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ट्रैवल एक जुनून है और उसमें भी ज्यादा जुनूनी लोग वो हैं जो ट्रैवल के शौक को अलग नजरिये से देखते हैं। उन्हीं में से है रॉकी शाहपुरिया। हरियाणा में सोनीपत के रहने वाले रॉकी बॉडी बिल्डिंग में मिस्टर दिल्ली तक रह चुके हैं लेकिन जब घूमने का शौक चढ़ा तो उन्होंने ट्रैक्टर को ही घर व सवारी, दोनों में तब्दील कर दिया और ट्रैक्टर से स्पीति, लद्दाख व आदि कैलाश तक के सफर अकेले कर डाले। आइए, जानते हैं कि कौन हैं ये रॉकी और कैसे बने वह ट्रैवलर। बेबाक भाषा के लिए उपेंद्र स्वामी ने की उनसे खास बातचीत...
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00:00आपका स्वागत रस्ते चलते
00:29अचानक कुछ मुलाकाते ऐसी हो जाती है जिनिते आपको अचानक रुकने ठहरने और बात करने का मन बन जाता है बिंसर से लोटते वे अचानक रॉके शाहपूरे जीकाई एक ट्रेक्टर मुझे पीछे से नदर आया और मुझे अचानक रिकॉल हुआ कि मैंने यह बारे में �
00:59बात्चित की जाए थोड़ी की जाए उनके पीछे उनकी एक शांदार सावारी जो उन्होंने मॉडिफाय करके ट्रेक्टर को जो है अपने सफर के बनाया हुआ है थोड़ी सी दो-चार मिनित के बात रॉके भाही से करेंगे कैसे इस का ख्याल दिमाग में आया सबसे पहले
01:29चैनल है और इसको बनाने का यह था कि मैं जैसे ट्रेवल काफी पसंद था कि मैंने देखा लोगों को कि गाडियों में ही स्टे करते हैं उसी में रहना खाना पीना मतलब आउट बीट कहीं भी लगा लेते हैं रूम्स वगेरा नहीं लेते खुदी बनाते तो वह प्लानिं�
01:59उन्होंने वैसे ही वोला तो फिर मैंने यह सोचा कि अगर हम ट्रेक्टर से निकलते तो क्या ही कर सकते हैं कि ट्रेक्टर से जाएंगे वापस आएंगे फिर अगला ट्रिप जा ही नहीं पाएंगे क्योंकि मैंने देखे फिर चैनल लोगों के ट्रेक्टर से जो जिनों ने �
02:29खाना पीना अपना खुझ से ही बना जाए तो फिर मैंने कुछ सोचा इसके बारे में कि वहीं क्या क्या सुविदा जो है मेरे को जरूरी करनी ही पड़ेंगी जिसकी वज़े से मैं क्या की जैसे गाड़ी से हम निकलते हैं मालो दिल्ली से मनाली ही हम ट्रैवल करना है मनाली थ
02:59जैसे मैंने लद्दाक ट्रिप किया वह पच्पंडेज गा था इसी में रहना खाना पीना सारापना कुदी करना वैसे वीक में एक दो बार जो है वह बाहर बना लेता हूं इस तरह से फिर मैंने जो है यह तैयार गया कि कमफर्ट हो इतना जो सर्वाइव हो पाए लंबे ट
03:29तरह च्यार पांच दिन हो गए तो रोटी बना ली रोटी के साथ जैसे दाल या छोले बना लिए जैसे अभी छोले बिगो रखे मैंने अज रोटी बनेंगी ऐसे ज़ाना पीना पहले बना लाइव कभी भी कुछ निए लाइफ में मैंने मेरे को सब से मुश्किल जो चीज
03:59अब वो पता निए भगवान के दा से निकल लीगा कहीं तो यह है अपनी वो क्याना में टेबल और वो आठा गूंदने के चक्कर में मुझे आता नहीं है सा तो गूंदने के चकर में भी तोड़ दी मैंने दबादबा के तो इस तरह से यहां पर आलू प्याज हो गया इसम
04:29प्रोब्लम थी कि मैंने खाना बनाना नियाता था मुझे और ओफ सीजन था वो कि बिल्कुल जनुवरी पीक था ना तो वो दिक्कत हो गी तो और यहां पर तो देखो आप देख पाऊगे यह है गोलगप्पे ऐसे नहीं रख्यों है बनाए भी है मैंने और जब बनाता हू
