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  • 7 months ago
Lazawal Ishq Episode 93 | Review TV Drama |28 May 2025 | Ikhlaas TV

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00:00चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अनसित में तब्दिल हो जाती है
00:08उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है जिबके अरीबा उमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
00:17लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है अरीबा के वालदेन ने इसका रिच्टा किसी अमीर खनादान में तेह कर दिया होता है
00:24जिबके अमेर का माज़े और गृबत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
00:30अरीबा के वालद साफ कहः देते हैं हम अपने बेटे को किए थी मामूल ये लड़के के साथ नहीं बान सकते
00:36उमीर इजज़त और गैरत के साथ अरीबा के जिन्द इसके दोर होने का पेसला कर लीता है
00:42लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
00:44वो अपने जिन्देगे के पेसले खुद करेगी
00:47अरीब घर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
00:51एक कामे आप डाक्टर बनती है
00:53और कई साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
00:55तो वक कैद छूट चुकी होती है
00:58विवर्ज आखरे सीन में अरीबा उमेर के हाथ तामकर कहती है
01:02वकत हमें कैद तो कर सकता है
01:05मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
01:09महबत को नहीं मार सकता
01:11आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते है
01:16और अरीबा अपने गर आती है
01:18और गर में अपने बाप के सामने कहती है
01:21कि मैं उमेर से महबत किरती हूँ
01:24और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
01:26तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
01:32तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
01:35जसके बाप राजी हो जाता है
01:39और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
01:42इस द्रामन से लिके है वाले से अपने राए की खाहर लाज़ी के में करें
01:56जो अज़ेब के एक अज़ीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते है
01:59अरीबा एक खुद्दार ताली में अबता और खौब देखने वाले लड़की है जो अपनी जिन्दगी में कुछ बढ़ा करना चाहती है
02:07दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खिव का सामना क्या है
02:13दोनों के मुलाकात एक खौदी है जब अरीबा अपने वालदा की लाज के लिए आती है और उमेर वहा वेलनटार की तौर चूटी चूटी बात उसे शूरू होने वाले मुलाकात रबता रबता एक गहरी अनसित में तब्दील हो जाती है
02:30अमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है जिबके अरीबा अमेर के अंदर शुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
02:38लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है अरीबा के वालदीन ने इसका रिच्टा किसे अमेर खनदान में तेय कर दिया होता है
02:46जिबके अमेर का माज़े और खुरुबत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
02:52अरीबा के वालद साब कह देते हैं हम अपनी बेटे को केती मामूल ये ललके के साथ नहीं बान सकते
02:58अमेर इज़त और खेरत के साथ अरीबा के जिन्देगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
03:03लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है वो अपने जिन्देगी के पेसले खुद करेगी
03:09अरीब गर चोड़कर अपनी तालिम मकमल करती है एक कामया आप डाक्टर बनती है
03:14और कियी साल बहाद जब दूनों दुबारा मिलते हैं तो वक केद छूट चुके होते हैं
03:20विवर्ज आखरी सीन में अरीबा उमेर के हाथ ताम कर केदी है
03:24वकत हमें केद तो कर सकता है
03:26मगर महबत को केद नहीं कर सकता
