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00:00बहुत घोर असम्मान है खेल के प्रति, मैंने टेनिस कोर्ट पे लोगों को बैडमिंटन खेलते देखा है, मैंने ऐसे दोनों हाथ उठा गर के कहा था, कोर्ट अभी फट जाए और मैं इसमें समा जाओ, प्रेमी जोडा था, वो उसको शटल कॉक खिलाने लाया था, दोनों ट
00:30जबदार बोल रहे हो, और यह शरीर जो बना ही है महनत करने के लिए, जब इससे महनत नहीं कराते, तो शरीर ही नहीं, दिमाग भी बेकार हो जाता है, जब युक्रेन युद दुशुरू हुआ, जो मीडिया ने, पश्चिमी मीडिया ने, खूब पयास लाए, बोले इनको
01:00जापान की जो खिलाडी थी, लेकिन बाकी हमारे यहाँ पर यह बहुत बड़ी चीज बन गई है, यह क्या है, तुम यह करके मेडल लाओगे, या यह करके मेडल लाया जाता है,
01:10यहाँ मावाब कहते हैं, तुम बताओ, लड़की है तो दहेज के लिए जितना देना होगा दे देंगे, लड़का है तो कोचिंग के लिए इतना देना होगा दे देंगे, यही वो बोलते, खेलने के लिए चाहिए, खेलोगे, कूदोगे तो होगे खराब, अब पढ़ोग
01:40दो चार तो मेरे पीछे पड़े हैं बोल रहे हैं आपका जीवन आपका समय बहुत कीमती है आप उसको टेनिस जैसी विर्थ चीजों में क्यों लगा रहे हो यह जो हफते में एकाद दो दिन आप जाकर वहां दो घंटा खेलाते हो आपको नहीं लगता यह आपके अमूले समय
02:10डिस्रिस्पेक्ट बहुत है खेल के लिए बहुत है आप खेल रहे हो कोट पर लोग आ करके बगल में बात करना शुरू कर देंगे उनको समझ में नहीं आता नहीं कर सकते
02:26मुझे गाड़ खड़ा करना पड़ता है कि मैं खेल रहा हूं तो कोई घुसना आए नहीं तो बीच कोट में आकर आचारे जी आचारे जी हमने आपको देखा हम आपका बहुत देखते हैं
02:49आचारे जी मैच पॉइंट सेव करने के लिए खड़े हुए थे
02:52हो गया
02:57इधर उधर भागता फिरता हूं कोई खाली कोर्ट मिल जाए जहां लोग आसपास ना बहुत घोर असम्मान है खेल के प्रती
03:06मैंने टेनिस कोर्ट पे लोगों को बेडमिंटन खेलते देखा है
03:09मैंने ऐसे दोनों हाथ उठागर के कहा था कोर्ट अभी फट जाए और मैं इसमें समा जाओं बस यही देखना बाकी रह गया था
03:18प्रेमी जोड़ा था
03:22वो उसको शटल कॉक खिलाने लाया था दोनों टेनिस कोर्ट पे खड़े हो गया बेडमिंटन खेल रहे हैं
03:32सच में देखा है याद करता हूँ नहीं तब एकदम कुछ चन से तूटे कोई सपना
03:43यह हमारे यहाँ पर खेल का सम्मान है खेल ही तो है खेल में क्या है
03:50लेट्स केट डाउन टो सम सीरियस वर्क खेल तो बेकार की बात है
03:55चाइना ने सिर्फ मेडल लाने का प्रोजेक्ट नहीं शुरू करा था फिर बता रहा हूँ उसका क्या नाम है
04:03फिटनेस प्रोग्राम है वो फिटनेस यहाँ अपने पूरी आबादी की फिटनेस ठीक करनी है
04:10इसी से यह बहतर जीवन जीएंगे इसी से ज़्यादा प्रोडक्टिव होंगे इसी से यह मानसिक तोर पर भी ज्यादा सक्षम हो पाएंगे
