Skip to playerSkip to main content
The Cursed Shrine: A Tale of the Forgotten Forest | भूला हुआ मंदिर: जंगल का श्राप

Deep in the heart of a forgotten forest lies an ancient, cursed shrine. Locals whisper that those who approach never return, or come back as empty shadows. When photographer Aarav ventures into the forest to uncover the truth, he discovers an eerie secret that has haunted the village for centuries. Can he survive the wrath of the forgotten goddess?

घने जंगल के बीचोंबीच एक पुराना, शापित मंदिर छुपा हुआ है। गाँववाले कहते हैं कि जो भी उस मंदिर के पास गया, वह या तो वापस नहीं आया, या फिर लौटकर केवल एक खाली साया बन गया। खोजी फोटोग्राफर आरव जब इस रहस्यमयी मंदिर की सच्चाई जानने जाता है, तो उसे वो डरावना सच पता चलता है जिसने गाँव को सदियों तक सताया। क्या आरव इस भुलाए हुए देवी के क्रोध से बच पाएगा?

Watch till the end to uncover the chilling truth! / अंत तक देखें और जानें डरावना रहस्य!

#RaatKiKhamoshi #HorrorStory #CursedShrine #भूलाहुआमंदिर #HorrorTales #IndianHorror #ScaryStories #HauntedForest #मिस्ट्रीस्टोरी #DarkTales

cursed shrine, haunted forest, scary story, paranormal, Aarav, ghost story, Indian horror, mystery, supernatural, haunted temple, डरावनी कहानी, शापित मंदिर, जंगल की खामोशी, रहस्यमयी मंदिर, भूतिया कहानी

Category

😹
Fun
Transcript
00:00जंगल के बीचुम बीच जहा सूरज की रोशनी भी जमीन तक पहुँचने से पहले थक जाती है
00:08वहाँ एक पुराना भूला हुआ मंदिर छुपा हुआ था
00:12गाउ के लोग इसे शापित मंदिर कहते थे
00:15उनका मानना था कि जो भी उस मंदिर के पास गया
00:19वो या तो लोटकर कभी आया नहीं
00:21या आया भी तो एक बेजान साया बनकर
00:24सदियों पहले ये मंदिर एक देवी का धाम था
00:28जो जंगल और उसके जीवों की रक्षक मानी जाती थी
00:31गाववाले देवी की पूजा करते थे
00:34लेकिन धीरे धीरे लालच ने उनकी श्रद्धा को निगल लिया
00:37उन्होंने देवी की मूर्ती से आभूशन चुराए
00:41मंदिर के पवित्र कोने को नश्ट कर दिया
00:43क्रोधित देवी ने मंदिर छोड़ दिया
00:46और जाते जाते पूरे जंगल को श्राप दे दिया
00:49सालों बाद एक खोजी फोटोग्राफर आरव ने इस श्रापित मंदिर के बारे में सुना
00:54उसे अंदविश्वास पर भरोसा नहीं था
00:58वो इस मंदिर की सच्चाई जाने के लिए अपने कैमरे के साथ अकेले जंगल में निकल पड़ा
01:03आरव धीमे कापती आवाज में
01:07कख कुछ नहीं है यहां
01:11बस पुरानी कहानिया है
01:13लेकिन जंगल की खामोशी भारी थी
01:16न कोई पंची चहकता न कोई कीत पतंगा गुंजता
01:20सिर्फ आरव की धड़कन और उसके कदमों की हलकी आवाज
01:25कुछ दूर चलने के बाद उसे मंदिर की पहली जलक मिली
01:29तूटी हुई दिवारें, बेलों से धकी मूर दिया
01:32और बीच में एक देवी की प्रतिमा
01:34जिसकी आखे खोकली और अंधकार में थी
01:36आरव ने अपनी लालटेन जलाकर मंदिर के भीतर कदम रखा
01:41वहां की हवा ठंडी और भारी थी
01:44उसके हर कदम पर ऐसा लगता जैसे जमीन के नीचे कुछ हिल रहा हो
01:48मंदिर के गर्भग्रेह में एक पुराना जंग लगा हुआ लोकिट पढ़ा था
01:53वही लोकिट जिसे गाववालों ने सालों पहले चुराया था
01:57आरव ने लोकिट उठाने के लिए हाथ बढ़ाया
02:00लेकिन जैसे ही उसकी उंगलिया लोकिट को चुई
02:03मंदिर की दिवारों पर धरारे पढ़ने लगी
02:05फर्ष से काले साय उठने लगे
02:08और देवी की मूर्ती की आँखों में लाल चमक आ गई
02:11आरव चिलाते हुए
02:14को?
02:16कौन है वहाँ?
02:18उसकी चीक मंदिर में गूँज उठी पर जंगल ने उसे निगल लिया
02:22वो जितना भागने की कोशिश करता उतना ही मंदिर का रास्ता बदलता जाता
02:27हर मोड पर उसे अपनी ही परचाई के पीछे चलते हुए किसी की परचाई दिखती
02:33अगली सुबह गाववालों को आरव का कैमरा मंदिर के बास मिला तूटा हुआ, मिट्टी में सना हुआ
02:40आखिरी तस्वीर में आरव के पीछे खड़ी एक धुंदली आकरिती थी
02:44जिसकी आखे चमक रही थी
02:47उस दिन के बाद से मंदिर और भी गहरा, और भी खतरनाक हो गया
02:53कभी कभी रात की खामोशी में गाववाले कहते हैं कि उन्हें जंगल से किसी की मदद की पुकार सुनाई देती है
03:00लेकिन कोई भी ये देखने की हिम्मत नहीं करता
03:03क्योंकि वो जानते हैं कुछ जगें ऐसी होती हैं जहां इंसान का कदम रखना मना है
03:09दूर से आती होई हलकी हसी, हवा की गूच
03:13क्योंकि कभी कभी जो भुला दिया गया है
03:17वो भुला ही रहना चाहिए
Be the first to comment
Add your comment

Recommended