03:30महबत को नहीं मार सकता
03:32आप देखेंगे के इसी दौरान ये दोनों आते हैं
03:38वर अरीबा अपने गर आती है
03:40गर में अपने बाप के सामने कहती है
03:42के मैं अमेर से महबत किड़ी हूँ
03:45और मुझे अमेर हर हालत में चाइए
03:48तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
03:53तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
03:57इसके बात मानी जाती है
03:58तो इसके बाप राजी हो जाता है
04:01और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
04:04तो इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी के मैंने करें
04:07साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
04:10तैंक्स पर वाचिंग लाफ़ेज
04:12ये एक दिल चोले निवाली कहानी है
04:15अरीबा और उमेर की दो अजनेभी
04:17जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते है
04:21अरीबा एक खुदार, तालीम अपता और खौब देखने वाले लिलकी है
04:26जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
04:29दूसरी तरफ उमेर एक यतीम लिलका है
04:31जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तलकी का सामना किया है
04:35दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है
04:37जब अरीबा अपने वालदा के लाज के लिले आती है
04:40और उमेर वहा वलेंटार की तरफ पर काम करता है
04:44चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते
04:48रबता रबता एक गहरी अनसित में तबदील हो जाती है
04:51उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है
04:55जिबके अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
05:00लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है
05:03रबता के वालदीन ने इसका रिश्टा किसी अमेर खनदान में तेया कर दिया होता है
05:07जबके अमेर का माजिय और गोरुवत इसके रास्ते में देवार बंकर कड़ी हो जाती है
05:13अरीबा के वालिद साब कह देते हैं
05:15हम अपनी बेटे क्यों केती मामूली लड़के के साथ नहीं बांग सकते
05:20उमिर इजब और गयरत के साथ अरीबा के जिंदगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
05:25लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
05:28वो अपने जिंदगी के पेसले खुद करेगी
05:30अरीब गर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
05:34एक कामे आप डाक्टर बनती है
05:36और कियी साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है
05:39तो वक कैद छूट चुकी होती है
05:41विवर्ज आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कहती है
05:45वकत हमें कैद तो कर सकता है
05:48मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
05:52महबत को नहीं मार सकता
05:54आप देखेंगे कि इसी दौरान ये दोनों आते है
05:59और अरीबा अपने गर आती है
06:01और गर में अपने बाप के सामने कहती है
06:04कि मैं उमेर से महबत करती हूँ
06:07और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
06:09तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
06:15तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है इसके बात मानी जाती है
06:20तो इसके बाप राजी हो जाता है और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
06:26तो इस ड्रामसेल के होले से अपने राय की जाहर लाज़ी में करें साथ में हमारे यटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज
06:34ये एक दिल चोले नेवली कहानी है अरीबा और उमेर की दो अजनबी जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं
06:43अरीबा एक खुदार ताली में अबता और खौब देखने वाले लड़की है जो अपनी जिन्दगी में कुछ बढ़ा करना चाहती है
06:50दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खिव का सामना किया है
