00:00मीठे बच्चे, बाप जो पढ़ाते हैं उसे अच्छी रीती पढ़ो, तो 21 जन्मों के लिए सोर्स ओफ इंकम हो जाएगी, सदा सुखी बन जाएंगे.
00:10प्रश्ण, तुम बच्चों के अतींद्रिय सुख का गायन क्यों है?
00:14उत्तर, क्योंके तुम बच्चे ही इस समय बाप को जानते हो, तुमने ही बाप द्वारा सृष्टी के आदी मध्य अंत को जाना है, तुम अभी संगम पर बेहद में खड़े हो, जानते हो अभी हम इस खारी चैनल से अमृत के मीठे चैनल में जा रहे हैं, हमें स्वयम भगव
00:44हम गौडली स्टूडेंट हैं, इसलिए पढ़ाई का नशा भी रहे, तो अपने कैरेक्टर्स पर भी ध्यान हो, एक दिन भी पढ़ाई मिस नहीं करनी है, देर से क्लास में आकर टीचर की इंसल्ट नहीं करना है
00:57दो, इस विकारी छीची दुनिया से नफरत रखनी है, बाप की याद से अपनी आत्मा को पवित्र सतु प्रधान बनाने का पुरुशार्थ करना है, सदैव खुश, हर्शित मुख रहना है
01:10वर्धान
01:40अएसे व्यक्ति व ऐसी स्थिती में सदा के लिए आशा के दीपक जगाना, अर्थात दिल शिकस्त को शक्तिवान बना देना, ऐसा श्रेष्ट कर्तव्य चलता रहे तो परोपकारी संतुष्ट मनी का वर्धान प्राप्त हो जाएगा
01:55स्लोगन
01:57अश्रीरी व व विदेही स्थिती का अभ्यास बढ़ाओ, सारे दिन में बीच बीच में एक सेकेंड भी मिले, तो बार बार यह विदेही बनने का अभ्यास करते रहो, दो चार सेकेंड भी निकालो, इससे बहुत मदद मिलेगी
02:18नहीं तो सारा दिन बुद्धी चलती रहती है, तो विदेही बनने में टाइम लग जाता है, और अभ्यास होगा तो जब चाहे उसी समय विदेही हो जाएंगे, क्योंकि अंत में सब अचानक होना है, तो अचानक के पेपर में यह विदेही पन का अभ्यास बहुत आवश्य
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