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Paagal Bhoot ka Kissa – Jab Bhoot Bhi Pagal Ho Jaye! | पागल भूत का किस्सा

क्या आपने कभी सुना है किसी ऐसे भूत के बारे में… जो डराता भी है और हँसाता भी?
"पागल भूत का किस्सा" एक अनोखी कहानी है जहाँ डर और हँसी दोनों साथ-साथ चलते हैं। गाँव की सुनसान गलियों में रोहन की मुलाकात होती है ऐसे भूत से, जो चप्पल उड़ाता है, हँसी छेड़ता है और कभी खुद भी पागलपन करने लगता है।
क्या रोहन उस भूत से बच पाएगा या दोनों दोस्त बन जाएँगे? जानिए इस रोमांचक और मज़ेदार हॉरर कहानी में!

Have you ever heard of a ghost… that makes you laugh and scares you at the same time? 👻
"Paagal Bhoot ka Kissa" is a unique horror story where fear meets humor. In the haunted village streets, Rohan encounters a crazy ghost who loves to play pranks, throw slippers, and laugh like madness itself.
Will Rohan escape the ghost or end up sharing laughs with him? Watch this thrilling and funny horror story now!

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Fun
Transcript
00:00रात के ग्यारा बजे गाव की सुनसान गली में अजीब औगरीब घटनाए होने लगी।
00:12लोग कहते हैं कि यहां सिर्फ डरावनी आत्माए नहीं, बलकि एक पागल भूद भी है जो हसी और डर दोनों फैलाता है।
00:21हमारा हीरो 28 वर्षिय रोहन मजाक मजाक में गाव की गलियों में घूंगता है। अनजान था कि आज रात उसे ऐसा भूत मिलेगा जो न केवल डराएगा।
00:33बलकि हसी भी छेडेगा। जैसे ही रोहन ने गाव की गलियों में कदम रखा, हवा अचानक ठंडी हो गई। दूर से चूडियों की खनक और हलकी हसी सुनाई दी।
00:45रोहन ने सोचा ये तो मजेदार शुरुवात है। लेकिन जल्दी उसे पता चला कि ये हसी बिलकुल भी मजेदार नहीं है। बलकि भूतिया थी। गाव वाले कहते हैं कि रात के समय ये पागल भूत अजीव हरकते करता है। कभी दर्वाजे बजाता है, कभी चपल उड�
01:15कोई उसे पकड़ नहीं सकता, क्योंकि ये भूत हमेशा चालाक रहता है। एक बुजूर्ग ने कहा, ये भूत दराता नहीं, हसाता है और फिर अचानक गायब हो जाता है। ये कहानी सुनते ही रोहन की आखे चमक उठीन, वो भूत से मिलने का मन बना चुका था। कुछ ल
01:45और उत्सुपता हुई कि वो भूत कितनी शरारत कर सकता है। रोहन ने अपनी हिम्मत जुटाई और रात के 12 बजे भूत के पीछे जाने का फैसला किया। गाव की गलिया सुनसान थी, चांदनी में सब कुछ धुंधला दिखाई दे रहा था। जैसे ही रोहन ने पहला कद
02:15फिर उसके साथ हलकी हसी भी गूंज रही थी। रोहन ने सोचा ये तो सच में पागल भूत है और उसने जल्दी जल्दी पीछा करना शुरू किया। भूत हर बार अचानक गायब होता और फिर किसी नए जगे प्रकट हो जाता। रोहन को समझ में नहीं आया कि उसका पीछ
02:45गोल और पागल जैसी हवा में तैरता हुआ। भूत ने उसे देखकर जोर जोर से हसना शुरू किया और अचानक उसकी आवाज में मजाख और डर का मिश्रन था। रोहन डर गया पर साथ ही हस भी पड़ा। भूत ने हवा में उच्छल कर चपल उड़ा दी। रोहन को पी�
03:15टोपी उड़ा दी और जाडियों में फेंक दी। रोहन ने उसे वापस लेने के लिए जाडियों में हाथ डाला। और भूत अचानक उसी जगे प्रकट हो गया। जैसे कह रहा हो और पकड़ों अगर कर सकते हो। कुछ साल पहले ये भूत गाव का ही था। लेकिन एक मजा
03:45बलकि मजाग करता है, हसता है और कभी कभी खुद भी पागल हो जाता है। यही कारण है कि गाव वाले इसे पागल भूत कहते हैं। रोहन ने सोचा अगर ये भूत ही पागल है तो मैं भी उसका मजा ले सकता हूँ। और तभी उसने अपनी योजना बनाई। भूत के अती
04:15अपने फोन में मज़ेदार आवाज रिकॉर्ड की और भूत की ओर फेंकी।
04:19भूत तुरंत उस आवाज पर जप्टा और उल्टा पुल्टा पागलपन करने लगा।
04:25भूत ने रोहन पर पानी फेंका। उसके बाल खींचे।
04:29लेकिन रोहन भी पीछे नहीं अटता।
04:31दोनों के बीच हसी और डर का अजीब खेल शुरू हो गया।
04:35भूत ने अचानक रोहन की जूतिया उड़ा दी और चपल से जूलते हुए पेड़ पर लटक गया।
04:41रोहन ने भी जटके में उसे पकड़ने की कोशिश की।
04:45और दोनों हवा में उचलते जूलते रहें।
04:48गाव के कुछ लोग दूर से देखते रहें।
04:50और सोचते रहे कि ये भूत भी सच में पागल है।
04:54और रोहन भी कोई साधारन इंसान नहीं है।
04:57थोड़ी देर बाद भूत और रोहन दोनों ठक गये।
05:01भूत ने अपनी आखे गोल की।
05:04और धीरे धीरे हसते हुए गायब हो गया।
05:07रोहन ने महसूस किया कि भूत न केवल डराता है।
05:11बलकि हसने और मजाक करने का तरीका जानता है।
05:14गावाले सही थे। ये भूत सच में पागल था।
05:18लेकिन अब रोहन को भी मजा आ गया।
05:21वो समझ गया कि डरावना और हसी कभी कभी साथ साथ आती है।
05:26रोहन ने फैसला किया कि वो भूत के साथ अपनी हसी और मजाक की यादे साजह करेगा।
05:33और अगली बार जब भूत वापस आएगा तो वो भी तयार रहेगा।
05:38अगले दिन रोहन ने गाव वालों को अपनी कहानी सुनाई।
05:42लोग हसते और डरते हुए कहानी सुनते रहें।
05:46और भूत अब भी उसी जगे भटकता है।
05:48कभी डराता है, कभी हसाता है।
05:51पागल भूत का किस्सा यही सिखाता है कि डर भी मजेदार हो सकता है।
05:56और हसी भी भूतिया माहोल में छुपी हो सकती है।
05:59और जो भी गाव की कलियों में रात के समय जाएगा।
06:03उसे भी यह पागल भूत मिल सकता है।
06:06पर डर के साथ हसी का अनुभव भी मिलेगा।
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