04:17खेल सिर्फ कोई दोडना भागना थोड़ी होता है वो आपको एक भेटर इंसान बनाता है और उसके बिनाप नहीं बन सकते है और उसके कारण एवलूशनरी है
04:26आप अभी ताजे ताजे जंगल से निकले हो और जंगल में आप दिन रात क्या किया करते थे
04:31जंगल में आप दिन भर दोड़ते भागते थे तो यह जो शरीर है यह चाहता है कि यह दोड़े भागे भाई
04:39जंगल में जो बुढ़ा भी हो गया था वो भी दिन राद दोड़ता भागता था नहीं तो खाने को नहीं पाएगा
04:43यह जंगल में ऐसा होता था कि ताओ जी सत्तर के हो गए हैं तो पड़े हुए हैं तोंद उठा के और सब लोग आके पाओ मीच रहें उनके
04:50अपने साथ जो मुझे बड़ी से बड़ी शिकायत है वो यह है कि मुझे
05:19कुछ किलों है वजन के वो कम करने है
05:22वो हो क्यों नहीं रहे
05:23ऐसा नहीं कि हो नहीं जाते
05:24अर फिर गरबढ़ हो जाती है
05:27यह एक बड़ी बात होनी चाहिए
05:37इतनी बड़ी बड़ी तोंद लेके बैठे हैं
05:39लाज नहीं आ रही
05:41अपने आपको respectable इजददार बोल रहे हो
05:43अमेरिका के CEO's देखे हैं कैसे होते हैं
05:55सारे कैसे होते हैं
05:55एक के बाद एक याद कर लो
05:56उनमें सब में शारिरिक तोर पर साजी बात क्या याद आ रही है
06:01सब lean और fit होते हैं
06:03आप मोटे ओटे हो गए
06:05तो आपको company से निकाल दिया जाएगा
06:08कम से कम आपको कोई जिम्मेदारी का पद नहीं दिया जाएगा
06:12ये भारत में है
06:14कि तो सब से जिम्मेदार लोग होते हैं
06:16नेता और अफसर और वो इतने मोटे होते हैं
06:19और कोई पूछता नहीं कि तुम इतने मोटे हो
06:21तो तुम नेता, मंत्री, अफसर कैसे बन सकते हो
06:24रिजाइन करो
06:26भारत में
06:31किसी को फरक नहीं पड़ता है
06:35कि वो अब कई बार ये लोग जा करके
06:37अपनी फोटो गरा दिखाना चाहते हैं
06:39कि हम कुछ कर रहे हैं
06:40जब ये अपनी फोटो दिखाते हैं
06:42कुछ खेलते हुए या योग करते हुए
06:43तो और जादा पता चलता है कितने भायानक मोटे हैं
06:46एकदम unfit है
06:47और अमेरिका में आप बराक उबामा की देखिए
06:51तो बास्केट बॉल खेलते हुए फोटो आईगी
06:52उनकी कदकाटी भी ऐसी थी बास्केट बॉल प्रेयर जैसी
06:56अब बहुत आपको मिल जाएगा
06:57बराक उबामा बास्केट बॉल खेल रहे हैं
06:59और बहुत स्मार्ट लग रहे है
07:00ट्रम्प की बाता लगे
07:04मैंने पहले ही देख लिया है कि
07:06आपत्ती आने वाली है
07:09एक्सेप्शन्स प्रूव दरूल
07:14ठीक है
07:15फिर अमेरिका में भी अब देशी बहुत बढ़ रहे है
07:18कुछ तो असर पड़ेगा
07:20पुटिन क्या रहे हैं अपने समय में
07:27एथलीट तो रही है
07:31क्या करते थे वो क्या खेलते थे
07:34चेस
07:35यह मंच फटना चाहिए
07:39मुझे अभी जाना है
07:40टाइकवांडो यह जूटो चाहिए
07:43मार्शाल आर्ट
07:45मार्शाल आर्ट स्पेशलिस्ट
07:47जब यूक्रेन युद दुशुरू हुआ
