नई दिल्ली: मिस्टिक म्यूजिक फेस्टिवल 'रूहानियत-Seeking the Divine’ इस वर्ष अपने 25वें संस्करण के साथ राजधानी में शुरू हुआ. भारतीय लोक-परंपराओं और अध्यात्म के इस अनोखे संगम को लेकर बनयान ट्री की निदेशक नंदनी महेश ने बताया कि रूहानियत की यात्रा केवल एक संगीत महोत्सव की नहीं, बल्कि उन दुर्लभ कला-परंपराओं को पुनर्जीवित करने की है, जिनकी आवाज लगभग समय की धूल में खो रही थी. उन्होंने बताया कि इस फेस्टिवल की शुरुआत 25 वर्ष पहले मुंबई में महेश बाबू (फाउंडिंग डायरेक्टर) की अवधारणा पर हुई थी. इसका उद्देश्य श्रोताओं को भौतिक दुनिया की भागदौड़ से निकालकर आध्यात्मिक अनुभव की ओर ले जाना और देश के कोने-कोने में बसे कलाकारों की उन लोक-विधाओं को मंच देना, जो पीढ़ियों से मौखिक परंपरा के रूप में चली आ रही हैं.
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