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Parliament Winter Session: PM modi ने उपराष्ट्रपति CP Radhakrishnan को दी बधाईं, कहीं ये बातें

संसद के शीतकालीन सत्र की आज यानी 1 दिसंबर से शुरुआत हो चुकी है. उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन का बतौर राज्यसभा सभापति ये पहला सत्र है. सत्र की शुरुआत उनके सम्मान में स्वागत भाषण के साथ हुई. सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीपी राधाकृष्णन को लेकर संसद में अपनी बात रखी. प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि कैसे सभापति ब्लास्ट में बाल-बाल बचे थे और कैसे वह शाकाहारी बने.

The winter session of Parliament began today, December 1st. This is Vice President CP Radhakrishnan's first session as Rajya Sabha Chairman. The session began with a welcome address in his honor. Prime Minister Narendra Modi began his speech in Parliament regarding CP Radhakrishnan. Prime Minister Modi described how the Chairman narrowly escaped a blast and how he became a vegetarian

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~HT.178~GR.122~

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Transcript
00:00आरंब हो रहा है और आज सदन के हम सभी मान्य सदस्यों के लिए ये गर्वकी पल है आपका स्वागत करना और आपके मारदर्शन में
00:22सदन के माध्यम से देश को प्रगती की रहा पर ले जाने के लिए महत्वपूर्ण विश्वों पर चर्चा महत्वपूर्ण निर्णे और उसमें आपका अमुल्य मारदर्शन एक बहुत बड़ा आउसर हम सब के लिए हैं
00:48मैं सदन की तरप से मेरी तरप से आपको बहुत बहुत बढ़ाई देता हूँ
01:01और आपको सुपकामनाई देता हूँ और मैं विश्वास भी कर देता हूँ
01:15इस सभी इस सदन में बैठे हुए मान्य सदस्या यह उच्च सदन की गरिमा को समालते हूँ हैं
01:27आपकी गरिमा की भी सदा सरवदा चिंता करेंगे मर्यादा रखेंगे यह मैं आपको विश्वास देना आता हूँ
01:37हमारे सभापती जी एक सामान्य परिवार से आ रहे हैं
01:51किसान परिवार से निकले हैं और पूरा जीवन
02:01समाज सेवा के लिए समर्पित्या है समाज सेवा यह उनकी निरंतरता रही है
02:15राजनीतिक शेत्र उसका एक पहलू रहा है लेकिन मुख्यधारा समाज सेवा की रही है
02:29समाज के प्रती समर्पित हो करके जितना कुछ अपने युवाकार से लेकर अब तक वो करते रहे हैं
02:41वो हम सभी समाज सेवा के प्रतीरीटी रखने वाले लोकों के लिए एक प्रेणा है एक मारदर्शन है
02:51सामान ने परिवार से सामान ने समाज से सामान निक्षे प्राजरितिक जहां
03:01अलग अलग करवड बगलती रही है उसके बाउजित हुए आपका इहां तक पहुचे ना हम सब का मारदर्शन प्राप्त होना यह भारत के लोकतंत्र की सब से बड़ी तापकत
03:21यह मेरा सत्भागे रहा है कि मैं आपको लंबे अर्षे से परिचीत रहा हुए
03:41सारवजेनी जीवन में साथ-साथ काम करने का आउसर भी मिला है तिकि प्रधानमत्री के रूप में जब मुझे यहां दाई को मिला और जब मैंने आपको अलग अलग दिम्मेवारिया में काम करते देखा