07:51तो मीडिया ने पश्चमी मीडिया ने
07:53खूब कया आस लाए बोले इनको
07:54अब कैंसर हो गया है
07:55मरेंगे यह होगा वो होगा
07:57खूब था आप दो साल पहले कि आज से रिपोर्ट देखिएगा
08:00तो उसने सारे स्पेकुलेशन यही था कि
08:02यह तो आदमी कैंसर ही लास स्टेज पर
08:04मरने वाला है फुटन ने उसका जवाब कैसे दिया
08:06एक शर्टलेस फूटो पब्लिश करा के
08:10बस ऐसे
08:12स्टेरिंग अट अट एंटाइर वेस्ट
08:14मैं मर रहा हूँ
08:17यह जवाब था उनका
08:19एक फूटो और पूरा पश्वी मीडिया चुपो गया
08:23और आदमी को यह नहीं है कि तीस साल का है
08:25भारत के हिसाब से वह आदमी बहुत बुढ़ा है
08:28पर आप उसका शरीर देखिए
08:30पुटिन की बात कर रहा हूँ
08:32और फिर हमारे नेताओं का शरीर देखिए
08:38कई तो ऐसे हैं
08:43आपको वीडियो मिलेंगे तस्वीरें मिलेंगी
08:45मंच पर चल रहे हैं तो लुढ़क गए
08:47एक आद दो मंच तोड़ चुके हैं
08:51और ये नहीं कि सिर्फ वो नेता है
08:57जो पदासीन नेता है
08:59इंदे टेनियोर उन्होंने ये करा है
09:01कईयों के साथ विदेश में ये हो चुका है
09:03कि जा रहे है जा रहे है
09:05वो गिर पड़े
09:06कहीं और ये हो जाए
09:12तो इसी आधार पर जो नेता है
09:14वो स्तीफा दे देगा
09:16कहेगा I'm no more physically fit
09:17अब से जब किसी इंसान को देखो
09:22और सबसे पहले उस इंसान को जो आइने में दिखाई देता है
09:25सबसे पहले
09:27बहुत चीजों पर उसका मुल्यांकन करा जाता है
09:30असेस्मेंट करा जाता है
09:31पर एक उसमें फैक्टर ये भी रखो
09:34कि वो fit कितना है
09:36जब भी किसी इंसान को देखो
09:39judge तो हम सभी करते हैं
09:40कितना भी बोलो don't judge don't judge
09:42पर judge तो करते ही हो न
09:43उसको judgment मत बोलो उसको assessment बोलो
09:45मुल्यांकन
09:46किसी भी इंसान का जब मुल्यांकन करो न
09:49तो उसमें ये बात भी रखो fit है कि नहीं है
09:51और fit नहीं है तो कुछ number काट लो
09:53मैं भी fit नहीं हो तो कुछ number मेरे भी काटा करो
09:57जो ही fit ना देखे और
10:04सबसे पहले तो खुद को आईने में देखो
10:06बहुत सारे कपड़े पहन के नहीं
10:08coat paint पहन के असलिया छुप जाती है
10:10नंगे हो के ज़रा खड़ा हुआ करो
10:12आईने के सामने कह रहा हूँ
10:14बहुत बचा के बोलना पड़ता है
10:18shorts का जमाना है
10:20इतना सा निकालते हैं
10:34भारत में जितने घंगोर
10:36लंबे-लंबे कपड़े पहने जाते हैं
10:39उतने दुनिया में कहीं पहने जाते हैं
10:40एक बार तुमने कुर्ता पजामा पहन लिया
10:45और कुर्ते पजामे से भी जादा भारत से भी जादा
10:47खतरनाक पाकिस्तान और अफगानिस्तान का है
10:49वहाँ पर क्या चलता है पठानी
10:51एक बार तुम्हें पठानी सूट पहन लिया
10:54तुम्हारी तोन चुपने लगती है