06:56दोनों के मुलाकात एक स्पताल में होती है जब अरीबा अपने वाल्दा की लाज के लिए आती है और उमेर वहा वलंटार की तरफ पर काम करता है
07:05चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाली मुलाकात रबता रबता एक गहरी अनसित में तबदील हो जाती है
07:13अमीर अरिबा के होसले और खुलोस से मतासिर होता है जबके अरिबा अमीर के अंदर शुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
07:21ल generic किसमत एक बार प्र अम्तिहान लेती है अरिबा के वालदीन ने इसका रिश्टा किसी अमीर खनादान में तेह कर दिया होता है
07:29जिबके उमेर का माज़िया और गर्वत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
07:35अरीबा के वालिद साथ कह देते हैं
07:37हम अपनी बेटे क्यों केती मामूली ललके के साथ नहीं बान सकते
07:41अरीबा के साथ अरीबा के साथ अरीबा के से दोर होने का पेसला कर लेता है
07:46लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
07:49वो अपने जिन्देगे के पेसले खुद करेगी
07:52अरीब गर चोल कर अपनी तालिम मकमल करती है
07:55एक कामयाब डाक्टर बनती है
07:57और कियी सार बहाद जब दूबारा मिलते हैं तो वक्त के चुट चुकी होती है
08:03विवर्ज आखरे सीन में अरीबाओ मेरी काहत तामकर कहती है
08:07वकत हमें कहत तो कर सकता है
08:10मगर महब्बत को कहेद नहीं कर सकता
08:13महब्बत को नहीं मार सकता
08:16आप देखेंगे कि इसी दोरान ये दोनों आते हैं और अरीबा अपने गर आती है और गर में अपने बाप के सामने कहती है कि मैं उमेर से महबत किरती हूँ और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
08:31तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी ईज़त है इसके बात मानी जाती है तो इसके बाप राजी हो जाता है और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है इस ड्रामा से लिके हाले से �
09:01वो गिसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लिलकी है जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है दुसी तरफ उमेर एक यतीम लिलका है जिसने बच्पन ही में जिन्दग
09:31रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है जबके अरीबा उमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को मحसूस करती है लेकिन किसमत एक बार प्र इमतिहान लेती है अरीबा के वालदे ने इसका रिच्ट
10:01ललके के साथ नहीं बान सकते
10:03उमिर इज़त और गयरत के साथ
10:05अरीबा के जिन्दगी से दोर होने का पेसला कर लेता है
10:08लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
10:11वो अपने जिन्दगी के पेसले खुद करेगी
10:14अरीब गर चोड़कर अपनी तालिम मकमल करती है
10:17एक कामे आप डाक्टर बनती है
10:19और कियी साल बहाद जब दोनों दूबारा मिलते है
10:22तो वक्र कैद छूट छूट चुके होती है
10:24विवर्ज आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर कैदी है
10:29वक्त हमें कैद तो कर सकता है
10:31मगर मुहबत को कैद नहीं कर सकता
10:35महब्बत को नहीं मार सकता
10:37आप देखेंगे कि
10:39इसी दवरान
10:41यो दोनो आते हैं
10:43और अरीबा अपने गडा आती है
10:44और गडार में अपने बाप की सामने कहती है
10:47कि मैं उमेर से
10:49महब्बत क केड़ी हूँ
10:50और मुझे उमेर हर हालत में चाही है
10:52तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
10:58तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है इसके बात मानी जाती है
11:03तो इसके बाप राजी हो जाता है और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
11:09इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाजी में करें साथ में हमारे यटूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत बूरिये
11:15तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज
