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गौ-मांस के शक में 28 सितंबर 2015 को यूपी के दादरी के बिसहाड़ा गांव में मोहम्मद अख़लाक़ की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी और उनके बेटे को घायल कर दिया था। अब योगी सरकार द्वारा इस मामले को बंद करने की तैयारी की जा रही है।
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00:00अखलाक को किसने मारा, किसीने भी नहीं, तभी तो योगी अदितेनाजी उनकी हत्या के सबी आरोपियों से केस वापस लेने जा रहे हैं।
00:08जिहाँ इसके लिए बाकाइदा कोट में अर्जी दाखिर कर दी गई है।
00:12आपको याद हैं अखलाक, यूपी के दादरी के विसाड़ा गाओं के महमद अखलाक, 28 सितंबर 2015 का दिन था, बकरीद के तिन दिन बाद, गाओं में अफ़ा फैलती है, माईक से एलान होता है कि अखलाक के घर में गाय का मांस है, और एक पगलाई भीड उनके घर की तरफ प�
00:42भी पीट-पीट कर अदमरा कर देती है, अन्य लोगों से भी बतसलुकी की जाती है, उस दिन शायद हमने पहली बार मॉब लिंचिंग का नाम सुना था, भीड दुआरा पीट-पीट कर हत्या का, और फिर तो ये सिलसला शुरू हो गया, अखलाक, पहलु खान, रगबर खा
01:12तमाम राज्यों में ये वारदाते होने लगी, और एक गौर रक्षा के नाम पर एक गौर गुंदों की फौज तयार हो गई, पचास बावन साल के महमद अखलाक की जब हत्या ही, उस समय यूपी में समाजदादी पार्टी यानि अखलेश यादव की सरकार थी, तो कुछ क
01:42बचा रहे हैं दोसरों को, मुस्लमानों को खास दोर से, और अब यूपी में योगी आदित तनाजी का राज है, तो अब दस साल बाद वो चाहते हैं कि इस मामले में जो सब आरोपी हत्यारोपियों पर जो केस हैं वो वापस ले ली जाएं, जैसे उन्होंने सरकार में आते
02:12अब जो अखलाक मामले में सरकारी वकील हैं उन्होंने बताया है मीडिया को कि उन्होंने हाल में ही उन्हें सरकार का एक पत्र मिला है जिसके आधार पर उन्होंने सूरचपुर इस्तित फास्ट्रेक कोर्ट में इस मामले को वापस लेने की अर्जी दे दी है और शायद 12 द
02:42तुम्हारे हाथ खुले हैं यही संदेश उन लोगों के लिए भी है जो बुल्डोजर चलाकर मुस्मानों के घर गिराते हैं वहबी सुप्रेम कोर्ट के फैसले के बावजूद वो पूसते हैं कि क्या इस देश में कानून का शाशन बचा है अदालतों को इस पर गंभीरता
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