10:55कुर्टा पजामा भी चुपाने लगता है
10:58तो भारत में कुर्टा पजामा चलता है
10:59महिलाई मुस्कुरा क्या रही है
11:02साड़ी के बारे में क्या विचार है
11:03यह इतने फिट की बांधते हो
11:07उसमें फिर कुछ पता भी चलता है
11:09यही अगर थोड़े ऐसे कपड़े पहनो
11:12जिसमें तन थोड़ा तो खुला हो
11:14तो खुदी बहुत सारा मास
11:16लीक करकर के बाहर आएगा
11:17तो पता चलेगा कि यह इतना सारा मामला गड़बड़ था अंदर
11:20अब यह तो सब छुप जाता है
11:23लीकेश पता ही नहीं चलती
11:25साड़ी के बीतर तीन टायर हैं
11:31एक, दो, तीन
11:32जैसे रेलवे का थ्री टायर कोच
11:38कुछ पता नहीं चलता क्या है
11:45यही जब थोड़े कपड़े ऐसे होते हैं
11:48तो पता चलता है कि
11:49सोचना इस बात को कि हमारी पूरी संस्कृत ही
11:53देह की अवमानना पर खड़ी होई हो जैसे
11:56आदमी मोटा और भद्दा हो जाएगा
11:58तो शरीर तो छुपाएगा अपना
12:00मैं नहीं कहरा देह उगाडना आया
12:04शरीर का अशलील प्रदर्शन करना अच्छी बात है
12:06पर मैं कहरा हूँ कि शरीर छुपाना मजबूरी बन जाती है
12:09जब देह भद्दी कर लेते हो
12:12भारत के ओलंपिक्स में मेडल क्यों नहीं आते
12:18बहुत बड़ा कारण है क्रिकेट
12:22हमने कहा भारत के कुल तो एक हजार स्टेडियम है
12:27और वो भी जाधातर किसको समर्पित है
12:28हमने कहा भारत की दो बिलियन डॉलर की तो स्पोर्टरिंग इंडस्ट्री है
12:33वो भी 87 प्रतिशत किसको समर्पित है क्रिकेट को
12:37क्रिकेट ने बाकी सब खेलों को लील लिया है बिल्कुल
12:49चीन के पास एक सौभाग्य ये है कि उनके पास क्रिकेट नहीं है
13:01अमेरिका के पास भी ये सौभाग्य है
13:03पर भारत अब धीरे धीरे अमेरिका में
13:07क्रिकेट को ला रहा है
13:08और आईपियल छोटी चीज नहीं है
13:15चीन ने जो काम ओलंपिक्स में करके दिखाया है
13:20भारत ने वो काम आईपियल में करके दिखाया है
13:22आईपियल की ब्रैंड वैल्यू
13:25दुनिया में सबसे महंगे स्पोर्टिंग ब्रैंड्स में से है
13:29हमने sporting budget हमने भारत के budget की बात करी
13:36sports budget की क्या बोला million में था न 415 million
13:39और IPL की जो सिर्फ broadcasting rights होती है
13:43वो billion में होती है
13:45भारत के खेल budget से एक तरह से ज्यादा महंगी होती है
13:53पूरे भारत देश के पूरे खेल budget से ज्यादा महंगा है
13:57वो IPL को
13:59अब medal आएगा क्या
14:03और cricket Olympic में घुसने नहीं दिया जाता है
14:07वो गहते हटाओ यह कोई खेल है इसको हम
14:09यह तुमारे खेल की दुनिया में इज़्जत है
14:12Olympics में वो खेलाते ही नहीं cricket
14:15बोलते हैं यह हम खेल जैसा खेल होना चाहिए
14:17यह भाग रहा है
14:21यह लकड़ी लेके खड़ा है और दस जैब में हाठ डालके खड़े हैं इसको हम खेल मानते ही नहीं
