00:00रामकृष्ण के ही जीवन की कहानी है मेरे खाल से केशाव चंदर सेन थे तो केशाव चंदर सेन से एक बार उनकी बहस हो गए यह कैसे बोल सकता है आप यही कि आपकी पूंच गिर चुकी है गुरजे यह क्या बॉल रहा है ओहो आपने गलत दनमान लगाया बहस इस बात प्य
00:30देने एक और रामकृष्ण सीधे आदू और उनको लगा कि एसा तर्क दिया तो रामकृष्ण हार गए और रामकृष्ण जैसे ही उदर तरक आए वैसे उतालीप जाए और हसें और तारीफ करें वो विचारक है उन्होंने अंग्रेदी शिक्षा ले रखी थी बड़ा-ब
01:00जानता नाम पूच कड़ जाती है मानव की संसार में भी खुशी से जी सकता है केशव जी आपका मन उस वस्ता में है
01:06मैंने आपको कुछ और ही समझा था मुझे शमा कीजिएगा ऐसे हैं राम कुश्म वो तो अपने प्रतिदुन्दियों का भी समझलो जैसे पशंसक बन जाते हैं