00:00घरों में रहने वाली बिल्लियों को बहुत मार पड़ती थी, कभी दूध के लिए.
00:05जैसे बिल्ली को भूख लगती थी, तो वह चुपचाब दूध पी जाती.
00:09जब उसके मालिक या माल्किन को ये सब पता लगता, तो वो उसे बहुत मारते थे.
00:15इसी तरह बिल्ली जब घूमने जाती थी, तो हर इंसान उन्हें देखकर मुझ बनाता था, कि बिल्ली ने रास्ता काट दिया, अब क्या होगा?
00:24एक दिन सारी बिल्लियों ने एक सभा बुलाई.
00:27उसमें यह निर्णाय लिया गया कि इंसानों से दूर हम अपना एक अलग शहर बसाएंगे, जहां हम कभी इंसानों को नहीं आने देंगे, यही सोचकर बिल्लियों ने अपना एक नया शहर बसाया.
00:40इंसानों के बीच में इतने सानों तक रहकर बिल्लियों ने बहुत कुछ सीखा था. इसलिए उन्होंने इंसानों की हर सुविधा उस शहर में रखी. सभी बिल्लियां मज़े से इंसानों की तरह रहने लगी. एक बिल्ली को उन्होंने अपनी राणी घोशित कर दिया.
00:57उसके साथ कुछ और बिल्लियों ने पूरे शहर को सही से चलाने के लिए कुछ कानून बना दिये, जिनका पालन करना सब के लिए अनिवार्य था. इसी शहर के एक फ्लेट में चिंकी और मिंकी नाम की दो बहने अपनी शालू मौसी के साथ रहती थी. चिंकी और मिंकी की मा
01:27मीने की पहली तारीक है, शौपिंग करने जाना है की नहीं? घर का सारा राशन खत्म हो गया.
01:33मौसी, सोने दो न बड़ी, मुश्किल से तो स्कूल से छुट्टी मिली है, लेकिन शालू मौसी को गुस्सा होते देखकर, मिंकी ने जल्दी से उठकर चिंकी से कहा,
01:43जल्दी से उठ जा, नहीं तो मौसी यहीं आ जाएंगी. चल न शौपिंग पर चलते हैं, मैंने पिछले महीने एक ड्रेस देखी थी, आज तो मैं खरीद कर ही छोड़ूंगी, अरे लेकिन मौसी कहां दिलवाएंगी, वो तो एक नमबर की कंजूस है, घर का राशन खरीद
02:13मौल में पहुँच जाती है. मौल के दूसरी तरफ कपडों की दुकाने थी.
02:17चिंकी और मिंकी मौसी को छोड़कर वहाँ पहुँच जाती हैं, और अपनी पसंद की ड्रेस पहनकर देखने लगती हैं.
02:24चिंकी, देख ये ड्रेस मुझे पसंद है, दोनों एक-एक ड्रेस पसंद कर लेती हैं, मिंकी कुछ पैसे दे देती हैं.
02:32इधर चिंकी मौसी से जाकर कहती है, मौसी वहाँ बहुत सस्ती ड्रेस मिल रही हैं, कुछ पैसे दे दो, एक के साथ दो फ्री मिल रही हैं.
02:41क्या तू सच कह रही है? ये ले पैसे दोनों अच्छी ड्रेस खरीद लेना. चिंकी और मिंकी ड्रेस खरीद कर बाहर आती हैं, तो देखती हैं.
02:49बाहर शालू मौसी खड़ी है और उनके पास बहुत भीड लगी थी, वो जल्दी जल्दी पहुंची. हाँ देखो, ये दोनों कितनी अच्छी ड्रेस पहने हैं. बेटी, इने भी बता दो, कौन सी दुकान पर एक के साथ दो ड्रेस फ्री मिल रही हैं. मैंने सब को फोन करक
03:19लेकिन शालू मौसी नहीं मानी और दोनों को लेकर उस दुकान में पहुँच जाती हैं.
03:25दुकानदार उन्हें सारी सच्चाई बता देता है. शालू मौसी बहुत गुस्सा होती है, फिर वो सब से माफ़ी मांगती है.
03:33सब के जाने के बाद वो दोनों को लेकर घर आ जाती हैं. दोनों बहने अपने किये पर बहुत पच्चताती हैं. दोनों मौसी के पैर पकड़ कर उनसे माफी मांगती हैं.
03:44कहानी से शिक्षा एक छूट के कारण बडों का अपमान हो सकता है.
03:49अगर आपको यह कहानी पसंद आई हो तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब करें और वीडियो को लाइक अव शेर करना न भूलें. आपकी प्रतिक्रिया हमें और भी प्रेरित करेगी.