14:29यह कौन सा खेल है जिसमें बीच में लंच और टीबी होता है
14:38यह पार्टी जैसी चीज हो सकती है
14:47लंच चल रहा है टी चल रहा है इसे स्पोर्ट हम मानते ही नहीं वो लगते ही नहीं उसे Olympics में
14:53Asian Games तक में बहुत कोशिश की जा रही है कि इसको रखो रखो
14:57बात बनते बनते रह जाती है कभी रख लेते हैं
15:01Commonwealth तक में तकलीफ आई थी cricket को रखने में
15:03पर Commonwealth में फिर भी चल गया क्योंकि उसमें England है Australia है वही है देश जो
15:09सब ब्रिटेन वाले हैं तो वहां फिर भी
15:11कुछ में आ रही है बात
15:18इस चार सी हैं जब तक इन चार सी से अजादी नहीं मिलेगी
15:24हर चौथे साल दिल तूटे गई तूटे गा
15:30कुछ पदक आ जाएंगे वो ज्यादा तर
15:34Individual Brilliance से आएंगे
15:36वो systemic products नहीं होंगे वो ऐसा नहीं है कि
15:40system ने उन लोगों को उन खिलाडियों को पैदा करा नहीं
15:43चाइना में खिलाडियों को system पैदा करता है
15:46भारत में खिलाडी system के
15:49खिलाफ जाकर के medal लाता है
15:51यहां तो medal ला भी रहा होता है
15:53तो system उसको रोकता है कि medal न ला
16:00चीन की सरकार ने चीन में लगभग
16:021,70,000 स्टेडियों तयार करें हैं
16:041,70,000 स्टेडियों
16:07अबादी बराबर भारत चीन की बताओ भारत में कितने स्टेडियों
16:13सही जवाब देने वाले को मेरी और से यह मिलेगा
16:21चीन में लगभग एक लाग सब्तर हजार स्टेडियम भारत में कितने स्टेडियम
16:32एक हजार अभी कहानी पूरी नहीं हुई है साहिवान
16:46चीन के जो स्टेडियम है वो सब मल्टी स्पोर्ट स्टेडियम है
16:51मतलब वहाँ पर बहुत सारे स्पोर्ट से जो खेले आ सकते हैं
16:57ऐसा स्टेडियम बनाया जाता है भारत के जो सबसे बहतरीन स्टेडियम
17:02से हैं वो ज्यादा तर सिर्फ क्रिकेट को समर्पित है
17:04उसमें क्रिकेट के लावा आप बहुत कुछ नहीं
17:08खेल सकते
17:08पिछ बड़ा समवेजनशील
17:12एरिया होती है ना आप उसमें और कुछ करो के
17:14पिछ खराब हो जाएगी या आउट फील्ड खराब हो जाएगी
17:16क्रिकेट की
17:17तो उसमें कुछ अधिक सधिक करते भी हैं तो वो जो बाउन्डरी पर ऐसे
17:20ट्रैक अन फील्ड के लिए एक ट्रैक बना देते हैं
17:22कि इसमें दौल लो इस स्यादा भारत के जो
17:24क्रिकेट स्टेडियम्स हैं उनका कोई
17:26मल्टी पर्पस इस्तेमाल नहीं हो सकता
17:28खुल एक हजार स्टेडियम है हमारे पास
17:32चीन के एक लाग सतर हजार स्टेडियम है
17:34हमें अभी पदक चाहिए
17:36और पैसा लगाना पड़ता है
17:41ये एक चॉइस की बात होती है
17:44ये गरीबी की नहीं बात है इतनी
17:45ये एक चॉइस की बात है
17:46चीन ने ये चुनाव करा था
17:49असी के दशक तक चीन ने कर रखा था
17:52कि हम किसी जगह पार्टिसिपेट नहीं करेंगे
17:55क्योंकि अभी हमारी तयारी पूरी नहीं है
