Bihar Vidhan Sabha Session: बिहार की 18वीं विधानसभा में शपथ ग्रहण का रंगीन नजारा वायरल हो गया। नवादा की JDU (Janata Dal United) विधायक विभा देवी (Vibha Devi) शपथ पत्र पढ़ने में अटक गईं, वहीं वारिसलीगंज की अनीता देवी (Anita Devi) और बेतिया की रेणु देवी (Renu Devi, BJP Bharatiya Janata Party) भी गलती करती दिखीं। सदन में हल्की हंसी, व्यक्तिगत इशारे और भाषाई विविधता (मैथिली, उर्दू, अंग्रेज़ी, संस्कृत) ने माहौल को मनोरंजक बना दिया। डिप्टी सीएम विजय सिन्हा (Vijay Sinha) और विपक्षी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav, RJD Rashtriya Janata Dal) के भावनात्मक पल भी नजर आए। यह दृश्य साबित करता है कि विधानसभा सिर्फ राजनीति का केंद्र नहीं, बल्कि कभी-कभी हास्य और नाटकीयता का मंच भी बन जाती है।
00:00मैं विवाद एभी, मैं विधान सावागे सदस निर्वाचन होई हूँ, मैं जिस्वर से सदस लेतु हूँ, मैं जिस्वर कर विधी द्वारा हपिक रखती हूँ,
00:18नितीश की विधायाद,
00:48नहीं पढ़पाई शपत, विधान सभा में जीडियू विधायक का बना मजाग, छुटकी पढ़ना, बताना, पीछे मुड़कर देखते रहे सभी अमेले,
01:00अठारवी विधान सभा के पहले सत्र में शपत ग्रहन के मौके पाई,
01:05बिहर विधान सभा सदन में एक रंगीन तमाशा बना,
01:10सबसे ज्यादा चर्चा उससे दृष्च ने बटूरी, जब नवादा से जीडियू विधायक विभादेवी,
01:17जोकी बाहुबली रजबल्लब की पतनी है, शपत पढ़ने में पूरी तरह अटकती नजराई,
01:23हर एक शब्द पर उन्हें सहारी की ज़रुत पढ़ी, पास बैठी विधायक मनुरमा देवी के इशारे पर उन्हें शपत पढ़नी पढ़ी,
01:31पहले आप विडियो देखिए, फिर बताते हैं सदन का उन्हें नजारा, जोसके बाद चर्चा तेज है, सोशल मीडिया पर विडियोज वाइरल हैं,
02:01बता देगी प्रोटेम स्पीकर की निगाहें और उनके तूटे फूटे शब्दों की कोशिशें देख कर,
02:30पूरा सदन एक साथ राहत और हलकी हंसी से भर गया, यह दृष्य किसी कॉमिक ड्रामा से कम नहीं था,
02:37आपको बताते चलें कि विधान सभा में आज भाशाई रंगता का कुछ खूपसूरत सा एक प्रदर्शन सा नजर आया,
02:44कुछ विधायकों ने जिनमें मैथिली ठाकुर्ने, मैथिली भाशा में, कुछ ने उर्दू, तो कुछ ने इंगलिश और संस्कृत में शपत ली,
02:52सीमांचल के विधायकों ने जय बिहार, जय सीमांचल के नारे के साथ अपने शपत को पूर्ण किया, उस रंग बिरंगी कभी कम भीर, तो कभी हास्या स्यपत, प्रक्रिया ने साफ कर दिया, कि विधान सभा की पहली कारेवाही में, राजनेतिक रस्मों के साथ-साथ, मान�
03:22कि इंद्र नहीं बलकि कभी-कभी एक हलके-फुल के नाटक का मंच भी बन जाता है
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