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संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग 15 मिनट का भाषण दिया। हालांकि उन्होंने विपक्ष पर कोई सीधा हमला नहीं बोला, फिर भी सदन में गहरा सन्नाटा छा गया। PM मोदी ने राज्यसभा के नए सभापति सी.पी. राधाकृष्णन को बधाई दी और अपने पूरे भाषण को इसी शुभकामना संदेश पर केंद्रित रखा। इस वीडियो में जानिए उनके संबोधन के मुख्य बिंदु, विपक्ष की प्रतिक्रिया और पहले दिन संसद का पूरा माहौल। शीतकालीन सत्र की शुरुआत कैसी रही और आगे क्या अपेक्षा की जा सकती है, इसका पूरा विश्लेषण यहां देखें।


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~HT.96~

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Transcript
00:00Honorable Prime Minister
00:01अधरियर सभापती जी
00:19सित्कालिन सत्र का
00:25आरंब हो रहा है
00:30और आज
00:31सदन के हम सभी मान्य सदस्यों के लिए
00:36ये गर्वकी पल है
00:39आपका स्वागत करना
00:44और आपके मारदर्शन में
00:48सदन के माध्यम से
00:52देश को प्रगती की रहा पर ले जाने के लिए
00:56महत्वपून
00:59विशों पर चर्चा
01:01महत्वपून दिर्णे
01:04और उसमें आपका अमुल्य मारदर्शन
01:08एक बहुत बड़ा आउसर हम सब के लिए है
01:14मैं सदन की तरफ से मेरी तरफ से आपको बहुत बहुत बढ़ाई देता हूँ
01:27आपका अमुल्य मारदर्शन करता हूँ और आपको शुप कामना है देता हूँ
01:37और मैं विश्वास बी कर देता हूँ
01:40कि सभी इस सदन में बैठे हुए मान्य सदस्या
01:47यह उच्च सदन की गरीमा को समालते भी है
01:52आपकी गरीमा की भी सदा सर्वधा चिंता करेंगे
01:59मर्यादा रखेंगे यह मैं आपको विश्वास देनाता हूँ
02:03हमारे सभापती जी एक सामान ने परिवार से आ रहे हैं
02:20किसान परिवार से निकले आ हैं और पूरा जीवन
02:27समाज सेवा के लिए समर्पित किया है
02:33समाज सेवा ये उनकी निरंतरता रही है
02:40राजनितिक शेत्र उसका एक पहलू रहा है
02:48लेकिन मुख्य धारा समाज सेवा की रही है
02:54समाज के प्रति समर्पित हो करके
02:59जितना कुछ अपने युवाकार से लेकर अब तक वो करते आये हैं
03:06वो हम समी समाज सेवा के प्रतिरूची रखने वाले लोकों के लिए
03:12एक प्रिणा है एक मारदर्शन है
03:16सामान्य परिवार से सामान्य समाज से सामान निक्षे
03:25राजनितिक जहां
03:27अलग-अलग कर्वड बदलती रही है उसके बाउजिद भी आपका यहां तक पहुंचना हम सब का मारदर्शन प्राप्त होना यह भारत के लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताक़ आप
03:49यह मेरा सद्भागे रहा है कि मैं आपको लंबे अर्शे से परिचीत रहा हूँ
04:07सारवजेनिक जीवन में साथ-साथ काम करने का आउसर भी मिला है
04:19लेकिन प्रधानमंत्री के रूप में जब मुझे यहां दाईक में मिला और जब मैंने आपको अलग-अलग जिम्मेवारियां में काम करते देखा
04:27तो मेरे मन पर अतीश है सकारत में भाव जगना बहुत भावाविक था
04:35क्वायर बॉर्ड के चैर्मेन के रूप में है हिस्टोरिकली हाइस प्रॉफिट वाली इंस्टिटूशन में कनवर्ट करते हैं
04:45यानि आपका किसी संस्था के प्रती समर्पण हो तो कितना विकास किया जा सकता है
04:55और कैसे दुनिया में उसकी पहचान बनाई जा सकती है वह आपने करके दिखाया