17:57बड़ा लंबा आरसा रहा
18:00चीन ने किसी भी
18:02इंटरनेशनल कॉम्पटिशन ने पार्टिसिपेट ही नहीं किया
18:04उन्होंने तयारी करी
18:05कई हम तयार कर रहे है तयार कर रहे है
18:07इसको नैशनल फिटनेस प्रोग्राम बोलते है
18:09बलते हैं सिर्फ पदक जीतने के लिए
18:11हमें अपनी आबादी पुरी फिट चाहिए
18:32वो मेरे खालते हैं पहला या दूसरा ASEAN था जिसमें चीन ने शिर्कत करी थी, जिसमें पीटी उशा ने कई गोल्ड लिये थे, वो पहला या दूसरा ASEAN गेम था जिसमें चीन आया, उससे पहले ASEAN गेम इसमें बस जैपान और कोरिया इनका दबदबार रहता था,
18:51तो चीन ने एक निर्णे लिया एक फैसला किया कि हमें अपनी आबादी को फिट रखना है और हमें अंतराश्ट्रिय पतियों के तावों में अपना दबदबा दिखाना है तो वो ये कर पाए
19:10हमारा जो कल्चर है वो संघर्ष का बहुत कम है हमारा जो कल्चर है वो किसी वज़े से सरिंडर का बन गया है
19:29स्पोर्ट्स का तो मतलब ही होता है कि भीतर तुम्हारे प्रतियोगी भाव हो प्रतिदुन्दिता प्रतिसपर्धा का भाव हो
19:41कमपीट करना है एक कन्फलिक्ट है कि स्ट्राइफ को जान बूझ के इन्वाइट करना है
19:48मैं उतर रहा हूँ रिंग में या अखाडे में जानते बूझते मुक्चे खाने के लिए
19:54खाऊंगा भी मारूंगा भी मैं उतर रहा हूँ
19:57और हम बोल देते हैं और लगातार ये Olympics में, Asian Games में हमारे पदासी नदिकारियों के वक्तव रहता है
20:06We respect the spirit of participation, victory and loss are part of the game, we went there to participate
20:15और इस जैसा निकम्मा वक्तव वे कोई हो सकता है क्या
20:22हम कहते हैं कि देखो ये तो जीतना हारना ये तो बच्चे होते हैं जो इन बातों की बहुत परवा करते हैं
20:30खेल में जीतना हारना ये कोई बात होती है
20:32हमारा भाव तो ये है कि जाओ और participate करो, हम सब भाई भाई हैं, हम तो विश्व बंधुत दिखाने आए हैं Olympics में
20:40हम लड़ाई जगड़े में यकीन नहीं करते हैं, हम तो बहुत चांति प्रिये लोग हैं
20:46इसलिए भारत के जो पदक आते भी हैं, देखो कहां से आते हैं, जहां सरेंडर का भाव ज़रा कम है
20:51जहां पर भिड़ जाने को बहुत बुरा नहीं माना जाता
20:56जहां रीड सीधी रखने को बुरा नहीं माना जाता, भारत के पदक ज्यादा वहां से आते हैं
21:03आप होकी पे कहा रहे हैं, इतने सारे हमने पदक जीते, बहुत सारे गोल्ड जीते
21:08बहुत पहले की बात थे, जब जीते थे, अभी ताजा ताजा हमने दो कान से पदक भी जीते हैं होकी में
21:13होकी में आधे खिलाडी पंजाब के होते हैं, कुछ हर्याना के होते हैं
21:19वेट लिफ्टिंग, बॉक्सिंग, इजादार कहां से आते हैं
21:23यहां तक कि इस बार जो महिला शूटर हैं, जो पदक लेके आई हैं, वो भी किधर से हैं
