
01:35रवी ने उससे माफी मांगते हुए कहा कि वहां मम्मी पापा को कुछ ना कहे
01:40रीमा ने थोड़ी देर सोचकर कहां ठीक है, मैं तुम्हें एक शर्थ पर माफ कर सकती हूँ
01:46रवी ने डरते हुए पूछा कौन सी शर्थ
01:50रीमा पास आई और सोफे पर उसके बगल में बैठते हुए बोली अगर तुम मेरे कुछ काम कर दोगे तो मैं मम्मी पापा से कुछ नहीं कहूंगी
02:03रवी ने तुरंट कहां कैसे काम दी दी
02:06मैं जो भी कहोगी करूँगा बस मम्मी पापा से मत कहना
02:10रीमा ने उसकी तरफ गहरी नजरों से देखा और बोली तुम्हें मुझसे डरने की जरूरत नहीं है
02:17मुझे बस यह चाहिए कि तुम अगले दो दिन मेरे हर काम में मदद करो
02:22खाना बनाने से लेकर घर के बाकी कामों तक
02:26और सबसे बड़ी बात जो मैं कहूँ वहाँ बिना सवाल किये मानना होगा
02:31रवी ने राहत की सांस लेते हुए कहां ठीक है दीदी मैं हर काम कर दूँगा
02:37रीमा मुस्कुराई और बोली अभी तो तुम डर गए थे लेकिन देखो मैं तुम्हें एक मौका दे रही हूँ
02:43और हाँ अगली बार ऐसी कोई गलती ना हो वरना मुझसे बड़ी सजा मिलेगी
02:49रवी ने सिर्छ हिलाया और बेमन से उसकी बात मान ली
02:54उसके बाद दोनों अपने अपने कामों में लग गए
02:57रवी ने रीमा के साथ अगले दो दिन कामों में मदद की लेकिन अब वह उससे कुछ दूरी बनाये रखने की कोशिश करता था ताकि दोबारा कोई परेशानी ना हो
03:072 DIN BEATNCE KEA BAD RAVY OR REEMA KEY MATA PITA GHAR LOđT AYE
03:12IN 2 DINES MEAN RAVY NE REEMA KEY HAR KAM MEH USKI MADD KI OR USKA VYABHAAR BHAI BADAL GAYA THA
03:19WAH AB PAHLAY SE ZYADHA SHANTH AND SATRK RHAHNE LAGA THA KHASKAR REEMA KEY SAMANNE
03:25JAB MATA PITA GHAR AYE THO SAB KUCH SAMANYA SAH LAG RHAA THA
03:29REEMA NE RAVY KIY SHIKAYAT KARNESKA VADAH NIBHAYA OR KUCH NAHI KUCH NAHI KAHA
03:34But Ravie's mind was here that Rima's mother and mother could tell her to tell her.
03:40So she made her mistake to tell her that she didn't do it.
03:45One day when Ravie and Ravie came to her, she said that Ravie, she said that she was very bad at the time.
03:53It was good to have a good feeling that she had done it.
03:58She said that she had to tell her that she had to tell her.