04:59गोलगप्पे का लो क्योंकि अकेले क्या खाना है इस तरह से अच्छा तो ट्रेवल का शॉप पहले से है इससे पहले आपने पढ़ाई लिखाई और कहां की उससी अच्छाना फिर वो सब छोड़के यह शूरू करने का मतलब यह है कि पढ़ाई लिखाई नोर्मल रही वह
05:29काफी अच्छे से जो है गेम में पार्टिसिपेट किये और मैं करीब करीब च्रीयार बार जो है जो है न वो ीसमें मिस्टर दिल्ली भी बना बोडी बीटि कि और काफी अच्छे फीयो जो है ए दो सार बीस मेंने जब को Fallstles औय्य थो उस टाइम पे मैंने जीम डाल लिया ध
05:59यही था मेरा दूसरा चैनल था उस पर मैं फिटनेस की डालता था कि बग्या डाइट लेनी चाहिए किस तरह से वरक आउट करना चाहिए इस तरह गा उसी पर मैं ट्रेवल का भी शोक ही था तो वह भी डालता था तो वह मिक्स कंटेंट हो और मैंने सोचा कि कुछ अलग करते ह
06:29मैंने यही कहा कि आते हो एक ताइम एक टाइम और थड़ी देर आ जा गरो जिम संबलता रहेगा अब क्या आना कि ट्रेनर कितना ही अच्छा हो लेकिन फिर मेरा माइंड वही रहेगा कि बाई क्या आरन हो रहा क्या क्या खर्चे सारे वो मैंने ज़रूरी है बिल्कुल तो म
06:59चार दिसंबर को मैंने जो अपना ट्रेक्टर लिया नया ही णा कि ट्रेट वबाइन लिया लिया ताकि एक तो बडायमें दिक्क्ति न आए कहीं चड़ाई में दिक्कत ना एक त्वी रास्ते पहले 420 के लिए खुलते
07:11पिर लुक में भी अच्छा रहता तोड़ा बड़ा टायर होगा तो इसलिए यह नया ही लिया मैंने और नया लेके ही जो है इसको सेट अप किया चार दिसंबर आपने दोजार चौबिस में अभी साल हुआ नहीं तो पहली आतरा आपने दोजार चौबिस में लेने के बाद कह
07:41करीब करीब 27-28 दिन का था मना पहले मनाली गए मनाली में कुछ दिन रहे फिर मनाली से ही जो है यह जो वो जी बीके राश्ते होते हुए हम उपर जो है वो काजा सपीती चले जी अब से लोटके फिर घर चले गया जी उसके बाद फिर लद्दाक ट्रा नेक्ष्ट पर उसक
08:11लुक मिलेगा लग ही देखने के लिए अधिकर आ दिकीलास कना पॉर खर मिराश्ते के लिए इसरे कर्वेश तो मेरा प्लान यह है तो समय लगता ही है इक पिर यह इसे अपना भी वीडियो का काम रहता है तो मैं सोचता हूं कि अच्छे एक्स्वोर करके रिए जाए जाए
08:41जी अभी मेरे को तीन-चर दिन ओर लगेंगे बस यह ने निताल को एक्सप्लोर के लिए यह अपने इसे पूरा डिजाइन किया अंदर के लिए या कुछ और किसे साब ने इसमें एक्सप्लोर किया असल हाली कि कैसे इस पूर जाए जाना चाहिए आ बस यह है कि जो ट्रेवल
09:11जो हमारे को दिखा इसमें किया है कि यह अल्टिनेटर है तो इसे एक बैटरी एक्स्ट मैं और दो चल जाता हुआ ज़कात बीडिए बैट्री में रहता हूं तो नोर्मल चोटा मोता काम हो चल जाता हमनी एक्स्ट अलग से घरेदू है और यहां पर हमने तो यह तो तो है �
09:41यह फूटका जाएगा उसके बाद यह अपना इस पर आ जाएगा और जो है इस पर गोगी या बारी सोरी है तो इसके नीचे निचे स्कता है
10:11जिजी जिजी बस टो और यह कोई माने ना माने लेकिन है तो कि लोरा आप अधी केला-स-τοшие एक छव्भर्वान पार्त Правा उत्रा कैंज करूंगा नहीं वहार फुट्र