11:17ये एक दिल चोले नेवली कहानी है अरीबा और उमेर की दो अजनबी जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते है
11:26अरीबा एक खुदार ताली में अबता और खौब देखने वाले लड़की है जो अपनी जिन्दगी में कुछ बढ़ा करना चाहती है
11:33दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खिव का सामना किया है
11:39दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है जब अरीबा अपने वालदा की लाज के लिए आती है और उमेर वहा वलन्टार की तरफ पर काम करता है
11:48चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अनसित में तबदील हो जाती है
11:56अरीबा के होसले और खुलूस से मतास्र होता है जब कि अरीबा अरीबा उमेर के अंदर चूपे डर्द और सचाई को मحसूस करती है
12:04लेकिन किसमत एक बार प्र इमतिछान लेती है अरीबा के वालदेन ने इसका रिश्ता किसे अमिर खनादान में ते कर दिया होता है
12:12जिबकि उमेर का माज़िया और गर्वत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
12:18अरीबा के वालिद साथ कह देते हैं
12:20हम अपनी बेटे क्यों केती मामूली ललके के साथ नहीं बान सकते
12:24अरीबा के साथ अरीबा के साथ अरीबा के साथ अरीबा के से दोर होने का पेसला कर लेता है
12:29लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है
12:32वो अपने जिन्देगे के पेसले खुद करेगी
12:35अरीब गर चोल कर अपनी तालिम मुकमल करती है
12:39एक कामयाब डाक्टर बनती है
12:41और किए साल बहाद जब दोनों दूबारा मिलते हैं तो वक केद छूच चुच चुकी होते है
12:46विवर्ज आखरे सीन मेरी बाओ मेरी के हाथ ताम कर केदी है
12:50वकत हमें केद तो कर सकता है
12:53मगर महबत को केद नहीं कर सकता
12:56महबत को नहीं मार सकता
12:59आप देखेंगे कि इसी दोरान ये दोनों आते हैं और अरीबा अपने गर आती है और गर में अपने बाप के सामने कहती है कि मैं उमेर से महबत किरती हूँ और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
13:14तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी ईज़त है इसके बात मानी जाती है तो इसके बाप राजी हो जाता है और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है इस ड्रामा से लिके हाले से �
13:44जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लड़की है जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्
14:14रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है जिबके अरीबा उमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिखान लेती है अरीबा के वालदेन ने इसका रि�
14:44ललके के साथ नहीं बान सकते है उमेर इज़त और गहरत के साथ अरीबा के जिन्दगी से दूर होने का पेसला कर लेता है लेकिन अरीबा पेसला कर चुकी होती है वो अपने जिन्दगी के पेसले खुद करेगी अरीब गहर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है एक कामय
15:14सकता है मगर महबत को के दिन नहीं कर सकता महबत को नहीं मार सकता आप देखेंगे कि इसी दोरान ये दोनों आते हैं और अरीबा अपने गर आती है और गर में अपने बाप के सामने कहती है कि मैं उमेर से महबत करती हूँ और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए तो आप देखें
15:44बहुत बड़ी ईज़त है इसके बात माने जाती है जिसके बाप राजी हो जाता है और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है इस ड्रामसेले के हवाले से अपने राय की जार लाज़ी में करें साथ में हमारे यटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए तैंक्स �
16:14जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है दूसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तलखिव का सामना किया है दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है जब अरीबा अपने वालदा के लाज़ के लिए आती है और उम