21:28यह वो जगहें हैं भारत में, जहां सरेंडर बहुत अच्छी वैल्यू नहीं मानी जाती
21:38क्योंकि यह सीमावर्ती इलाके रहे हैं सदा से भारत के
21:42तो जब भी आक्रमन हुआ तो इन लोगोंने जहला है, इन लोगोंने जहला है
21:47संघर्ष किया है, जवाब दिया है, लड़े हैं
21:50तो आज भी उनमें लड़ने की स्पिरिट बाकी है
21:52पर बाकी पूरे भारत में, मैं देखो, नहीं कहना
21:58जो मैं बोलना चाहता हूँ, समझना, मेरी बातों को तोड़ मरोड के मत समझना
22:01मैं किस भाव से कह रहा हूँ, ये देखो
22:04लेकिन बाकी हमारे यहाँ पर ये बहुत बड़ी चीज बन गई है, ये क्या है
22:09तुम ये करके मेडल लाओगे
22:11ये करके मेडल लाया जाता है
22:14मेडल कैसे आता है, ये करके, हम ये बहुत हो गए है
22:17और जहां जहां ये भाव जितना गहरा है, वहां से तुम मेडल की तो उमीदी छोड़ दो
22:24और जहां ये भाव जितना गहरा है, वहां तुम पावगे कि वहां से फिर
22:28जितने भी ऐसे ख्षेत्र हैं जहां पर शारीरिक दमखम की जरूत पड़ती है वहां भी कम लोग जाते है
22:35सेना में भी तुम देखो खास कर थल सेना में आर्मी में सबसे रादा कहां से तुम पाओगे लोगों को
22:42पंजाब, हरियाना, राजस्थान, पश्चमी उत्तर प्रदेश होते हैं मानता हूँ बिलकुल पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी होते हैं बिहार से भी होते हैं पर पंजाब में तो हर गाओं से होते हैं
22:55पूर्वी उत्तर प्रदेश से भी होते हैं
23:02मथ्य प्रदेश से भी होते हैं
23:03बिहार से भी होते हैं सेना में
23:04पर पंजाब में तो हर गाउं से होते हैं
23:07और फिर मेडल भी
23:10उधर से ही आते हैं
23:13जहां ज़स्बा यह हो कि संघर्ष करना है
23:15हमने तो संस्कृत का मतलब ही क्या बना दिया
23:17कल्चर संस्कृत ही हमने उसका मतलब ही क्या बना दिया
23:20जी जी जी समरपन है जी समरपन है
23:24जब तक संस्कृत का मतलब समरपन रहेगा संघर्ष नहीं
23:27तब तक मेडल लाना थोड़ा मुश्किल पड़ेगा
23:29यहां तो सेकेंड के दसवे हिस्से के लिए जूजना पड़ता है ना समर्पड तो फोड़ी हो जाएगा कि आकर के इश्वर हमें बचा लेगा या जिता देगा ऐसा होता है कि
23:42कि इसमें सवाल था आपने कलचर की बात करी और उसमें की बात करें तो बहुत से लोग कहते हैं कि पिछले कुछ जो यह स्रेंडर वाला कल्चर था अब पडल रहे हैं अब paling जो है वह एक्चली अग्रेशिव हो गया हैं और वह जाग रहे हैं इसस्तरह की संगे अकस्तमाल करत
24:12जो कमजोर है उस पर एग्रेसिव हो रहे हैं कमजोर पर एग्रेसिव होने से मेडल थोड़ी आ जाएगा मेडल तो आता है जब अपने से ज्यादा जो दमदार है उसको गिरा दो
24:23विनेश फोगट ने जिसको हराया था वो लगभग 90 मैच से नहीं हारी थी जापान की जो खिलाडी थी