04:02मैं अब ऐसी कोई गलती नहीं करूंगा
04:05रीमा ने हलकी मुस्कान के साथ कहां ठीक है
04:08अब हम इस बात को यहीं खत्र करते हैं
04:12लेकिन याद रखना अगर फिर से कुछ ऐसा हुआ तो मैं माफ नहीं करूंगी
04:17रवी ने फिर से माफी मांगी और उसे यकीन हो गया कि रीमा अब उस घटना को कभी नहीं उठाएगी
04:24इसके बाद दोनों भाईभन सामान्य जीवन जीने लगे
04:28हालांकि रवी के मन में एक जिम्मेदारी और परिपक्वता आ गई थी जिससे वहाँ पहले से ज्यादा समझदार हो गया था
04:36माता-पिता को कभी इस घटना के बारे में कुछ पता नहीं चला और रवी ने हमेशा इस बात का ध्यान रखा कि वहाँ अपनी बहन और परिवार का सम्मान करे
04:46कुछ महीनों बाद रवी और रीमा का रिष्टा फिर से सामान्य हो गया था
04:51लेकिन रवी के मन में कहीं न कहीं एक दर और असज़ता हमेशा बनी रहती थी
04:57वह अपनी बहन के साथ पहले जैसा खुल कर व्यवार नहीं कर पाता था
05:02हालांकि रीमा ने अपनी तरफ से सब कुछ सामान्य कर दिया था
05:07लेकिन दोनों के बीच एक अध्रिश्य दीवार खड़ी हो गई थी
05:10एक दिन जब घर में कोई नहीं था रीमा ने रवी को अपने पास बुलाया और बोली
05:16रवी मुझे तुम से एक बात करनी है
05:19मैं जानती हूँ कि उस दिन जो हुआ वह गलत था लेकिन तुम्हें ड़ने की जरूरत नहीं है
05:25मैं चाहती हूँ कि तुम अपने आपको मुझसे अलग महसूस ना करो
05:30रवी ने जिजगते हुए कहां दीदी मुझे अभी भी उस दिन के बारे में सोच कर बुरा लगता है
05:36मैं नहीं चाहता था कि ऐसा कुछ हो
05:39रीमा ने उसके कंदे पर हात रखते हुए कहां देखो गलती किसी से भी हो सकती है
05:45मैं तुम्हें माफ कर चुकी हूँ
05:47और हम दोनों को इस घटना को पीछे छोड़ कर आगे बढ़ना होगा
05:52मैं तुम्हारी बहन हूँ और हमारा रिष्टा इससे कहीं ज्यादा मजबूत है
05:57रवी ने राहत की सांस ली और रीमा से कहा धन्यवाद दीदी मैं अब सच में अपनी गलतियों से सीख चुका हूँ
06:04उस दिन के बाद दोनों भाई बहन ने एक दूसरे के साथ खुल कर बात करनी शुरू की
06:11रवी ने अपनी बहन के साथ बिताए समय को और भी ज्यादा महत्व देना शुरू कर दिया
06:17रीमा ने भी उसके साथ एक नया रिष्टा बनाते हुए उसे यह समझाया कि जिन्दगी में गलतियां होती है
06:24लेकिन उनसे सीखा जाए तो वे जीवन का हिस्सा बन जाती है
06:28समय के साथ उनके बीच की दूरी खत्म हो गई और उनका रिष्टा फिर से पहले जैसा मजबूत हो गया
06:35दोनों ने मिलकर अपने माता-पिता का ख्याल रखा और एक दूसरे का साथ निभाया
06:41रवी ने अपनी जिन्दगी में यह सीख लिया कि सम्मान और भरोसे का रिष्टा सबसे कीमती होता है
06:47और उसे कभी भी किसी स्थिती के कारण खोने नहीं देना चाहिए
06:51समय बीटता गया और रवी और रीमा के रिष्टे में अब एक नई समझदारी और गहराई आ चुकी थी
06:58दोनों ने उस सतीत को पीछे छोड़ दिया था लेकिन उनके बीच एक परिपक्वता आ गई थी
07:05रवी अब पहले से अधिक जिम्मेदार और समझदार हो गया था वह न केवल रीमा बलकी अपने मातापिता के प्रती भी अपने कर्तवियों को बहतर तरीके से निभाने लगा था
07:16कुछ महीनों बाद रीमा ने रवी से कहा रवी मैं अब अपने जीवन में आगे बढ़ना चाती हूँ
07:22मैंने सोचा है कि अब मैं नौकरी शुरू करूंगी और अपनी जिन्दगी को एक नया मोड दूंगी
07:29रवी ने खुशी से कहा यह तो बहुत अच्छा है दीदी
07:33तुम अपने लिए जो भी फैसला करोगी मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ
07:38रीमा ने शहर में एक अच्छी नौकरी ढूंड ली और काम पर जाना शुरू कर दिया