16:44उमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिगान लेती है अरीबा के वालदीन ने इसका रिष्टा किसे अमेर खनादान में तेह कर दिया होता है जबकि उमेर का माज़े और गर्वत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़
17:14पेसला कर चुकी होती है वो अपने जिंदेगे के पेसले खुद करेगी अरीब घर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है एक कामयाब डाक्टर बनती है और कई साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते है तो वक के चुट चुट चुकी होती है विवर्ज आखरे सीन मेरी
17:44इसी दौरान ये दोनों आते है और अरीबा अपने गर आती है और गर में अपने बाप के सामने कहती है कि मैं उमेर से महबत करती हूँ और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो अब एक कामयाब डाक्टर बन चुकी है तो इस वज़े से इस
18:14द्रामस से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी में करें साथ में हमारे येटूब का चीनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़े ये एक दिल चोले निवली कहानी है अरीबा और अमेर की दो अजनभी जो गिसमत के एक अजीब केल में
18:44दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है जब अरीबा अपने वालदा की लाज़ के लिए आती है और उमेर वहा वलेंटायर की तोर पर काम करता है चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकात रबता रबता एक गहरी अनसित में तबदील हो जाती है उमेर �
19:14इसका रिष्टा किसी अमेर खनादान में तेह कर दिया होता है जबकि अमेर का माज़े और गर्वत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है अरीबा के वालद साब कह देते हैं हम अपनी बेटे क्यों के ती मामूल ये ललके के साथ नहीं बान सकते अमेर इज़त
19:44एक का में आप डाक्टर बनती है और कई साल बहाद जब दोनों दुबारा मिलते हैं तो वक के चुट चुट चुकी होती है विवर्ज आखरे सीन मेरी बाव मेरे के हाथ ताम कर कहती है वकत हमें के तो कर सकता है मगर महबत को के दिन नहीं कर सकता महबत को नहीं मार सकता आ�
20:14उमेर से महबत किरती हो
20:16और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
20:18तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
20:24तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
20:28इसके बात मानी जाती है
20:29तो इसके बाप राजी हो जाता है
20:31और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
20:35इस ड्रामा से लिके होले से अपने राय की जाहर लाज़ी के में करें
20:38साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
20:41तैंक्स पर वाचिंग अल्हाफ़ज
20:43ये एक दिल चोले निव वाली कहानी है
20:46अरीबा और उमेर की दो अजनबी जो किसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते हैं
20:52अरीबा एक खुदार, ताली में अपता और खौफ देखने वाले लिलकी है
20:57जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
21:00दूसरी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है
21:02जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खिव का सामना किया है
21:06दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है
21:08जब अरीबा अपने वालदा के लाज के लिए आती है
21:11और उमेर वहा वलन टाहर की तोर पर काम करता है
21:14चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अनसित में तबदील हो जाती है
21:22उमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है
21:26जिब के अरीबा अमेर के अंदर चुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
21:31लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है
21:33अरीबा के वालदीन ने इसका रिष्टा किसे अमेर खनादान में तेह कर दिया होता है
21:38जिब कि अमेर का माज़िया और गुरुबत इसके रास्ते में देवार बनकर कड़ी हो जाती है