05:02आपको भारत के कई ख्षेत्रों बहुत कम लोगों के ऐसा अफसर मिलता है आप जार्खन में महराष्ट में देलंगरा में पुड़ी चेरी में
05:17राजपाल, लेटरिन गवरनर अलग-अलग दाईट तो सभालते रहे और मैं देखता था कि जार्खन में तो
05:28आदी जाती समाज के बीच
05:32जिस प्रकार से आपना अपना नाटा बना दिया था
05:39जिस प्रकार से आप छोटे-छोटे गाहों तक दोरा करते थे
05:48वहाँ के मुख्यमंत्री बड़े गर्व के साथ इन बातों का जब भी मिलते थे जिक्र करते थे
05:58और कभी-कभी वहाँ के राजनेताओं के लिए भी चिंता होती थी कि
06:05हैलिकॉप्टर हो या न हो इसकी कोई परवा किये बिना
06:09जो गाड़ी है आप चलते रहते थे रात को छोटे-छोटे सान पर रुख जाना
06:14ये जो आपने एक अपना सेवा भाव था उसको राजपाल के पदपर रहते हुए भी
06:22जिस प्रकार से आपने उसको एक नई उचाई दे इससे हम बली भाती परिचित हैं मैंने आपको एक कारकरता के रूप में देखा है एक सहयोगी के रूप में हम साथ काम किये हैं
06:40सांसत के रूप में देखा है अलग-अलग पदों पर देखते हुए आज यहां पर पहुंचे लेकिन मैंने एक बात महसूस की है कि आम तोर पर सार्वदेनिक जीवन में
06:54हिए पद पर पहुंचने के बाद कभी लोग पद का भारा नुभाव करते हैं और कभी-कभी प्रोटोकॉल में दब जाते हैं
07:06लेकिन मैंने देखा है कि आपको और प्रोटोकॉल का कोई नाता ही नहीं रहा है आप प्रोटोकॉल के पढ़े रहे हैं
07:14और मैं समझता हूँ सार्वजनिक जीवन में
07:20प्रोटोकोल से मुक्त जीवन की एक ताकत होती है
07:24और वो ताकत हम हमेशा आप में अनुभव करते रहे हैं
07:30और ये हमारे लिए घर्व का विश्व है
07:32अगरी जभाबती जी
07:37आपके व्यक्तित्व में
07:41सेवा, समर्पन, सैयम
07:50इन सभी बातों से हम भाली भरती परची थे हैं
07:56वैसे आपका जन्म तो डॉलर सिटी में हुआ
07:58और उसकी एक अपनी पहचान है
08:04लेकिन उसके बावजित्दी
08:07आपने अपनी सेवा का खेत्रा
08:10अंतियोदे को चुना
08:12आपने हमेशा एक डॉलर सिटी के भी उस तपके की चिंता की
08:19जो दबे एक कुछले और कुछ वंचीत परिवार थे उनकी चिंता की
08:25मैं उन दो घटनाओं का जुरूर जिक्र करना चाहता हूं
08:34जिसको कभी मैंने आप से आपके परिवार जनों से भी सुना है और जिसने आपके जीवन पर बड़ा प्रभाव प्यदा किया है बाल ले काल में अभीनाशिय मंदीर के तालाब में आपका
08:52दूबने की संभावनाव के बीच की अवस्था आपके लिए हमेशा रहा है कि मैं तो दूब रहा था किसने बचया है कैसे बचया है पता नहीं मैं बच गया
09:06और इस वर्ने को आपके पर कुपागी इस पकार का भाव आपके परिवार के लोग हमेशा बताते हैं
09:15और दूसरा जो हम सब बहुत बारिकी से जानते हैं जब कोईमतुर में लाल कृष्ण अडवाणी जी का ग्यात्रा होने वाली थी
09:27उसके कुछ समय पहले एक भयानक बंबलास्ट हुआ
09:33और उस समय आप बाल बाल बच गए थे इन दोनों में जब आप इश्वरिय शक्ति का संकेत देखते हुए
09:51अपने आपको समाज के प्रति अधिक समर्त्मित भाव से काम करने की जो आपने बज़र के रूप में उसको कनवड किया
10:03यह अपने आप में एक सकारत्मक सोच से बना हुआ जीवन का प्रतिवीम है
10:11अधरिने सभापती जी
10:14जो एक बात मैं जानता नहीं था लेकिन अभी मुझे पता चला है
10:20आप साइद अभी उप्राश्पती पनने के बाद काशी गए थे
10:27और आपका काशी का दौरा था तो एक समस्त्त के नाते स्वाभेव की रित्यों मेरा मन
