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पूरा वीडियो : मुक्ति की तड़प कैसे जगे? || आचार्य प्रशांत, नितनेम साहिब पर (2019)
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Transcript
00:00एक नाविक था, मल्ला, एक दुरहटना का शिकार हो गया, नाव पर ही था, तूफान आया, नाव टूटी, डूबी भीतर पानी वह नी चला गया, बड़ी मुश्किल से तो जान बची, सर भी कहीं दरोदर टकरा गया होगा, बहार लाएगा ये जान बचा के, तो पता चला, स
00:30सब्सक्राइ ने उसको पकड़ा, नाव पे बैठाया, और उसके हाथ में दे दिया चप्डू, अब उसके चप्डू कुछ पता नहीं पर उसके हाथ में
00:36दे दिया और उसके बगल में बैट करकि यह जो उसका मित्र मचवारा था यह लगा चप्पू चलाने कुछ देर तक यह मचवारा उसको देखता रहा कि
00:43यह क्या हरकत कर रहा है यह कॉक्र घंडे जैसा हाथ में ले रखा और उसको एक खास गट NICK
00:51चला रहा है और उसको से जाएक ते जैसे बीटर वैठी इसमृति जाग्रत हो इसके भी हाँ चलने लगाוח
00:55ना बताने से हुआ, ना दिखाने से हुआ, साथ बिठाने से हो गया, तो सबसे अच्छा तो यह है कि तुम्हारा सवभाग्य इतना प्रभल हो, कि स्वतव पूर्त इस्मृति तुम्हें उठ आए, तुम्हें गुरु की ग्रंथ की किसी की आवशक्ता ही न पड़े, इससे अ
01:25झाल झाल
01:26किसी कि स्वत्व है?
01:32झाल

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