07:44अब वह अपने जीवन में नई दिशा और उद्देश्य खोज रही थी
07:49रवी भी अपनी पढ़ाई और करियर पर ध्यान केंद्रित करने लगा
07:53दोनों भाइबहन ने अपनी जिन्दगी को सकारात्मक रूप से संभाला और एक दूसरे का सहारा बने रहे
08:00एक दिन जब रवी अपने कमरे में पढ़ाई कर रहा था रीमा उसके पास आई और बोली रवी आज मैं तुमसे एक और बात करना चाती हूँ
08:09रवी ने उसकता से पूछा क्या बात है दीदी रीमा ने मुस्कुराते हुए कहां मैंने सोचा है कि अब मैं अपनी जिन्दगी में आगे बढ़ने के लिए फिर से शादी कर लूँ
08:20मुझे एक अच्छा जीवन साथी मिला है और वहां मेरे साथ जिन्दगी बिताने के लिए तैयार है
08:26रवी ने उसे गले लगाते हुए कहां यह तो बहुत बड़ी खुशखबरी है दीदी
08:32मैं तुम्हारे इस फैसले से बहुत खुश हूँ
08:35तुमने अपने लिए जो भी चुना है वह सही होगा
08:39कुछ महीनों बाद रीमा ने अपने जीवन साथी के साथ एक नई शुरुवात की
08:45रवी भी अपनी पढ़ाई पूरी करके एक अच्छी नौकरी में लग गया
08:49दोनों की जिन्दिगिया अब अलग-अलग रास्तों पर चल रही थी
08:53लेकिन भाई-बहन का रिष्टा अब और भी मजबूत हो गया था
08:58रवी ने जीवन में यह सीखा की गल्तियां इंसान को तोड़ती नहीं
09:02बलकि उन्हें सिखाती है कि कैसे बहतर इंसान बना जाए
09:06रीमा ने भी अपने जीवन में आएं दुखों और मुश्किलों से उबर कर एक नई शुरुवात की और अपनी जिन्दिगी को फिर से सवार लिया
09:15समय के साथ रीमा और रीमा दोनों ने अपने अपने जीवन में स्थिर्टा पाली थी
09:21रीमा की दूसरी शादी सफल रही और उसका नया जीवन साथी एक समझदार और सहायक इंसान था
09:28उनकी बीच बहुत प्यार और सम्मान का रिष्टा था
09:32शादी के बाद रीमा अपने नए घर में बहुत खुश थी और वह अकसर रवी से मिलने आती रहती थी
09:39रवी भी अपनी नौकरी में बहुत अच्छा कर रहा था
09:43वह अब पहले से ज्यादा आत्म निर्भर और परिपक्व हो गया था
09:48उसकी मेहनत और लगन के कारण उसे जल्द ही प्रमोशन मिला जिससे वह अपने माता-पिता और रीमा दोनों के लिए गर्व का कारण बना
09:57एक दिन रीमा ने रवी को फोन किया और कहा रवी मैं तुम्हें एक और बड़ी खबर देना चाहती हूँ
10:03रवी ने उच्शुकता से पूछा क्या है दीदी?
10:08रीमा ने हस्ते हुए कहा तुम मामा बनने वाले हो
10:13रवी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा
10:14उसने खुशी से चल्लाते हुए कहा यह तो सबसे अच्छी खबर है दीदी
10:19मैं मामा बनने का बिसबरी से इंतिजार कर रहा हूँ
10:23समय बीतने के साथ रीमा ने एक प्यारे से बेटे को जन दिया
10:28इस खबर ने पूरे परिवार में खुशी की लहर दोडा दी
10:32रवी अपने भांजे के साथ खूब खेलता और उसके साथ समय बिताता
10:38अब उसका जीवन और भी रंगीन हो गया था
10:41रवी ने अपने भांजे को जीवन की हर छोटी बड़ी बात सिखाने का जिम्मा अपने उपर ले लिया
10:47वा उसे प्यार और मार्ग दर्शन देता जैसे कभी रीमा ने उसे दिया था
10:53अब उनके परिवार में हुशियों का माहौल था और रवी रीमा और उनके मातापिता ने उन सभी बीते हुए संघर्शों और गल्तियों को पीछे छोड़ते हुए अपने भविश्य को समवार लिया था
11:04दोनों भाइबहन ने अपनी जिन्दिगी की चुनोतियों का सामना किया और अंत में एक भैतर और सुखी जीवन की ओर बढ़ गए
11:13भाइबहन का रिष्टा और भी गहरा और प्यार भरा हो गया है और उनके परिवार में एक नई पीड़ी की शुरुआत हुई है
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