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बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। कई इलाकों में हिंदू परिवारों के घरों को आग के हवाले किया गया, लोग जान बचाकर भागने को मजबूर हुए। आरोप है कि कट्टरपंथी तत्व दिन-दहाड़े हमले कर रहे हैं, जबकि सत्ता और प्रशासन की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। इस वीडियो में जमीनी घटनाओं, मानवाधिकार रिपोर्ट्स और सामने आए वीडियो के आधार पर बताया गया है कि हालात कितने गंभीर हैं। क्या बांग्लादेश हिंदुओं के लिए असुरक्षित होता जा रहा है? पूरी रिपोर्ट देखें।

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~HT.410~PR.250~ED.110~

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00:00जात अचानक डरबन कर उत्री थी बंगलदीश के दम्रिताला गाउं के उस सिरे पर जहां हिंदू परिवार पीजियों से रहते आए
00:12पहले धुआ उठा फिराग की लप्टे दिखीं कुछी पलों में समझा गया कि ये कोई हादसा नहीं आग जान बूच कर लगाई गई
00:21कम से कम पाँच घरों में आग भड़क उठी उन घरों के भीतर लोग थे बच्चें बुज़ूर्ग और कई महिलाएं
00:30परिवारू का कहना है कि दरवाजे बाहर से बंद कर दिये कए ताकि कोई निकल ना पाए
00:35धुआ घना हो रहा था सांस लेना मुश्किल था आग जटों तक पहुँच चुगी थी बाहर चीख पुकार थी अंदर मौत का सन्नाटा
00:45अखिरकार आठ लोग किसी तरह से तिन और बांस की बाढ़ काट कर बाहर निकले
00:51ये भागना आसान नहीं था ये जान बचाने की आखिरी कोशिश थी
00:56वे बाहर तो आ गए लेकिन पीछे जो छूट गया वो सब कुछ था घर, कपड़े, कागज, जमा पूंजी और पालतु जानवर
01:06कुछी देर में सब कुछ राख में तब्दील हो गया
01:09आग के सामने खड़े लोग नहीं जानते थे कि अगले पल उनकी बारी हो सकती है
01:14पोलिस ने पाँच संदिक्दों को गिरफतार किया, जाँच जारी है, वजह साफ नहीं
01:19ऐसा कहा जा रहा है, लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स कुछ और कहानी बताती है
01:24एक कमरी में कपड़े खटा किये गए, फिर आग लगाई गई
01:27ये तरीका नया नहीं है, यही तरीका पिछले महिनों में कई बार देखा गया
01:32दमरितालकी ये घटना अकेली नहीं, ये उस सिलसिले का हिस्सा है
01:37जो बांगलादीश में हिंदू अलब संख्यकों के खिलाफ लगातार तीज हो रहा है
01:42अभिंसा अचानक नहीं होती, उसके पहले जमीन तयार होती है
01:46पहले सोशल मीडिया पर आरूप उचलता है
01:49इशनिंदा का आरूप, धर्म के अबमान का दावा, पोस्ट, मैसेज विडियो, फिर पुलस हरकत में आती है
01:57और आरूपी को गिरफतार कर लेती है
01:59गिरफतारी के बाद हालात शान्त होने की बजाए और बिगड़ते है
02:03कई बार आरूप किसी एक व्यक्ति पर होता है, लेकिन सजा पूरे मोहले को दी जाती है
02:09घर चलते हैं, दुकानों को तोड़ा जाता है
02:12लोगरा तो रात पलायन करने पर मचपूर हो जाते है
02:16सवाल ये नहीं रह जाता कि आरूप सही है या गलत
02:20सवाल ये होता है कि भीड किसे सजा देगी
02:23मानवधिकार संगठनों के आंक्रे इस डर को और गहरा कर देते हैं
02:28यूमन राइट कॉंग्रस फॉर बांगलादेश माइनोरिटीज की रिपोर्ट के मुदाबिक
02:33जून से दिसंबर 2025 के बीच इशनिंदा से जोड़े कम से कम 71 माम ले आए
02:39ये सिर्फ संख्या नहीं ये एक पैटर्ण है
02:41रिपोर्ट बताती है कि ऐसी घटनाएं अब देश के 30 से ज्यादा जिलों में फैल चुकी है
02:47रंगपुर से लेकर सिलहट तक चटगाउं से लेकर खुलना तक एक जैसी कहान्या है
02:53कहीं मंदिरों पर हमला कहीं घरों में आग कहीं पूरे महले को खदेर दिया गया
02:58मानवधिकार करेकरताओं का कहना है कि इशनिंदा के आरोप अब कानून नहीं बलकि डर का हत्यार बन गए
03:05जैसे ही आरोप लगता है महाल ऐसा बना दिया जाता है कि हिंसा कूछ जायस ठहलाया जाए
03:11कानून मौजवूद रहता है लेकिन भीड उस से तेज
03:14दमरी ताला गाउं के जले हुए इस घर की सच्चाई गवाही देते हैं वे बताते हैं कि ये सिर्फ कुछ परिवारों की तरासदी नहीं ये उस समाच की तस्वीर है
03:24जहां अलपसंख्यकों को बार बार ये एहसास कराया गया कि उनका घर उनकी सुरक्षा और उनका भविश्या किसी भी वक्त आग में जूगा जाएगा
03:35आज सवाल ये नहीं कि आद लगाई किसने सवाल ये कि अगर ये सिलसिला यूही चलता रहा तो बांगलादेश में हिंदू अलपसंख्यकों के लिए बचने को आखिर रह क्या जाएगा
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