Shardiya Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। लेकिन अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि कुछ लोग अष्टमी (आठवां दिन) को ही बड़ा दिन मानकर पूजा और कन्या भोज करते हैं, तो कुछ लोग नवमी (नौवां दिन) को ही प्रमुख मानकर वही अनुष्ठान क्यों करते हैं।
00:03नौ दिनों तक मादुर्गा के अलग-अलग रूपों की पूचा की जाती है
00:07लेकिन अकसर लोगों के मन में ये सवाल आता है कि कुछ लोग अश्टमी यानि की आठवा दिन को ही बड़ा मान कर पूज़ा और कन्या भोज करती है
00:16तो कुछ लोग नवमी को ही प्रमख मान कर वही अनुष्ठान क्यों करती है
00:21चलिए आज के वीडियो में जानते है
00:23नवरात्री के आखरी दो दिन अश्टमी और नवमी मा दुर्गा की साधना में सबसे महत्वपून माने गए है
00:30अश्टमी तिथी को महा अश्टमी कहा जाता है
00:32इस दिन मा महागौरी की पूचा होती है और कन्या पूचन का विशेश महत्व है
00:37नवमी तिथी को महा नवमी कहा जाता है और इस दिन मासे दितातरी की पूजा होती है
00:42माना जाता है कि इस दिन देवी दुरगा ने महिशा सुर का वद कर संसार को बुराई से मुप्त किया था
00:48दोस्तों भारत में अलगलग राज्जियों और परिवारों में पूजा की परंपराएं भिन्न है
00:53उत्तर भारत ज्वैसे दिल्ली यूपी बिहार में जाततर लोग अश्टमी को कन्या पूजन और व्रत का समापन करते हैं
01:00पश्विम बंगाल और पूरवी भारत में नवमी को सबसे महत्वपून दिन माना चाता है क्योंकि उसे दिन मादुर्गा ने असरों का संहार किया था
01:08मैं कुछ परिवार ऐसे भी होते हैं जो दोनों दिन पूजा करती हैं ताकि कोई भी तिथी छूटना जाए
01:14कभी कभी पंचांग के अनुसार अश्टमी और नवमी की दिथिया एक साथ भी पढ़ जाती हैं
01:19ऐसे में विद्वान और पूजारी बताते हैं कि किस दिन कन्या पूजन और विशेश अनुष्ठान करना चाहिए
01:24कन्या पूजन चाहिए अश्टमी को किया जाए या नवमी को कन्या पूजन और हवन का महत्व समान ही होता है
01:30माना जाता है कि इन दिनों छूटी कन्याओं में ही मादुर्गा का स्वरूप विद्दिमान होता है
01:36उन्हीं भूजन कराकर और भेट देकर मादुर्गा की क्रिपा प्राप्त होती है। तो दोस्तों अश्टमी और नव्मी दोनों ही नवरात्री के पवित्र और शक्तिशाली दिन है। कोई परिवार अपनी परंपरा, स्थान और विश्वास के नुसार अश्टमी को पूजा क
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