बेबाक भाषा के ख़ास कार्यक्रम Decoding RSS में प्रसिद्ध लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता राम पुनियानी चर्चा कर रहे हैं कि क्यों अचानक मोहन भागवत व मोदी समेत समूचा संघ-भाजपा खेमा मैकाले के पीछे पड़ गयाहै। हालांकि यह संघ का पुराना एजेंडा रहा है, लेकिन अब वह इसे फिर चर्चा में क्यों ला रहे हैं... #news #latestnews #newsanalysis #rss #rssagenda #mohanbhagwat #rss100years #rampuniyani #hatepolitics #rssideology #macaulay
00:06आज के इस वीडियो में हम बात करेंगे अभी अभी जो नरेदर मुदी ने रामनात गोयन का लेक्चर में एक बात कही उसके बारे में हम्तुरा सा विचार करेंगे
00:22उन्हों ने इस लेक्चर में कहा कि लॉर्ड मैकॉले नियाज और शिक्षा परदती लाई उससे हमारा जो उपनवेशिक माइंडसेट बना उससे हमें निजात पाने की जरूरत है
00:36उन्होंने कहा 1835 में ये मैकॉले की शिक्षा परदती लागू की गई और अभी 2035 को जब उसके 200 साल पूर होंगे
00:47तक तक हमें इस मानसिक घुलामी से मुक्ती पाने की कुशिश करना चाहिए
00:53अब ये तो एक बात हुई जो मोदी ने कही और दूसी तरफ इसी समय चंद्रभान प्रसाद जो एक दलित लेखक और कारे करता है
01:04उन्होंने बताया कि वो मैकॉले को एक काफी महतपून व्यक्तित्र मानते हैं
01:11क्योंकि उसी के कारण उन्हेकी शिक्षा प्रदती के कारण जो दलित है और वंचित समाध है उनको शिक्षा के प्रावधान मिले
01:20अब ये दो विरोधा वासी चीजें एक ही व्यक्ति के साथ जुड़ी हुई हमको दिख रही है और उसमें सोचना ये है कि दरेद्रमोधी क्या कहना चाहते है
01:31पहली बात तो ये स्पष्ट है कि हिंदू राश्टरवाद की राजनीती जिसकी अगवाई नर्य नर्बोधी कर रहे हैं उसमें अभी तक जो ज़्यादा नफरत फैलाई है वो मुसल्मान राजाओं के खिलाफ फैलाई है
01:45और हिंदू समाज की जो कुरीतियां है उनको बताया है कि ये बुगल शासन के कारण यहां आई मुसल्मान राजाओं के कारण यहां आई
01:56अब यह नया सिल्सिला कि पिस सालों से छेड़ रहे हैं कि जहां यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि जो ब्रिटिश शिक्षा परदती थी मैकॉले जारा लाई गई वो हमें एक गुलामी की मानसिक्ता दे रही है
02:12और वास्ता में हुआ क्या दोस्तो बात ऐसी है कि जब लॉड मैकॉले ने यहां अपनी शिक्षा परदती लाई है वो ब्रिटिश हाउस अफ लॉड्स के सदसे थे और यहां आके उन्होंने कहा कि मुझे ऐसी शिक्षा परदती लानी है कि लोग देखने में तो भारती ल�
02:42कि इससे मेल जूल होता है तो उसमें काफी बद्लाव आते हैं तो पहली बात तो यह हुई कि इससे जो उदारमतवादी आधनिक सोच है वो भारती शिक्षा परदती में आया है उसी के साथ-साथ जैसे चंदरभान परसाद जैसे चिंतक कहते हैं कि इसी के साथ गलितों को �
03:12गुरुकुल है या मदरसा है और खासकर गुरुकुल यहाँ ज़ादा है गुरुकुल में क्या शिक्षा होती थी गुरुकुल में केवल उच्च वर्ण के लड़के राजकुमार शत्री यह पढ़ते थे और सवर्ण वहाँ पढ़ते थे और गुरु की दिक्षा में एक जो �
03:42पर चलता था अब लॉर्ड मेकाले ने निश्चित रूप से जो लाया वो खुद उन्होंने लाया ब्रिटिश प्रिशासन को मदब देने के लिए ताकि ब्रिटिश लोगों के पास उन लोगों की संख्या रहे जो यहां रहकर ब्रिटिश के जो यहां मनसूबे हैं उनको प�
04:12प्रिश्थार हुआ और इससे न केवल सवर्ण बलकि दलित और स्रियां यह भी शिक्षा प्राप्त करने लगी और यहां के बहुत सारे जो आजादी के अंदोलन के बड़े नेता थे वो आजादी के अंदोलन के नेता इंग्लेंड गए वहां से शिक्षा प्राप्त की जै
04:42के अंदोलन के बड़े नेताओं में से हैं जिन्होंने उपनिवेश्वाद के गढ़ ब्रिटन में जाके शिक्षा प्रात की और यहां के उपनिवेश्वादी विरोधी अंदोलन का नितरत्व किया और जो लोग आज ये बात कह रहे हैं मोदी की विचारधारा ये लोग तो �
05:12उपनिवेश्वाद में जो भारती राष्टी अंदोलन था वो किवल ब्रिटिश सकता नहीं उसे के सासार पूरी उपनिवेश्वाद स्क्ता का विरोध कर रहा था उसको किवल यह बताना कि ये उपनिवेश्वाद स्क्ता को छोड़ गये हैं ये गलत है क्योंकि जब भी �
05:42शिक्षा थी, उसमें काफी कम्या थी, हमने कोई डिजाइन नहीं किया था, वो तो ब्रिटिश ने अपने स्वार्थ के लिए किया था, उसके बावजूद, उसके बावजूद, क्योंकि ब्रिटिश यहां थे, उन्होंने कई ऐसे सुधारवादी आंगरनों को समर्थन किया,
06:12समाज काफी एक प्रकार से मिला जुला समाज चलता है, इसी के चलते कई ब्रिटिश स्कॉलर्स ने, जैसे यहां आर्कियालोजिकल की खोज ने, नालंदा, तक्शिला और दुसी चीजों की खोज की, हमारे अजन्ता अलोरा की खोज की, और उन्होंने यह लॉड कनिंगम के
06:42नहीं किया, उस समय वो चुपका चुपचाप दुबक कर अंग्रेजी सक्ता के सामने नत्बस्तक थे, और बुरु गोलवल करने तो यहां तक लिखा, ब्रिटिशों का विरोध क्यों करते हो, इनकी चीजों का विरोध करते हो, अपनी ताकत को बचा के आखो, क्योंकि हमार
07:12अचनक उनको मैकॉले क्यों याद आ रहा है, यह एक सवाल है, और दूसरा सवाल यह है, कि नरिंदर मोदी की सरकार, जिनकी विचारधारा पहले कभी इन्होंने ब्रिटिश का विरोध नहीं किया, आज अचनक उनको मैकॉले की याद क्यों आ रही है, तो इसके पीछे मेरे
07:42हम देख रहे हैं, न्यू एजूकेशन पॉलिसी, न्यू एजूकेशन पॉलिसी में जो मुख्य बात है, कि इसमें आम लोग इस प्रकार की शिक्षा से वंचित हो जाएंगे, और जो ज्यादा तर उनका पैटर्न है, कि गुरु को लेक महान सहस्ता थी, उस प्रकार की सहस्
08:12देशिदेर ये दिखता है, कि इसी के साथ मेकाले के साथ जो राश्ट्री अंदोलन हुए, उन्होंने तरक पूल सोच को भी प्रोचसाहित किया, सैंटिफिक टेमपर बाद में इसी से आया, इसी विचारों के विकास से आया, कि जैसे देखे हैं, अमबेटकर जी एक तरक�
08:42जो सोच के आधार पे, जो विश्वास के आधार पे जो ग्यान है, उसका बहुत दिकास किया जा रहा है, इसी में एक बात और भी दिखती है, अभी-अभी नरेंदर मोदी ने बागेश्वर धाम के धिरेंदर शास्त्री को अपने छोटा भाई बताया, और हो अंद विश्
