केरल के कन्नूर जिले का मैंग्रोव फॉरेस्ट में परायिल राजन बारिश के बीच प्लास्टिक कचरे को इकट्ठा करते हैं ...इन्होंने मैंग्रोव वन को कचरा मुक्त करने की ठानी है.जिसके लिए वो सुबह नाव में बैठकर निकलते हैं, और दोपहर होते-होते इन बोतलों से नाव भर जाती है. जिसकों बोतलों को वो अपने घर के पीछे खाली जमीन में लाकर रख देते हैं.मैग्रोव वन को बचाने की मुहिम शुरू होती है, जब राजन एक दिन घर से इन वन को देखने के लिए निकले. तो ये देखकर इनका मन दुखी हो गया, जड़ों में फंसी बोतलों के बीच यहां के पेड़ बढ़ने के लिए संघर्ष कर रहे थे.फिर क्या था, इन्होंने प्लास्टक बोतलों को पेड़ों से हटाने का अभियान छेड़ दियासरकार इन मैंग्रोव फॉरेस्ट के संरक्षण के लिए कई परियोजनाएं चला तो रही है.लेकिन जमीनी हकीकत जुदा है. जिससे परायिल राजन जैसे लोगों को ये लड़ाई लड़नीं पड़ रही है.अतिक्रमण भी इन वनों के लिए संकट हैं.पिछले हफ्ते केरल हाई कोर्ट ने सरकार को इन वनों को बचाने के लिए असरदार कदम उठाने के आदेश दिए.
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