21:44अर्यबा के वालिद साब कह देते हैं
21:46हम अपनी बेटे क्यों केती
21:48मामूली लड़के के साथ नहीं बाढ़ सकते
21:50अमिर इज़द और गहरत
21:52के साथ अर्यबा के जिन्दगी से दूर होने
21:54का पैसला कर लेता है
21:55लेकिन अर्यबा पैसला कर चुकी होती है
21:58वो अपने जिन्देगे के पेस ले खुद करेगी
22:01अरी बगर चोड़कर अपनी तालिम मुकमल करती है
22:05एक कामे आप डाक्टर बनती है
22:07और कियी साल बहाद जब दूनों दुबारा मिलते है
22:09तो वक कैद चुट चुकी होती है
22:12विवर्ज आखरे सीन में अरी बऑवुमेर के हाथ तामकर कहती है
22:16वकत हमें कैद तो कर सकता है
22:19मगर महबत को कैद नहीं कर सकता
22:22महबत को नहीं मार सकता
22:25आप देखेंगे कि इसी दौराण ये दोनों आते है
22:30और अरीबा अपने ग़र आती है
22:32और गर में अपने बाप के सामने कहती है
22:35कि मैं उमेर से महबत किरती हूँ
22:37और मुझे उमेर हर हालत में चाहिए
22:40तो आप देखेंगे कि वाओ वो तो आप एक काम्याब डाक्टर बन चुकी है
22:46तो इस वज़े से इसके गर में बहुत बड़ी इज़त है
22:49इसके बाप राजी हो जाता है
22:53और अपने बेटी के शादी उमेर से कर देते है
22:56इस ड्रामस से लिके हवाले से अपने राय की जहार लाज़िवी के में करें
23:00साथ में हमरे येटूब का चेनल सबस्क्राइब करना मत बूलिए
23:03तेंक्स पर वाचिंग अल्हाफिज
23:04ये एक दिल चोले नेवली कहानी है
23:07अरीबा और उमेर की दो अजनभी जो गिसमत के एक अजीब केल में एक दूसरे के साथ बन जाते है
23:13अरीबा एक खुदार ताली में अपता और खौब देखने वाले लड़की है
23:18जो अपनी जिन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहती है
23:21दुसी तरफ उमेर एक यतीम लड़का है
23:23जिसने बच्पन ही में जिन्दगी के तल्खिव का सामना क्या है
23:27दोनों के मुलाकात एक अस्पताल में होती है
23:30जब अरीबा अपने वालदा की लाज के लिए आती है
23:33और उमेर वहा वलेंटायर की तोर पर काम करता है
23:36चूटी चूटी बात उसे शुरू होने वाले मुलाकाते रबता रबता एक गहरी अंसित में तबदील हो जाती है
23:44अमेर अरीबा के होसले और खुलूस से मतासिर होता है
23:47जब के अरीबा अमेर के अंदर शुपे दर्द और सचाई को महसूस करती है
23:52लेकिन किसमत एक बार पिर अम्तिहान लेती है
23:55عریبہ کے والدین نے
23:57اس کا رشتہ کسی امیر خاندان میں
23:59تیہ کر دیا ہوتا ہے
24:00جبکہ عمر کا ماضی اور غروت
24:02اس کے راستے میں دیوار بن کر
24:04کڑی ہو جاتی ہے
24:06عریبہ کے والد صاحب کہہ دیتے ہیں
24:07ہم اپنی بیٹے کیوں کہتی معمولی
24:10لڑکے کے ساتھ نہیں بان سکتے
24:12عمر عزت اور غیرت کے ساتھ
24:14عریبہ کے زندگی سے دور ہونے کا
24:16پیسلہ کر لیتا ہے لیکن عریبہ
24:18پیسلہ کر چکی ہوتی ہے
24:20وہ اپنے زندگی کے پیسلے
24:22خود کرے گی
24:23عریبہ کے گھر چھوڑ کر اپنی تعلیم مکمل کرتی ہے
24:26ایک کامیاب ڈاکٹر بنتی ہے
24:28اور کئی سال بعد جب دونوں دوبارہ
24:30ملتے ہیں تو وقت کے قید
24:32چھوٹ چکی ہوتی ہے
24:33ویورز آخری سین میں عریبہ
24:36میرے کے ہاتھ تام کر کہتی ہے
24:38وقت ہمیں قید تو کر سکتا ہے
24:40مگر محبت کو
24:42قید نہیں کر سکتا
24:44محبت کو نہیں مار سکتا
24:47اور آپ دیکھیں گے کہ
24:48اسی دوران
24:50یہ دونوں آتے ہیں
24:52اور عریبہ اپنے گھر آتی ہے
24:54اور گھر میں اپنے باپ کے سامنے کہتی ہے
24:56کہ میں عمیر سے محبت کرتی ہوں
24:59اور مجھے عمیر
25:00ہر حالت میں چاہیے
25:02تو آپ دیکھیں گے کہ وہ تو اب
25:04ایک کامیاب ڈاکٹر
25:06بن چکی ہے
25:07اس وجہ سے اس کے گھر میں
25:10بہت بڑی عزت ہے اس کی بات مانی جاتی ہے
25:12اس کے باپ راضی ہو جاتا ہے
25:14اور اپنے بیٹی کے شادی
25:16عمیر سے کر دیتے ہیں
25:18یہ ایک دل چولے
25:28نیوالی کہانی ہے
25:29عریبہ اور عمیر کی
