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  • 4/30/2025
ओटावा: कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी सत्ता में वापसी करने के लिए तैयार हैं. उनकी लिबरल पार्टी ने 28 अप्रैल को हुए चुनाव में फिर से जीत हासिल कर ली है. हालांकि लिबरल पार्टी बहुमत से पीछे रह गई है, लेकिन चुनावी नतीजे कंजर्वेटिव पार्टी के पियरे पोलीव्रे के खिलाफ आए हैं.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई नेताओं ने मार्क कार्नी को उनकी जीत पर बधाई दी है. कनाडा में प्रधानमंत्री पद के लिए वोटिंग काफी तनाव के बीच हुई. अमेरिकी कब्जे की धमकियां और राष्ट्रपति ट्रंप के अधीन नए टैरिफ चुनाव में अहम मुद्दे रहे. कार्नी की वापसी से कनाडा के भारत के साथ संबंधों में सुधार की उम्मीद है. पीएम मोदी उन्हें सबसे पहले बधाई देने वालों में शामिल रहे.अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के खिलाफ अपने मजबूत रुख के साथ-साथ, मार्क कार्नी प्रमुख पर्यावरणीय स्थिरता जैसे घरेलू मुद्दों के लिए जाने जाते हैं. 2019 से जलवायु कार्रवाई के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत के रूप में उन्होंने 2021 में नेट ज़ीरो के लिए ग्लासगो फाइनेशियल एलायंस की शुरुआत की, जिसमें जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों को एक साथ लाया गया. मार्क कार्नी कनाडा के आवास और स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों पर दबाव कम करने के लिए इमिग्रेशन को सीमित करने का भी समर्थन करते हैं.मार्क कार्नी पहले ही भारत के साथ संबंधों को बहाल करने और मजबूत करने के अपने इरादे जाहिर कर चुके हैं. भारत से कनाडा के रिश्ते प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल के दौरान बिगड़ गए थे. उन्होंने भारत-कनाडा साझेदारी को "अविश्वसनीय रूप से अहम" बताया और उम्मीद जताई कि इसका फायदा व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने और आव्रजन नीतियों को सुव्यवस्थित करने में उठाया जाएगा.

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00:00कनाडा के प्रदान मंत्री मार्क कार्णी सत्ता में वापसी करने के लिए तैयार है।
00:06उनकी लिब्रल पार्टी ने 28 अप्रेल को हुए चुनाव में फिर से जीत हासिल कर ली है।
00:11हाला कि लिब्रल पार्टी बहुमत से पीछे रहे गई है।
00:14लेकिन चुनावी नतीजे कंजर्वेटी पार्टी के पीरे पॉलिवरे के खिलाफ आए है।
00:44समेट दुनिया के कई नेताओं ने मार्क कार्णी को उनकी जीत पर बधाई दी है।
00:48कनाडा में प्रदान मंतरी पत के लिए वोटिंग काफी तनाव के बीच हुई।
00:52अमेरिकी कबजे की धंकियां और राजपती ट्रम के अधीन ने टैरिफ चुनाव में एहम उद्दे रहे।
00:57कार्णी की बापसी से कनाडा के भारत के साथ संबंधों में सुधार की उमीद है।
01:02PMO धी उन्हे सबसे पहले बदाही देने वालों में शामिल रहे।
01:32अमेरिकी राजपती डोनाल ट्रम की नीतियों के खिलाफ अपने मजबूत रुख के साथ साथ मार्क कारने प्रमुख पर्यावरने स्थिरता जैसे घरेलू मुद्दों के लिए जाने जाते हैं।
01:582019 से जलवायू कारवाई के लिए संयुक्त राष्ट के विशेश दूद के रूप में उन्होंने 2021 में नेट जीरो के लिए ग्लाजगो फाइनेशियल एलाइन्स की शुरवात की जिसमें जलवायू परिवरतन से निपटने के लिए बैंकों और वित्त संस्थाओं को एक सा�
02:28वातारस बिए कि लिए अजमें आप economy active on one
02:48he was leading many of these climate matters as a matter of both personal conviction but also
02:56professional choice. So he is a convinced and persuaded climate warrior.
03:18Given the existential threat that Canada now faces from President Trump's aggressive moves
03:35to subjugate Canada both economically and politically, he has no option but to diversify
03:41Canada's economic partners. And I think India as the fastest growing major economy in the world
03:47obviously fits the bill. So I see certainly much more positive movement in India-Canada relations
03:54leaving the baggage of the past behind. Our main problem was with Prime Minister Trudeau.
03:58He has of course already exited the scene. Prime Minister Mark Carney is a pragmatic economist
04:04who is not so much beholden to vote bank politics as Trudeau was. So from that point of view,
04:08I expect a speedy return of the high commissioners to both the capitals. I expect resumption of the
04:16negotiations on the comprehensive economic partnership agreement between India and Canada.
04:20China.
04:22China, Mekarni, which of the time he

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