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Durga Visarjan Date Time 2025: साल 2025 में 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन 9 नहीं बल्कि 10 दिन बाद नवमी तिथि पर होगा. वहीं, दुर्गा विसर्जन नवमी तिथि के अगले दिन दशमी तिथि पर होगा. चलिए जानते हैं दुर्गा विसर्जन की तिथि, शुभ मुहूर्त क्या है. Durga Visarjan Date and Time 2025: When to bid farewell to Goddess Durga, Durga Visarjan Timings |

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00:00सनातन धर्म के लोगों के लिए शार्धी नवरात्री के पर्व का खास महत्व है जिसका उत्सब नौ दिनों तक चलता है शार्धी नवरात्री के पहले दिन घटे स्थापना कर घर में मादुर्गा की मूर्ती स्थापित की जाती है नौ दिनों तक मादुर्गा की पूजा अ
00:30उन्हें मातर आने के किरपा से मंचाहा आशिरवाद मिलता है
00:33इस बर 22 सितंबर 2025 से शारदेन अबरात्री की शुरुवाद हुई थी
00:37जिसका समापन दश्मी तिथी पर दुर्गा विसर्जन के साथ होगा
00:41ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि दुर्गा विसर्जन कब करें
00:44क्योंकि सम दश्मी के दिन गुरुवार का दिन पढ़ रहा है
00:48ऐसे में लोग कन्फियूज हैं एक या दो अक्टूबर किस दिन दुर्गा विसर्जन करना चाहिए
00:53इसका शुब महुरत क्या है पताते हैं आपको इस वीडियो में
00:57दरसर द्रिक पंचांग के अलुसार इस बर अश्विन मा की दश्मी तिथी
01:01एक अक्टूबर की शाम साथ बच कर एक मिनट से लेकर
01:05दो अक्टूबर की शाम साथ बच कर दस मिनट तक रहेगी
01:08उद्याति थी के आधार पर इस बर दो अक्टूबर दो हजार पचिस को दुर्गा विसर्जन किया जाएगा
01:14इसी दिन भगवान राम के विजय का पर्व दर्शहरा भी मनाय जाएगा
01:18जिसे विजय दश में भी कहा जाता है
01:20दो अक्टूबर दो हज़ार पचिस को सुभा 6 बच कर 32 मिनट से लेकर सुभा 8 बच कर 54 मिनट तक दुर्गा विसर्जन का शुब मोहुरत है
01:29लेकिन इस बर दुर्गा विसर्जन के दिन गुरुवार का दिन पढ़ रहा है
01:33ऐसे में मा दुर्गा की विदाई गुरुवार के दिन नहीं करनी चाहिए
01:37नवरात्री की नौमी तिथी के दिन हवन पूजा के बाद देवी की प्रतिमा विसर्जित कर दिया जाता है
01:42आमतौरपन नौमी और दश्मी तिथी एक ही दिन लग जाय तो ऐसा किया जाता है
01:47लेकिन जब भी गुरुवार के दिन दुर्गा विसर्जित का दिन पढ़ता है तब देवी की प्रतिमा को गुरुवार के दिन विसर्जित नहीं किया जाता
01:55इन्हें अगले दिन ही शद्धा पूर्वक पूजा के बाद विसर्जित करने का विधान बना हुआ है
02:00दरसल इसके पीछे कुछ लोक माननेता हैं
02:03देवी दुरगा को शिफ की पत्नी होने के कारण माता कहा जाता है
02:07लेकिन ये हिमाले की पुत्री होने के कारण पृत्वी वासियों के लिए बेटी भी है
02:12देवी के भक्त माता की अफगानी और विदाई दोनों ही पुत्री के रूप में करते हैं
02:17इसलिए माता को खोईचा भरा जाता है
02:20माता को विदाई के लिए श्रिंगार, समागरी, वस्त्र, मिठाई, जीरा, धन खोईचा में दिया जाता है
02:27माता को विदा करते समय श्रधालों की आखों में वैसे ही आसु भराते हैं जसे वेटी की विदाई के दौरान
02:33बेटियों की विदाई के संदर में ये माना चाता है कि बेटी को माय के गुरुवार के दिन ससुराल नहीं भेजना चाहिए
02:39गुर्वार को बेटी को विदा करने से माई के गरीव होता है
02:42इसलिमा दुर्गा की विदाई भी आप गुर्वार के दिन ना करके शुकरवार के दिन करें
02:48उमीद करते हो आपको जानकारी पसंद आई होगी
02:50फिलाल अमारे इस वीडियो में इतना ही वीडियो को लाइक शेर और चैनल को सब्सक्राइब करना ना भूले
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