10:35महाँ सब कुछ ठिठाक होई रहता है
10:38आपने वहाँ एक बात बताई जो मैंने सुनी मुझे मेरे लिए नहीं बात थी
10:46आपने वहाँ कहां कि आप वैसे तो 99 के आदी थे
10:51लेकिन जब पहली बार आप काशी गए थे जीवन में
10:55और काशी में पूजा वगरे की मा गंगा को अपने आशिरवाद प्राप्त किया मा गंगा से
11:03और पता नहीं आपके भीतर एक संकल पर जगा और उस दिन से आपने ताई किया कि आप अब नोन्वेज नहीं खाएंगे
11:11अब ये कोईन कोई सात्विक भाव कोई नोन्वेज खाने वाले बुरे हैं समाने कह रहा हूँ
11:20लेकिन आपके मन में काशी की धर्ती पर विचार आया
11:26तो एक सांसत के नाते मेरे लिए भी एक समरन रखने वाली एक घटना के रुप में मैं उसको हमेशा याद रखूँगा
11:34भीतर कोईन कोई आध्याच्मिक भाव जो इस प्रकार की दिशा में ले जाने की प्रेना देता है
11:43अधानिस हभापती जी छात्र जीवन से आपकी नेतृत्तों सामर्थ रहा है
11:54आज राष्ट्रिय नेतृत्तों की दिशा में आप हम सब का मारदरसन करने के लिए
12:03यहाँ बिराजमान है यह हम सब के लिए गर्वगा विश्य है
12:07अधानिस हभापती जी आप लोकतंत्र के रक्षक के रूप में
12:15अपनी जवानी में युवाव वस्ताव है
12:19जब किसी को भी सरल मार से जाने का मन कर जाता है
12:25आपने वो रास्ता नहीं चुना
12:27आपने संगर्ष का रास्ता चुना
12:30लोकतंत्र पर आये हुए संकट के सामने मुकाबला करने का रास्ता चुना
12:35और आपने अपातकाल में
12:37एक लोकतंत्र के सिपाही की तरह जिस प्रकार से लड़ाई लड़ी
12:43सांथनों की सिमाये थी, मरियादाये थी
12:48लेकिन जजबा कुछ और ही था
12:51और वह उस छेत्र के सभी उस सब पीड़ी के नवजवान
12:55आज भी
12:57एमरिजन्सी के खिलाद के आपकी जो लड़ाई थी
13:01लोकतंत्र के लिए आपका संगर्ष था
13:04उसमें आपने जन्जागर्ष थी के जो विवित कायरकमों को अपनाया था
13:09लोगों को जिस प्रकार से आप प्रेरिज करते थे
13:14ये हमेशा हमेशा के लिए
13:18लोकतंत्र प्रेमियों के लिए
13:20एक प्रेणा देने वाली घटना रही
13:24आप एक अच्छे संगठक रहे हैं मैं बलिभाती जानता हूँ
13:28आपने संगठन में जो भी दाईत्व समालने का आउसर आया
13:34आपने उस जिम्मेवारी को चार-चार लगा दिये अपने परिश्रम से लगा दिये
13:39आपने हमेशा सब को जोड़ने का प्रेयास किया
13:44नई विचारों को स्विकार करने का प्रेयास किया
13:48नई पीड़ी को अउसर देने का प्रेयास किया
13:51यह हमेशा संगठन में आपके कारे की विशार रही
13:57कोईमतुर की जनता ने आपको सांसत्य रुप में यहां सेवा करने के लिए भीजा
14:04और तब भी आपने सदन में रहते हुई हमेशा फुक्षेत्र के विकास के लिए अपनी बातों को
14:13बड़ी प्रमुक्ता से लोगों के सामने रखा सदन के सामने रखा
14:19यह आपका लंबा अनुभव
14:21सदन में सभापती के रूप में और राश्मर उपराश्पती के रूप में बहुती प्रेर कहेगा
14:32हम सब को मारदर्शक रहेगा
14:37और मुझे पुरा विश्वास है कि मेरी तरह इस सदन के सभी सदस्य
14:42इस गवरपुन पल को जिम्मेवारियों के साथ आगे बढ़ाएंगे
14:48इसी भावना के साथ
14:50मेरी तरफ से सदन के तरफ से
14:52आपको बहुत बहुत बहुत शुकामनाई प्रता
14:56प्रता आपको बहुत सदन के अपको ओ स्दन के साथ
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