24:32मेडल आता है किसी ऐसे को हराने में जो अपने से ज्यादा ताकतवर हो अपने से ज्यादा पहुचा हुआ हो और भारत में जो आकरामकता आ रही है वो यही है कि जो संख्या में कम दिखे गरीब दिखे किसी भी तरीके से कमजोर दिखे जाकि उस पर चड़ बैठो आकरामक
25:02है कि हम उन गलत तत्वों को छोड़ना भी नहीं चाहते हैं हम उनको पकड़े रहना चाहते हैं सांस्कृतिक गौरव के नाम पर और जब तक सांस्कृतिक गौरव के नाम पर तुम संस्कृति की गलतियों को भी नहीं छोड़ोगे तब तक भूल जाओ कि कोई तरक्की होने व
25:32सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रवाद
25:37ये दोनों मिलके हमें सच्चा ही देखने नहीं देते
25:40अभी भी बहुत कम इमांदारी से एक अंतर अवलोकन होगा
25:47चिंतन मनन होगा इंट्रोस्पेक्शन कि सच मुझ क्या हो रहा है
25:52अभी क्या हो जाएगा भी हो जाएगा कि पाथसाथ मेडल तो आई गए है
25:55तो इन ही पाथसाथ मेडल को जीतने वाले लोगों के यशोगान में पूरा देश धुत्त हो जाएगा
26:02कोई ये नहीं पूछेगा कि इतना बड़ा देश
26:05और कभी कोई गोल्ड नहीं कभी बस एक गोल्ड
26:09जितने तुमने कुल मेडल जीते है
26:12उससे 15-20 गुना तो चीन ने सिर्फ गोल्ड जीते है
26:17जितने तुमने कुल मिला के मेडल जीते है
26:20उससे लगभग 20 गुना चीन ने सिर्फ गोल्ड जीते है
26:26यह सवाल नहीं पूछेंगे, हम चालू हो जाएंगे कि यह अथलीट है, यह इतना लाया, इसको इतने पैसे दे दो, इसको यह, उस अथलीट से पूछो न वो बिचारा कैसे लाया है, आज जो लोग उसको मंचों पे बुला कर उसके साथ फोटो की चारे नेता वगेरा, यही
26:56सिस्टम ने और नेताओं ने मिल करके, वो ब्रॉंज मेडल हासिल किया है, यह बिल्कुल जूठी बात है न, सही बात तो यह है कि अगर सिस्टम ने उसको जरा भी सारा दिया होता है, तो वो व्यक्ति शायद पोडियम पे गोल्ड पे खड़ा होता, लेकिन हम सिस्टम से, �
27:26फिर भी नहीं आता है, हम यही कहते रहेंगे कि नहीं, नहीं, देखो वीरण ग्रेट कंट्री, तो हमारे जितने भी मिडल्स आएं, मैं सेलिबरेट करो जितने आये हैं, पर फिर उनका शोक भी मनाओ, जो नहीं आये हैं,
27:47जिने आना चाहिए था पर नहीं आये
27:49मैं उनका शोग भी मनाना चाहता हूँ
27:51या कैसे अंधा हो जाओं उनके प्रति
27:56वो सब सम्भावनाएं जो साकार नहीं हो पाई
27:59वो सब जो कुछ हो सकता था
28:02पर हमारी ही काहिली की वजह से
28:05नहीं हुआ
28:06मैं उसको भूल जाओं
28:07कैसे भूल जाओं
28:08और अगर भूलता रहूंगा तो
28:11यथा अस्थिति बनी रहेगी
28:14कोई तरक्की कभी नहीं होगी
28:15दर्द होना चाहिए
28:18चोट लगनी चाहिए
28:19अपमान का नुभव होना चाहिए
28:21और इतनी गैरत होनी चाहिए
28:24कई मानदारी होनी चाहिए
28:25कि अपने गिरेबान में जाके
28:26और हमारे इभीतर
28:28हमारे विचार में
28:30हमारे रवईये में
28:32और हमारी संस्कृति में जो दोश हैं
28:34उनको निकाल के बाहर फेक दे
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