10:27अक्लें थे पहले जब यह पढ़न नहीं लोगा यह की उपार हुट
10:40यह लगवाया तो अंदर की तरफ खुलने लगी तो इसमें पानी आने लगा क्योंकि यह लोकल जो मिस्त्री है और खुद के दिमाग से बना रखा कोई बहुत होती नहीं को बड़ी कंपनी तो इसमें पानी जाने लगा इसलिए मैंने जो हैने टेप लगा दिया पैक कर दिया
11:10स्वावेंचर के हिसाब से और रोडों के हिसाब से चार धामें एक तरफ पूरे ही और यह वाला हाल बहुत ही टफ है वह पहलां कि अगर दूसरा बंदा हो और हो साथ में वह ज्यादा प्रेसान हो जाए क्योंकि भीच में तो थुड़ा बोश सेस्पेंशन है स्में शीट �
11:40के समय लगता है। और तो कोई मैसूस नहीं हुए कि भई हिसमें कोई प्रोब्लम नीचे पार्वति कुन तक इसको लेके गए थे या गुंजी से आगे कहां तक लेका है इसको आगे पार्वति कुन वहां तक गए आदिक एलास की तरफ और एक तरफ जो है ओम परवति काला प
12:10जिए जिए वहां तक नहीं जा पाए और इस सिच्वेशन में जैसे कि दार्चुला के बाद डीजल टैंक पैटल पहन नहीं तो उसके लिए उने इसमें जो है डीजल टैंक बना रखा है इसमें 55 लीटर का डीजल टैंक की यह सेफ्टी के लिए तो होता ही है यह एक्स्ट्रा
12:40जैसे ही ऐसे उपर की साइड जाता हूं मैं तो पता कर लेता हूं अगला पैटल हूं कितनी दूर है नहीं है तो दोनों बर लेता हूं मैं और लद्दाख वाले पे तो हमने जो है एक 35 लीटर का जैरीकेन भी रखा और उसके बाद भी खतम हो गया क्योंकि यह भी लग गया
13:10तो लद्दाख का नाम यहीं सुनते लेग जागे वापस नहीं ले से जो 200-200 km एक तरफ वह कहना मैं शीयाचीन बेसकेम्प है वहां गया फिर वहां से थोड़ा 100 km गया असबस नीचे आगे हुंदर से होते हुए जो नुबरा आगे तक नुबरा से होते हुए तुर्टु �
13:40तो जो भी मतलब बता देते हैं जैसे आप हैं अभी आप मेरे को यह कहेंगे कि आशे 10 km ऊपर ऐसी जगह देखने की तो मैं ऐसे ही चला रहता है ऐसी करके जी तो इसलिए डीजल वीजल थोड़ा ज्याद ही रहता है इसके बाद अगली ट्रिप क्या प्लान कर रखी है अग
14:10नजदिक नजदिक स्पोर्ट हैं काफी सारे और ज्यादा ट्रेवल भी नहीं करना पड़ेगा तो इस तरह से हैं मैं चारदाम के लिए भी निकला था तो उनको मैंने करीब-करीब 8-10 दिन हम साथ थे फैमिली के साथ बेटा मेरा 6 साल का और वाइफ तो इसमें कमफर्ट थ
14:40तो एज दिखेंगे तो इसे करके उनको काफी अच्छा लगा तो अब एक्स ट्रिप जो है साथ में यहां से जो है इसमें इस पे चलादे टाइम इतना बैड सेटप अपना रहता है पर्मानेंट तो इस पे जो है अपने दोनों कंबल हो गया और सामान हो गया और बैग वै
15:10अम परवत की तरफ जा रहे थे जब हम तो एक फैमिली है लखनो उसे तो वो मेरे वीडियो भी देखती थी तो उनकी गाड़ी में तो बोले कि हम चलते हैं चल तो सकते हैं लेकिन इसमें प्रेशा नहीं होगी खड़े में ऐसे ऐसे तो वो बोले कोई दिक्कत नहीं तो अंकल
15:40सब्सक्राइब लेट सकता है तो एसा तो रहता हमारा हर टाइम वैसे अगर सोना ही है तो जैसे यह गद्धिया ना इनको अठादेते हैं और यह लोहे की वह है न यहां तक यह पांच फुट का अपना ड़ाई जाता है