25:30دو اجنبی جو قسمت کے
25:32ایک عجیب گیل میں ایک دوسرے کے ساتھ
25:34بن جاتے ہیں
25:35عریبہ ایک خوددار
25:37تعلیم عبتہ اور خواب دیکھنے والے
25:39لڑکی ہے جو اپنی زندگی میں
25:41کچھ بڑا کرنا چاہتی ہے
25:43دوسری طرف عمیر ایک عتیم لڑکا ہے
25:45جس نے بچپن ہی میں زندگی کی تلخیو کا سامنا کیا ہے
25:49دولوں کی ملاقات ایک اسپتال میں ہوتی ہے
25:51جب عریبہ اپنے والدہ کی علاج کے لئے آتی ہے
25:54اور عمیر وہاں
25:55ویلنٹائر کی طور پر کام کرتا ہے
25:57چوٹی چوٹی باتوں سے شروع ہونے والی ملاقات ہے
26:01ربطہ ربطہ ایک گہری انصیت میں تبدیل ہو جاتی ہے
26:05عمیر عریبہ کے حوصلے اور خلوص سے متاثر ہوتا ہے
26:09جبکہ عریبہ عمیر کے اندر شپے درد اور سچائی کو محسوس کرتی ہے
26:14لیکن قسمت ایک بار پھر امتحان لیتی ہے
26:17عریبہ کے والدین نے اس کا رشتہ کسی امیر خاندان میں تیہ کر دیا ہوتا ہے
26:21جبکہ عمیر کا ماضی اور غروت اس کے راستے میں دیوار بن کر کڑی ہو جاتی ہے
26:27عریبہ کے والد صاحب کہہ دیتے ہیں
26:29ہم اپنی بیٹے کیوں کے تیم معمولی لڑکے کے ساتھ نہیں بان سکتے
26:33عمیر عزت اور غیرت کے ساتھ عریبہ کے زندگی سے دور ہونے کا پیسلہ کر لیتا ہے
26:39لیکن عریبہ پیسلہ کر چکی ہوتی ہے
26:41وہ اپنے زندگی کے پیسلے خود کرے گی
26:45عریبہ بگر چھوڑ کر اپنی تعلیم مکمل کرتی ہے
26:48ایک کامیاب ڈاکٹر بنتی ہے
26:50اور کئی سال بعد جب دونوں دوبارہ ملتے ہیں
26:53تو وقت کے قید چھوٹ چکی ہوتی ہے
26:55ویورز آخری سین میں عریبہ عمیر کے ہاتھ تام کر کہتی ہے
26:59وقت ہمیں قید تو کر سکتا ہے
27:02مگر محبت کو قید نہیں کر سکتا
27:06محبت کو نہیں مار سکتا
27:08اور آپ دیکھیں گے کہ
27:10اسی دوران یہ دونوں آتے ہیں
27:13اور عریبہ اپنے گھر آتی ہے
27:15اور گھر میں اپنے باپ کے سامنے کہتی ہے
27:18کہ میں عمیر سے محبت کرتی ہوں
27:21اور مجھے عمیر ہر حالت میں چاہیے
27:23تو آپ دیکھیں گے کہ وہ تو اب
27:25ایک کامیاب ڈاکٹر بن چکی ہے
27:29تو اس وجہ سے اس کے گھر میں بہت بڑی عزت ہے
27:33اس کی بات مانی جاتی ہے
27:34تو اس کے باپ راضی ہو جاتا ہے
27:36اور اپنے بیٹی کے شادی
27:37عمیر سے کر دیتے ہیں
27:40تو اس دراما سے علیکہ کے حوالے سے
27:41اپنے رائے کی ظہار لازمی کے منٹ کریں
27:43یہ ایک دل چولے نیوالی کہانی ہے
27:51عریبہ اور عمیر کی دو اجنبی
27:53جو قسمت کے ایک عجیب گیل میں
27:55ایک دوسرے کے ساتھ بن جاتے ہیں
27:57عریبہ ایک خوددار
27:59تعالیم عبتہ اور خواب دیکھنے والے لڑکی ہے
28:01جو اپنی زندگی میں کچھ بڑا کرنا چاہتی ہے
28:04دوسری طرف عمیر ایک عتیم لڑکا ہے
28:06جس نے بچپن ہی میں
28:08زندگی کے تلخل کا سامنا کیا ہے
28:10دونوں کے ملاقات ایک اسپتال میں ہوتی ہے
28:13جب عریبہ اپنے والدہ کی علاج کے لئے آتی ہے
28:16اور عمیر وہاں
28:17ویلنٹائر کی طور پر کام کرتا ہے
28:19چوٹی چوٹی بات
28:21اسے شروع ہونے والے ملاقات
28:23ربطہ ربطہ ایک گہری
28:24انصیت میں تبدیل ہو جاتی ہے
28:27عمیر عریبہ کے حوصلے
28:29اور خلوص سے متاثر ہوتا ہے
28:31جبکہ عریبہ عمیر کے اندر
28:33شپے درد اور سچائی کو محسوس کرتی ہے
28:35لیکن قسمت ایک بار پھر امتحان لیتی ہے
28:38عریبہ کے والدین نے
28:40اس کا رشتہ کسی امیر خاندان میں
28:42تیہ کر دیا ہوتا ہے
28:43جبکہ عمیر کا ماضی اور غروت
28:45اس کے راستے میں دیوار بن کر
28:48کڑی ہو جاتی ہے
28:49عریبہ کے والد صاحب کہہ دیتے ہیں
28:51ہم اپنی بیٹے کیوں کے تیم معمولی لڑکے
28:53کے ساتھ نہیں بان سکتے
28:55عمیر عزت اور غیرت کے ساتھ
28:57عریبہ کے زندگی سے دور ہونے کا پیسلہ کر لیتا ہے
29:00لیکن عریبہ پیسلہ کر چکی ہوتی ہے
29:03وہ اپنے زندگی کے پیسلے خود کرے گی
29:06عریبہ بگر چھوڑ کر
29:08اپنی تعلیم مکمل کرتی ہے
