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  • 2 hours ago
शेख़ हसीना के विरोध में बनी NCP का जमात-ए-इस्लामी से गठबंधन, बांग्लादेश में बवाल

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00:00अब आपको बांगलादेश लेकर चलते हैं और ये बताते हैं कि बांगलादेश में NCP और जमाते इसलामी का गठबंधन क्या कहता है
00:08आपको अगस 2024 की तस्वीरें हम दिखाते हैं और याद कराते हैं जब बांगलादेश में पूर प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के खिलाफ छात्रों का हिंसक आंदूलन चल रहा था
00:19उस वक्त इस आंदूलन के शुरुआत आरक्षण के विरोध से हुई थी और ये वही आरक्षण था जिसका लाब 1971 के लिबरेशन वार में हिस्सा लेने वाले स्वतंतरता सैनानियों के परिवारों के युवाओं को मिला करता था
00:33उस वक्त इस आरक्षण विरोधी आग ने बांगलादेश में तखता पलट करा दिया और पूरी दुनिया ने इसे एक क्रांती के रूप में देखा
00:41लेकिन आज हम ये कहना चाहते हैं कि उस वक्त बांगलादेश में क्रांती नहीं हुई थी बलकि ये क्रांती के नाम पर एक भ्रांती हो सकती है
00:49आज बांगलादेश उन सभी देशों के लिए एक केस टड़ी बन गया है जहां हिंसा के जरिये राजनीतिक तख्ता पलट की कोशिशें होती हैं
00:58और ये सोचा जाता है कि सरकार बदलने से सब कुछ ठीक हो जाएगा जबकि इस प्रकार के तख्ता पलट के पीछे सुन योजित साज़िश होती है
01:06ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्यूंकि आज बांगलादेश में 12 अरवरी को होने वाले संसिदिये चुनावों के लिए
01:28ब्रष्टाचार विरोधी और लोगतांतरिक विकल्प देने का दावा करते थे
01:32लेकिन आज प्रदर्शनकारी चात्रों की इसी राजनीतिक पार्टी ने कटर पंथी जमाते इसलामी के साथ कड़बंधन कर लिया है
01:39और ये वही जमाते इसलामी है जिसने बांगलदेश की आजादी के खिलाफ 1971 के युद्ध में पाकिस्तान का साथ दिया था
01:47और जिस पर अल्प संख्यक हिंदू के खिलाफ हजारों अत्याचार के मामले दर्ज है
01:52आज बांगलदेश के आम लोग खुद को ठागा हुआ मैसूस कर रहे हैं और वहाँ सोशल मीडिया पर इस गठबंधन की खूब निंदा हो रही
02:01लोग यही पूछ रहे हैं कि क्या एनसीपी ने जमाते इसलामी के साथ गड़बंधन करने के लिए बांगलदेश में हिंसक आंदोलन किया था
02:10दूसरा इससे ये भी सवाल खड़ा होता है कि क्या शेख हसीना की सरकार को हटाने के लिए जमाते इसलामी ने बांगलदेश के कुछ चात्रों के साथ मिलकर साज़िश रची थी
02:21साल 2013 में जब जमाते इसलामी के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा तब उसके लिए वापसी करना लगभग नामुम्किन हो गया था
02:29लेकिन दावा है कि इसके बाद कटरपंथी ताकतों ने जमाते इसलामी को जिन्दा किया और शेख हसीना की सरकार को उखाड़ फेकने के लिए एक पूरी योजना बनाए गई
02:40आज भी अगर जमाते इसलामी और NCP के बीच संसदिय चुनावों के लिए वहाँ गटवंधन हुआ है तो ये गटवंधन एक सोची समझी रणनीती का हिस्सा है
02:50और ऐसा माना जा रहा है कि जमाते इसलामी ही छात्रों की NCP को नियंतरित कर रही है
02:56हम आपको जमाते इसलामी का एक बायो डेटा दिखाते हैं जिससे आप ये समझ पाएंगे कि अगर जमाते इसलामी बांगलदेश की सत्ता में आती है तो बांगलदेश का क्या होगा
03:06और अल्प संख्यक हिंदूओं के लिए बांगलदेश नर्क जैसा बन जाएगा
03:10पहली बात जमात के कटरपंथी बांगलदेश के समविधान में मौझूद धर्मिर पेक्षता को इसलाम विरूधी मानते हैं और उसकी जगे इसलामी राज्जी की अवधार ना लाना चाहते हैं
03:22दूसरा जमात का लक्ष ऐसा बांगलदेश बनाना है जहां कानून संसद से नहीं बलकि शर्या की व्याख्या से तै हो और नागरिकों के अधिकार भी धर्म पर निर्भर रहें
03:34तीसरा, जमाते इसलामी बांगलदेश को इसलामी उम्माह का हिस्सा मानती है, जहां अच्छा नागरिक होने की कसोटी इसलाम से तय होती है।
03:43इसी में हिंदू और बाकी अलपसंख्यकों को दोयम दर्जे का नागरिक माना जाता है और कई मोकों पर जमाद के नेताओं ने कहा है कि वो अलपसंख्यकों को बराबरी का हकदार नहीं मानते.
