00:00मीठे बचे, तुम सच्चे सच्चे राज रिशी हो, तुम्हारा कर्तव्य है तपस्या करना, तपस्या से ही पूजन लाइक बनेंगे.
00:09प्रश्न, कौन सा पुर्शार्थ सदाकाल के लिए पूजने लाइक बना देता है?
00:14उत्तर, आत्मा की ज्योती जगाने, वत्तमो प्रधान आत्मा को सतो प्रधान बनाने का पुर्शार्थ करो, तो सदाकाल के लिए पूजन लाइक बन जाएंगे.
00:25जो अभी गफलत करते हैं, वह बहुत रोते हैं. अगर पुर्शार्थ करके पास नहीं हुए, धर्मराज की सजाएं खाई, तो सदा खाने वाले पूजे नहीं जाएंगे. सदा खाने वाले का मुझ उचा नहीं हो सकता.
00:40धारणा के लिए मुख्य सार
00:42एक, जैसे बाप सदा बच्चों के प्रती सुखदाई है, ऐसे सुखदाई बनना है, सब को मुक्ती जीवन मुक्ती का रास्ता बताना है. दो, देही अभिमानी बनने की तपस्या करनी है, इस पुरानी छीछी दुनिया से बेहद का वेरागी बनना है.
00:59वर्दान
01:29कोई किसकी गलानी की बात सुनाए तो उसे टेका देने के बजाए सुनाने वाले का रूप परिवर्तन कर दो, तब कहेंगे शुभुचिन तक.
01:39स्लोगन
01:39अगर सेकिंड में विदेही बनने का अभियास नहीं होगा, तो लास्ट घडी भी युद्ध में ही जाएगी, और जिस बात में कमजोर होंगे, चाहे स्वभाव में, चाहे संबंध में आने में, चाहे संकल्प शक्ती में, वृत्ती में, वायू मंडल के प्रभाव में, जि
02:09उसी रूप में जान बूज कर भी माया लास्ट पेपर लेगी, इसलिए विदेही बनने का अभियास बहुत जरूरी है। ओम शान्ती
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