29:09ایک کامیاب ڈاکٹر بنتی ہے
29:11اور کئی سال بعد جب دونوں دوبارہ ملتے ہیں
29:14تو وقت کے قید چھوٹ چکی ہوتی ہے
29:17ویورز
29:18آخری سین میں عریبہ
29:19وہ میرے کے ہاتھ تام کر کہتی ہے
29:21وقت ہمیں قید تو کر سکتا ہے
29:24مگر محبت کو قید نہیں کر سکتا
29:27محبت کو نہیں مار سکتا
29:30اور آپ دیکھیں گے
29:31کہ
29:31اسی دوران
29:33یہ دونوں آتے ہیں
29:35اور عریبہ اپنے گھر آتی ہے
29:37اور گھر میں اپنے باپ کے سامنے کہتی ہے
29:39کہ میں عمیر سے محبت کرتی ہوں
29:42اور مجھے عمیر ہر حالت میں چاہیے
29:45تو آپ دیکھیں گے
29:46وہ تو اب ایک کامیاب ڈاکٹر بن چکی ہے
29:50تو اس وجہ سے
29:52اس کے گھر میں بہت بڑی عزت ہے
29:54اس کے بات مانی جاتی ہے
29:55تو اس کے باپ راضی ہو جاتا ہے
29:58اور اپنے بیٹی کے شادی
29:59عمیر سے کر دیتے ہیں
30:01اس ڈراما سے لکے حوالے سے
30:02اپنے رائے کی ظہار لازمی کے محبت کریں
30:04ساتھ میں ہمارا یوٹیوب کا چینل
30:06سبسکرائب کرنا مت بھولئے
30:08تینکس بار واشنگ
30:08اللہ حافظ
30:09یہ ایک دل چولے نیوالی کہانی ہے
30:12عریبہ اور عمیر کی دو اجنبی جو قسمت کے ایک عجیب کے علمے ایک دوسرے کے ساتھ بن جاتے ہیں
30:18عریبہ ایک خوددار تعلیم اپتہ اور خواب دیکھنے والے لڑکی ہے
30:23جو اپنی زندگی میں کچھ بڑا کرنا چاہتی ہے
30:26دوسری طرف عمیر ایک عتیم لڑکا ہے
30:28جس نے بچپن ہی میں زندگی کے تلخیر کا سامنا کیا ہے
30:32دولوں کے ملاقات ایک اسپتال میں ہوتی ہے
30:34جب عریبہ اپنے والدہ کی علاج کے لئے آتی ہے
30:37اور عمیر وہاں والنٹائر کی طور پر کام کرتا ہے
30:41چوٹی چوٹی باتوں سے شروع ہونے والی ملاقات ہے
30:45ربطہ ربطہ ایک گہری انسیت میں تبدیل ہو جاتی ہے
30:48عمیر عریبہ کے حوصلے اور خلوص سے متاثر ہوتا ہے
30:52جبکہ عریبہ عمیر کے اندر شوپے درد اور سچائی کو محسوس کرتی ہے
30:57لیکن قسمت ایک بار پھر امتحان لیتی ہے
31:02کسی امیر خاندان میں تیہ کر دیا ہوتا ہے
31:04جبکہ عمیر کا ماضی اور غروبت اس کے راستے میں دیوار بن کر کڑی ہو جاتی ہے
31:10عریبہ کے والد صاحب کہہ دیتے ہیں
31:12ہم اپنی بیٹے کیوں کہتی معامولی لڑکے کے ساتھ نہیں بان سکتے
31:17عمیر عزت اور غیرت کے ساتھ عریبہ کے زندگی سے دور ہونے کا پیسلہ کر لیتا ہے
31:22لیکن عریبہ پیسلہ کر چکی ہوتی ہے
31:25وہ اپنے زندگی کے پیسلے خود کرے گی
31:28عریبہ گھر چھوڑ کر اپنی تعلیم مکمل کرتی ہے
31:31ایک کامیاب ڈاکٹر بنتی ہے
31:33اور کئی سال بعد جب دونوں دوبارہ ملتے ہیں
31:36تو وقت قید چھوٹ چکی ہوتی ہے
31:38ویورز آخری سین میں عریبہ آو میرے کے ہاتھ تام کر کہتی ہے
31:43وقت ہمیں قید تو کر سکتا ہے
31:45مگر محبت کو قید نہیں کر سکتا
31:49محبت کو نہیں مار سکتا
31:51آپ دیکھیں گے کہ
31:53اسی دوران
31:54یہ دونوں آتے ہیں
31:56اور عریبہ اپنے گھر آتی ہے
31:58اور گھر میں اپنے باپ کے سامنے کہتی ہے
32:01کہ میں عمیر سے
32:02محبت کرتی ہوں
32:04اور مجھے عمیر ہر حالت میں چاہیے
32:06تو آپ دیکھیں گے کہ
32:08وہ تو اب ایک کامیاب
32:10ڈاکٹر بن چکی ہے
32:12تو اس وجہ سے اس کے گھر میں
32:15بہت بڑی عزت ہے
32:16اس کے بات مانی جاتی ہے
32:17جس کے باپ راضی ہو جاتا ہے
32:19اور اپنے بیٹی کے شادی
32:21عمیر سے کر دیتے ہیں
32:23اس ڈراما سے لکے حوالے سے
32:24اپنے رائے کی ظہار لازمی
32:25کمیل کریں
32:26ساتھ میں ہمارا ہیٹیوب کا چینل
32:27سبسکرائب کرنا مت بھولیے
32:29تینکس پار واشنگ
32:30اللہ حافظ
32:31یہ ایک دل چولے
32:33نیوالی کہانی ہے
32:34عریبہ اور عمیر کی
32:35دو اجنبی جو قسمت کے
32:37ایک عجیب کیل میں
32:38ایک دلسے کے ساتھ بن جاتے ہیں
32:40عریبہ ایک خوددار
32:42تعالیم ابتہ
32:43اور خواب دیکھنے والے لڑکی
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