शब्दयोग सत्संग २४ जुलाई , २०१६ रमण महर्षि केंद्र, नई दिल्ली
प्रसंग: नेति-नेति का क्या अर्थ है? क्या नेति-नेति के बाद ही पूर्ण समर्पण आती है? किसी चीज का नेति-नेति कैसे करें? क्या सब को नकारना ही एक मात्र मार्ग है? क्या नेति-नेति ध्यान की आधारभूत प्रक्रिया है?