03:53चौथा जमात के कट्टरपंथी ये भी कहते हैं कि आदर्ष समाज वही होता है जहां महिलाओं की स्वतंतरता, शिक्षा, काम और नेत्रित्व, सीमित हो और उन्हें पारंपरिक धार्मिक भूमिकाओं में बांधा जाए
04:05इसके लिए जमात के लोग हिंदु महिलाओं को भी बुर्के और हिजाब में रखने की मांग करते हैं पांचमा जमात संगीत, नित्य, थियेटर, साहित्य को भी गएर इसलामी मानता है और इन पर कड़े प्रतिबंध लगाने की मांग करता है छठा जमात के कट्टरपंथी आ
04:35पीशनिंदा मानते हैं और वो बांगलदेश को पाकिस्तान से भी ज्यादा कट्टर बनाने की बात कहते हैं और इसलिए सोचिए अगर जमाते इसलामी NCP के साथ गढ़भंधन करके चुनावों में जीत गई तो बांगलदेश कितना पीछे चला जाएगा और बांगलदेश
05:05पाकिस्तान में तालिबान की सरकार ने पाकिस्तान के लिए किया था वैसे आज बात सिर्फ जमाते इसलामी की नहीं है अगर खालिदा जिया की बांगलदेश नाशनलिस्ट पार्टी सक्ता में आती है और उनके बेटे तारिक रह्मान बांगलदेश के अगले प्रधान मंत
05:35नहीं दी जाएगी इस बयान पर बांगलेश से निर्वासित लेखिका तस्लीमा नस्रीन ने कहा है कि कुरान और हदीस पर आधारत कानूनों के तहट सबसे ज्यादा पीड़त महिलाएं और गैर मुसल्मान होंगे उनके पास बोलने लायक कोई अधिकार होगा नहीं और प्र�
06:05और ये एक बहुत बड़ी बात है इससे ये भी पता चलता है कि बांगलदेश एक ऐसे रास्ते पर चल पड़ा है जहांसे कुछ भी सामान्य होना बहुत मुश्किल है उधारन के लिए बांगलदेश में छातन नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या पर अब भी विरोध प्र
06:35हादी के हत्यारों को भारत में शरण नहीं मिली है और भारत का इन हत्यारों से कोई संबंध नहीं है सोचने वाली बात ये है कि बिन पी के नेता जमाते इसलामी पर खुल कर ये आरोप लगा रहे हैं कि उसका संबंध उस्मान हादी के हत्यारों से है लेकिन इसके बाद भी
07:05कटरपंथ किसी एक देश, समाज या मजहब तक सीमित रहने वाली बिमारी नहीं है
07:10बलकि एक संक्रमन की तरह फैलता है
07:12चुपचाब, तेजी से और बहुत खतरनाक धंग से
07:16जैसे कोई भी वाइरस पहले कमजोर प्रतिरोधक शमता वाले शरीर पर प्रहार करता है
07:20वैसे ही कटरपंथ, अस्थिर राजनीती, धेली कानून व्यवस्ता, डर और नफरत के माहौल को अपना माध्यम बनाता है
07:28और आज बांगलदेश में यही हो रहा है
07:30बांगलदेश में अलप संख्यक हिंदूओं के खिलाफ जिस तरह से धार्मिक नफरत को बढ़ावा दिया गया
07:36वो कटरपंथ के लक्षणू की तरफ सीधा इशारा था
07:39लेकिन बांगलदेश में एक बार भी इसकी गंभीरता को सही रूप में नहीं समझा गया
07:44आज स्थिती ये है कि बांगलदेश में कटरपंथी ताकतों की मनमानी बढ़ती जा रही है
07:49और अलप संख्यक हिंदूओं पर जुल्म के बाद वहां क्रिस्मस और नए साल के जशन का भी विरोध हो रहा है
07:55बांगलदेश के अलग-अलग जिलों में ऐसे कई फत्वे जारी हुए हैं जिन में नए साल के उत्सव को इसलाम धर्म के खिलाफ माना गया है
08:03और ऐसा नहीं है कि बांगलदेश में ये पहली बार हो रहा है
08:06आज से 24 साल पहले 2001 में जब धाका के चायनोट में नवर्ष का उत्सव मनाया गया था
08:15तब वहां हुए बंधमाकों में 10 लोगों की जान गई थी
08:18और ये कहानी आज भी नहीं बदली है
08:20आज भी राजनीतिक संरक्षन का ऑक्सिजन मिलते ही कट्टर पंतियों ने नए साल का विरोज शुरू कर दिया
08:26और बड़ी बात ये है कि बांगलदेश में ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वहां कट्टर पंतियों को खुली छूट मिल रही है
08:32लेकिन भारत में ऐसा क्यों हो रहा है उसके बार में भी हमें सोचना होगा
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