"जिस दानत से हम दान करतें है उस हिसाब से पुण्य-पाप बाँध लेते है। दान की क्रिया पूर्व कर्म का फल है। हमें भाव से गुप्त दान करना चाहिए। तख्तियाँ लगवाने के लिए या मान, किर्ती, नाम और लाभ के लिए नहीं करना चाहिए। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए देखें यह विडियो...
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