09:12है, वास्तों में ये उतनी वेश्वाद के कई मुल्यों को प्रसापित कर रही है, डिकॉलनाइजेशन, गुलामी, इस प्रकार के गुलामी से हटने का क्या मतलब होता है, इस प्रकार से हटने का मतलब होता है कि जाती वैवस्ता का पूरा-पूरा विरोध, लोक-कांत्रिक
09:42जो ये संगवाद है कि वही अलगना गाज्यों के हम संग हैं, उसके उनट गवर्नर्स को पावर्स बहुत दिये जा रहे हैं, केंद्री सरकार बहुत पावर्स ले रही है, अब हमारी जो भारत की विरासत है मुख्यत तोर से, उसमें विवित्ता है, धर्मों की विवित्ता है
10:12केवल हिंड지 को ज्यादा �ázो देनी की कोई जा रही है वाकी धर्मों के बदले केवल अुच्चे उड़नी एं लुट कोई ज्यादा कोई देने की कोई दी जा रही है।
10:26तीसरा, केंद्रिय सरकार के जो नमाइंदे हैं, गवर्नर्स, राज्यपाल, वो इस प्रकार से काम कर रहे हैं, जो लोक कांत्रिक चुनी हुई सरकारों के खिलाफ है, यह एक प्रकार से खुले समाज की रचना, यह कॉलोनियलिजम के विरोध में जाता है, उपनिवेश्वा�
10:56को ला रही है, जहां एक धर्म को प्रधानता हो, एक भाशा को प्रधानता हो, केंद्रिय सरकार को प्रधानता हो, ये ऊनके कहने का मोलसार है.
11:05तो इस मोदी के इस मेसेज में भी दो पात्रशिपी हुई हैं एक तो उस प्रकार की विवस्था लाना जहां सवर्ण सब्रांत वर्ग के लोग जादा शक्तिशाली बने और दूसी तरफ से ऐसी शिक्षाल प्रपदती लाना जिससे दलिक और वंचित समाज के लोग पिशर ज
11:35उस प्रकार की विचारधार हैं जो केवल श्रद्धा के आधार पर चलें अंदर श्रद्धा के आधार पर चलें उसको प्रेड़ना देना और इसमें अभी हमने जब देखा कि यहां पताका लह रहाए गई कोई शंकराचारे लोगों ने इसका विरोध किया उन्होंने का ए
12:05विचारे ने तो इसका विरोध किया कि भाई ये तो धर्म की बात है, इसमें एक राजनितिक निता क्यों दखल अंदाजी दे रहे हैं, क्योंकि राम मंदिर का उल्गाटन भी इन्होंने किया, उसमें पुरोहित भी वह थे और यजमान भी वही थे, अभी उन्होंने सबसे आ
12:35इसमें हमारे लोकतंत्रिक मुल्यों का बहुत दुक्सान हो रहा है, और जो लोकतंत्र के आधार पे हमने चलना चाहिए, समिधान के आधार पे चलना चाहिए, उसके उलट ये सब किया जा रहा है, जिसमें मेकावले को एक किंद्रूबिन्दू बनाया गया है, ऐसे उनके �
13:05जुली परमपरा है जिसको जवारला नेरू गंगा जमनी तहर्जिव कहते हैं बोलाना उसको मजबूत करना आज जो दिख रहा है यह तो प्रिलिकुल इसके उलट हो रहा है और वास्ताव में जो उपनिवेश्वाद का एक भाग था शिक्षा उसको विक्सित करके आगे ले �
13:35जब से 11 साल से आई है यह उसी उपनिवेश्व धाचे को ज़्यादा मजबूत कर रही है केंदर सरकार के शासन को और उपर से गवर्नर्स के रून को और एक भाशा एक यह सब क्याधार पे जो वो कर रही है इससे यहां की जाती वैवस्ता भी मजबूत हो रही है जिसको हम
14:05विरोध करें तो मुखे रूप से यह उनका जो मैकाले का विरोध है वो एक आवरण है जिसके पीछे वो चुपकर जो हिंदुत्र की राजनीती का एजेंडा है उसको मजबूती से लाना चाहते हैं मैं उमीद करता हूं आप इस वीडियो को लाइक करेंगे शेयर करेंगे �
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