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Transcript
00:00गुडगाओं जैसे शहरों में चले जाओ या बैंगलोर के कुछ इलाकों में चले जाओ
00:03तो वहाँ पर आम आदमी मकान खरीद भी नहीं सकता है
00:06आम आदमी के लिए मकान किराई पर भी लेना मुश्किल हो गया
00:08पांच-दस करोड कम से कम आपकी जेब में हो तो आप गुडगाओं की तरफ मुँ करिएगा
00:12और कुछ अच्छा खरीदना हो गुडगाओं में तो 20 करोड से बाद शुरू करिएगा
00:15दो-तीन चीज़े हैं जो चंद हाथों में कभी केंद्रित नहीं होनी चाहिए
00:19सत्ता, धन, धर्म
00:21जब धर्म एक हाथ में केंद्रित हो जाता है तो पोप जैसी वेवस्था बन जाती है मध्ययुगीन
00:26उसके खिलाफ यूरोप को विद्रोह करना पड़ा
00:28उपूरा विद्रोह यही था एक आदमी धर्म का ठेकेदार बनके बैठ गया है
00:32दूसरी चीज जो कुछ हाथों में नहीं केंद्रित होनी चाहिए वो है धन
00:35जब धन कुछ हाथों में केंद्रित हो जाता है उसको कुछ बोल लो को
00:38मोनोपोली बोल लो, प्लूटोकरसी बोल लो वो अच्छी नहीं होती है
00:41और तीफरी चीज है सत्ता वो भी कुछ आतों में केंद्रित नहीं होनी चाहिए
00:44तो हर चीज डी सेंट्रलाइज होनी चाहिए

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