04:01तो मेरे मन पर अतीश है शकारत में भाव जगना बहुत भावा इसा है क्वायर बॉर्ड के चैर्मेन के रूप में है
04:14हिस्टोरिकली हाइजेस प्रॉफेट वाली इस्टिटूशन में कनवर्ट करना है
04:20यानि आपका किसी संस्था के प्रती समर्पड हो तो कितना विकास किया जा सकता है और कैसे दुनिया में उसकी पहचान बनाई जा सकती है
04:35वो आपने करके दिखाया आपको भारत के कई खेत्रों बहुत कम लोगों के ऐसा उसर मिलता है
04:44आप जारखन में, महराष्ट में, देलंगरा में, उडिशेरी में, राजपाल, लेटन गवरनर, अलग-अलग दाइक तो समालते रहे और मैं देखता था कि जारखन में तो आदी जाती समाज के बीच
05:07जिस प्रकार से आपना अपना नाका बना दिया था जिस प्रकार से आप
05:17छोटे छोटे गाउं तक दोरा करते था वहां के मुख्यमंतरी बेटे गर्व के साथ इन बातों का जब भी मिलते थे जिक्र करते थे
05:33और कभी-कभी वहां के राजनेताओं के लिए भी चिंता होती थी कि हेलिकॉप्टर हो या न हो इसकी कोई परवा किये बिना जो गाड़ी है आप चलते रहते से राद को छोटे-छोटे सान पर रुख जाना ये जो आपने एक अपना सेवा भाव था उसको राजपाल के प�
06:03मैंने आपको एक कारकरता के रुप में देखा है एक सहयोगी किस रूप में हम साथ काम किये हैं सांसवत के रूप में देखा है अलग-अलग पदों पर देखते हुई आज यहां पर पहुंचे लेकिन मैंने एक बात महसूस की है कि आम कोर पर सहारवजनिक जीवन में
06:28पद पर कहुंचने के बाद कभी लोग पद का भारन भू करते हैं और कभी-कभी प्रोटोकल में दब जाते हैं लेकिन मैंने देखा है कि आपको और प्रोटोकल को कोई नाता ही नहीं रहा है आप प्रोटोकल के परे रहे हैं
06:49और मैं सब्सक्राओं सार्वजनिक जीवन में प्रोटोकोल से मुक्त जीवन की एक ताकत होती है और वो ताकत हम हमेशा आप में अनुभव करते रहे हैं और ये हमारे लिए गर्व का विश्व है
07:10अगरी जभाबती जी आपके व्यक्तित्व में
07:16सेवा, समर्पन, सायम इन सभी बातों से अम्भादिवर्ती परिचीत हैं वैसे आपका जन्म तो डॉलर सीटी में हुआ
07:33और उसकी एक अपनी पहचान है लेकिन उसके बावजित्ती है
07:42आपने अपनी सेवा का ख्षेत्र अंत्योदै को चोड़ा आपने हमेशा एक डॉलर सीटी के भी उस तपके की चिंता की जो दबे एक कुछले और कुछ वंचीत परिवार थे उनकी चिंता की
07:59मैं उन दो घटनाओं का जुरूर जिक्र करना चाहता हूँ
08:08जिसको कभी मैंने आप से आपके परिवार जनों से भी सुना है और जिसने आपके जीवन पर बड़ा प्रभाव प्यदा किया है
08:18आपका दूबने की संभावनाव के बीच की अवस्था आपके लिए हमेशा रहा है कि मैं तो दूब रहा था किस ने बतया है कैसे बतया है पता नहीं में बच गया
08:41कि अरु इस्वर ने कुछ आपकर खुपागी स्पटार का भाव आपके परिवार के लोग हमेशा बताते हैं और दूसरा जो हम सब बहुत बारिकी से जानते हैं
08:55जब कोईमतुर में लाल किष्णा अडवानी जी का जात्रा होने वाली थी उसके कुछ समय पहले एक भयानक बंबलास्ट हुआ
09:09साथ सत्तर लोग मारे गए भैंकर बंबलास था और उस समय आप बाल बाल बज गए थे इन दोनों में जब आप इश्वरिय शक्ति का संकेत देखते हुए अपने आपको समाज के प्रति अधिक समर्पित भाव से काम करने की जो आपने बज़र के रूप में उसको कनवर्ट