16:10तो उस शौक को कैसे सस्टेन कर रहे हैं यह है कि स्टार्टिंग जब की थी तो तब तो बिल्कुल ही यह था कि बई पता नहीं क्या है कैसे होगा कैसे नहीं होगा क्योंकि इसकी जो
16:40है एवरीज भी तो नहीं है ना माईलेज बिल्कुल ही बाड़ों में च्यार पांच की एवरेज है तो और जब जैसे यह ओमपरवत की तरफ का रास्ता जो पूरा ही डैडली रूट है बिल्कुल ही मतलब सोचना ही नहीं कि इतना देरा नहीं तो पागल हो जाए सकता है तो इ
17:10हलां कि उम्मीद वैसे तो सब इसी होती कि साल में है तो चीज म꾸 नहीं को चोटी साथी कि यह प्रो
17:26तो अगर मैं गाड़ी से होता तो इतना आ चैनल जाता लेकिन इसमें काल गाड़ी से ट्रेवल कर रहा कर रहा है तो इसकी उनिकनेस नहीं दो रहना पिर वहाई है stay
17:53वही है तो बहुत लोग करते हैं ऐसे करने वाले खाली रौकी शाहपुरिया है तो इसी चीज को कोई जैसे लद्दाक्टरी पर आमेरा लग लग पैसेट अजार उपेगा डीजल लग गया अब मैं वहीं देखूं कि अगर मैं छोटी गाड़ी स्विफ्ट से होता या सी एं�
18:23है कोई दिक्कत में और इस जितनी भी है मैलेज जितनी बिल्कुल उसी हिसाब से लोग प्यार करते हैं पसंद करते हैं और यहां पर हमने कैमरा लगा लगा रहता वैसा नहीं है कि भई बैक बिगर लगाएं तो भी चलेगा यहां पर अपना पंखा हो गया और पर्दे एक �
18:53अंदेश हो रहे तो उसमें थोड़ा रहता है और यहां पर हमने बनाने को संरूप भी बना रहता है वैसे दो तीन दो सो तो बहुत मजाईज में खोल के निकल सकते हैं मैं अकेला तो बस चला नहीं रहता है लेकिन आपने कर रखा है यहां पर अपनी लाइट हो गई यह प
19:23किसान हो जाते हैं नहीं तो यहां पर बैठके आराम से इस तरह से यहां पर पानी रखा जाता है और इस तरह से कुछ हमने यह बना रखा यह वाइपर हो गया तो थोड़ा लोकल तरह ही दीखेगा आपको मोटर लगा रखे लेकिन जरूरत मतलब जो जरूरी चीज थी और �
19:53तो आपको मोटर लगया उसके बार प्लाइ आगई अगई फोल कроб कर आद करने मातने के आवा पिकल एक्षी का दए तरह नह्मा को लगा उसके बाद प्याइश जो रिन वारत के ना बिदर रखे बेर नंजनी
20:23कि यहां कि लोक्ल कोई भी रुकेगा आहाथ निदेगा उसको जैसे कि एक बिटा सौछ læगा वारे उसको यह सोचते हैं тогда लोक्ल बंद आया तो यह बिठा लेंगा जैसे रोडसाप करने
20:41तो इस तरह से बच्चे हैं स्कूल के वह पसंद करते हैं उनको छोड़ देते हैं तो एक दिन ऐसे हुआ कि बहुत कम लोग ट्रेवल करते हैं इस तरह और आप हमारे को जो है
21:11सब्सक्राइब करते हैं । इस भी सब्सक्राइब का मतलब बिल्कुल हर तरफ से जैसे कि रीच बता हूँ मैं लेकर निकला तो मेरा मन नहीं लगा क्यूंकि नहीं लगा कियुकि मैं जीम जाता था तो
21:39सुबहीं जाता था दो पेर को मैं घर हघागने पच्चों के पास स्याम को जाता था आ कि एक रहला जाता अब यह निकले लेकर निकला में दूसरे दिन ही मेरा दिमाग कुछा है कि भाई यह क्या कर लिया म鍋 महिनों महिनों के ट्रीप रहें एक लोगी यह दो प्रावलम् की �
22:09क्योंकि बहुत अच्छी लाइब चल रही थी फैमली के साथ मैं क्यों निकला मतलब दिमाग में लगा तो मैंने गर पर बता हम भाई मैं तो आ रहा हूं और मैं अपना जीम संबाल रहा हूं मैं कुछ नहीं कर रहा हूं इस तरह से फेर मम्मी बोले बेटा इसको बेज देती ह
