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बेबाक भाषा के दो टूक कार्यक्रम में पत्रकार भाषा सिंह ने स्वघोषित धर्मगुरु रामभद्राचार्य द्वारा पत्नी को मनोरंजन की वस्तु बताने और दलितों व आदिवासियों के आरक्षण का विरोध करने को मोदीराज में हिंदुराष्ट्र की स्थापना व मनुवाद की वापसी से जोड़ा और इस पर गंभीर आपत्ति जताई।
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00:00वाइफ यानि पत्नी उसकी डेफिनेशन जरा ध्यान से सुनिए
00:07वन्डरफुल इंस्टूमेंट फॉर इंटर्टेन्मेंट
00:12यह डेफिनेशन जिस तरह से इस समय वाइरल है
00:16और जिस तरह से इसका राम रास से कनेक्शन है
00:19मुझे लगता है बहुत जल्द देश के प्रधान मंत्री नरेन मोदी भी
00:23वाइफ की डेफिनेशन यही देंगे और चूंकि मामला उत्तर प्रदेश से जुड़ा हुआ है
00:28तो हो सकता है योगी जी की नजर में भी तमाम पत्निया इसी डेफिनेशन के जरिये देखी जाएंगी
00:35यानि पत्नी का मतलब है कि ऐसा इंस्ट्रुमेंट ऐसा ओजार जिस से मर्दों को मिले इंटर्टेंडमेंट
00:43जिस तरह से धर्म गुरू राम भद्रचारे ने डेफिनेशन दी है और इसका कनेक्शन किया है राम राज से वह वाकई एक बड़ा सवाल है
00:53क्योंकि यह महान शक्स लगातार एक सोची समझी रणनीती के तहट देश को मनुस्मृती राज में ले जाने की पूरी कोशिश कर रहा है
01:04ध्यान से देखिए इस आदमी के बारे में किस तरह से कमेंट्स और उसका महिमा मंदन किया जा रहा है
01:12वाइप कितनी खतरनाक होती है वाइप का पहला अक्षर आप अंग्रेजी में देखी रहे है आप जानते ही बिभाहित लोग जानते ही उनी से पूछना हूँ
01:22विभाहित लोगों समय भूतना बताई, वाइब का पहला अक्षर क्या है अंग्रेजी में, उंचे स्रम बुले, डेबलू, हाँ, आप विभाहित लोग नहीं, भोलेंगे, खटन जगड़ा हो जाए, साथो लोग नहीं, पहला अक्षर क्या है, डेबलू, अंग्रेजी उने ड
01:52अंडर्फुल इंस्टुमेंट फारिंज्वाए, आनन्द के लिए एक आश्चर य जनक उपकरन खिलवना है वाइब, और हमारी भारती संस्कृती की पत्नी क्या है, पत्तिर्नो यग्य संयोगे, जो अपने पती का, यग्य में अपने पती का साथ देती है, उसे पत्नी कहत
02:22मश्कार दोस्तों, मैं आपकी दोस्त भाषा आप देख रहे हैं, बेबाग भाषा पे दोटू करेकर हम एक सीधा सवाल है, एक सो चालिस करोड के भारत में, यानि एक सो चालिस करोड की जहां आबादी है, उसकी आधी पॉपुलेशन तो औरतों की होगी, क्या तमाम औरते
02:52से हस हस के वाइफ को खतरनाग बताना और सीधे सीधे कहना कि पतनी यानी वह ओजार जिससे मर्द को सुख मिले मनुरंजन हो उसका, तो अब आप देखिए आधी आबादी को किस तरह से मनुवादी सोच देखती है, इसे अब पर्दे में रखने की जरूरत नहीं है, और सि
03:22और अब दलितों और आदिवासियों को आरक्षन की बिल्कुल जरूरत नहीं है, इनके आरक्षन और इन्हें जो स्पेशल प्रोटेक्शन मिला हुआ है अत्याचार के खिलाव, उस सब को खतम कर देना चाहिए, तब ही असली वेद वाला, पुराने जमाने वाला, रामराज
03:52थोड़ा हाथ कापता रहता है उनका, लेकिन मकसद बिल्कुल साफ है, कि अब भारत में यह शक्स जो बोलता है, उसी शक्स की जो गंदगी है, दिमाग में जिस तरह की सोच है, उसे ही इंप्लिमेंट करना, यानि उसे ही लागू करने का दौर, अब धडलले से चालू हो ग
04:22लाने की बात कर रहे हैं, जिसको आप नाम देते हैं, रामराज का, उसमें हमारी स्थिती क्या होगी, यह बहुत स्पष्ट है, और बार बार जो वेद, आप भी जब भाशन देते हैं, तो बड़े लंबे लंबे शलोक देते हैं, उन सब के पीछे किस तरह से जाती की गंद
04:52पेटी बचाओ, यह सब जो स्लोगन्स हैं, यह दरसल पीछे चले गए हैं, और यह शक्स जिस तरह से हम महिलाओं का अपमान करता है, और हमें मनोरंजन की वस्तु बताने की धृष्टा करता है, इतनी हिम्मत होती है इसकी, कि इस तरह से हम महिलाओं का अपमान करें, और व
05:22पीपुल कहते हैं लेकिन अंदर से हर शण किस तरह से मनुस्मृति को वापस लाया जाए इसकी दिशा में यह सारे कदम उठाये जा रहे हैं
05:34और यह राम भद्रचार पहली बार नहीं अंगिनत बार इसी तरह के जहरीले और नफरती बोल बोल चुका है शुक्रिया
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