09:39में आप में एक सकारत्मक सोच से बना हुआ जीवन का प्रतिवीम है अधरेले सभावती जी जो इक बात मैं जानता नहीं था लेकिन अभी मुझे पता चला है आप शायद अभी उप्राष्पति पन्ने के बाद काशी जए थे और आपका काशी का दोरा था तो एक संवस्त क
10:09महां सब कुछ फिठाक होई रहता है लिए आपने वहां एक बात बताई जो मैंने सुनी मुझे मेरे लिए नहीं बात थी आपने महां कहां कि आप वैसे तो 99 क्यादी से लेकिन जब पहली बार आप काशी गये थे जीवन में और काशी में पूजा वगर गी मा गंगा को अप
10:39पता नहीं आपके भीतर एक संकल को जगा और उस दिन से आपने ताई किया कि आप अब नोनवेज नहीं खाएंगे अब ये कोई नो कोई सात्विक आप कोई नोनवेज खाने वाले बुरे हैं समाने कह रहा हूं लेकिन आपके मन में काशी की धर्ती पर वीचार आया तो एक
11:09भीतर कोई कोई अध्यात्मिक भाव जो इस प्रकार की दिशा में ले जाने की प्रेणा देता है अधारी सभापती जी चात्र जीवन से आपकी नेतृत्त्य सामर्थ रहा है आज राष्ट्य नेतृत्य की दिशा में आप हम सब कामार दर्सन करने के लिए यहां बिराजमान
11:39यहां सब के लिए घर्वगा विश्याएं अधारी जीओापती जी आप लोकतंत्र के रक्षक के रूप में अपनी जवानी में प्रूपा हैं जब पिसे को भी सरल मार से जाने का मन कर जाता है आपने वो रास्ता नहीं चुना आपने संगर्श का रास्ता चुना लोकतंतर �
12:09रास्ता चुना और आपने अपात काल में एक लोग तंत्र के सिपाही की तरह जिस प्रकार से लड़ाई लड़ी सांथनों की सिमाएं थी लेकिन जजबा कुछ और ही था और वा उस छेत्र के सभी उस सब पीड़ी के नौजवान
12:29लड़ाई थी लोगतंत्र के लिए आपका संगर्थ था उसमें आपने जन जागरुतिकीं जो भीविस कार्कमों को अपना आया था
12:43लोगों को जिस प्रकार 16 प्रेर्ज करते से हमेशा हमेशा के लिए लोगतंत्र प्रेमियों लिए एक प्रेहरा देने वाली गटना रही
12:58आप एक अच्छे संगठक रहे हैं, मैं बली भाती जानता हूँ
13:02आपने संगठन में जो भी दाईत्वा समालने का आउसर आया
13:08आपने उस जिम्मेबारी को चार चार लगा दिये, अपने परिशन से लगा दिये
13:12आपने हमेशा सब को जोडने का प्रयास किया
13:17नई विचारों को स्विकार करने का प्रयास किया
13:22नई पीड़ी को आउसर देने का प्रयास किया
13:25यह हमेशा संगठन में आपके कारे की विशार रही
13:31कोईमतूर की जनता ने आपको सावसर्थ की रुप में यहाँ सेवा करने के लिए भीजा
13:38और तब भी आपने
13:41सदन में रहते हुई हमेशा
13:44उक्षेत्र के विकास के लिए
13:46अपनी बातों को बड़ी प्रमुक्ता से
13:49लोगों के सामने रखा
13:51सदन के सामने रखा
13:53ये अप्ता लंबा आनुभर
13:55सदन में सभापती के रूप में
14:00और राश्मा उपराश्पति के रूप में बहुती प्रेद कहेगा हम सब को मारदर्शक रहेगा और मुझे पुरा विश्वास है कि मेरी तरह इस सदन के सभी सदस्य इस गवरपूर्ण पल को जिम्मेवारियों के साथ आगे बढ़ाएंगे
14:22इसी भावना के साथ मेरी तरफ से सदन के तरफ से आपको बहुत बहुत कामना देता है
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