22:39करा दी मैंने जहां मेरा मन किया वहीं वेल्डिंग करा दी यह देखा ही नहीं कि नया है मैं लोग जिनको ट्रेक्टर पसंद है जिनके खेत है ना वो मुझे गालिया दे रहे थैं कि नाश कर दिया ड्रेटर गा तो यह चीजे हुई फिर भी मेरे को संतुष्टी नहीं आ र
23:09जो चीज पकड़ रखी थी वो यह थी कि वह कितना लंबा सर्वाइव यह क्या उठाया कि आप घर से बाहरी रहे के जो है ट्रेवल ही करते रहेंगे यह दिमाग में वह गई तो फिर इस पर जो मेरे बहुत ही ज्यादा यह लगाना की समझदारी वाली बात वो की मेरी वा�
23:39अराम से मज़े लो आप कोई दिक्कत निया टेंशन मतलो और खाऊ पिओ मज़े करो और देखो अपना जहां गया और आते ही इसको जो है सेल कर देंगे आपको करना यह काम नहीं करना ना गर से बार रहना टेंशन ना लो मगा ठीक है तो तो तीन से दिन गूमता हूं मगा �
24:09जब ये इतनी तयारी की और ये सोचा की ये करना और उसके बाद ये लेवल अपने दोस्त को जिसने खड़ा होगे बनवा उसको बोल रहा हूं मुझे नहीं करना भाई शेल करना पड़ेगा ये तो भाई
24:20वो मुझे हर तरह की सुना रहा है महला भी तनी की बाई मैं दोस्ती तोड रहा हूं तरे से मेरे गरवाले भी तरे को सपोर्ट कर रहे और तू ऐसी बात कर रहा है ये लेवल आगे फिर जो है उन्हों नहीं का आना कि गूमो आप कोई दिक्क नहीं चार दिन गूम लो आप औ
24:50मतलब मैं वैसे हूं थोड़ा जो सोच लिया करना तो कर लेए भाई कोई बड़ी बात नहीं तो ये ट्रेक्टर भी वो दोस्ती ले गए आधा घर तक पहले दिन जब कंपनी से आया तो गाउं में जश्ट गुषने से पहले मैंने का उसको माई मेरे को थोड़ा बता दे क्
25:20भाई सात में उसको भी आना ही था दो पकूंझा खैना जा रहा हूं ठीक देख ले तुझे सा भी करना outer ठीक है तो उसने भी बहुत सारी कानिया बता इसाँ पंदा ऐसे हहां वह मैंनत कर रहा है पैसा भी है अपनी मैंनत तो जरूरी ए जो करनी है काम करने आए तो इस तरह
25:50मेरा मेरा फिरम रखा कि नहीं ठीक उट ताव ठिक रहे करें कुछ जब मेरा मन गरेगा तब चला गर हम नहीं प्र Perhaps
26:12मेरे को लग नहीं हो झाव कि भाई ने मेरे को समझ जा लीए ममी ने मेर मेरे
26:15और कि वाइब बत्चे को बच्चे को बेज देती हूं मैं वह पिल नहीं हो रही मेरे को पता नहीं क्या चीज कि मेरे को यह खाया जा रहा कि मैं कब तक करूंगा घर से कब
26:24तक दूर रहा वो दूर होई गई उनकी बास से तो बहुत बड़ी आए रहा है तो स्पोर्ट तो मतलब हरत रहा अलग ही है बाई कह रहा है उनका बेटा जैसे एक बेटा पंदरा साल का एक बारा साल का बोला बड़े को बेज़ देता हूं यह इसको तू अपने पास रख ले
26:54होना पड़ता हमेशा लेकिन स्पोर्ट होता ही है होता ही है और वो समझना भी चाहिए कि हां बाई मेरे पास हैं च्यार बंदे और स्पोर्ट है इनका तो ओधुड़ा और दिमाग अच्छा रहता है और यही लेके चलू मैं बाई मैं तो अकेला गुम रहा हूं ट्रेवल �
27:24हुछ गग्ट इनका तुम रहा हुछ जान स्पोर्ट है और यहे और मिलास में वास्तूत सब पास हमे जड़ता है हमे वास्तू और में ओड़ता है और वास्तू हुछ आज़ता है
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