00:00मीठे बच्चे, रोज विचार सागर मन्थन करो, तो खुशी का पारा चड़ेगा. चलते फिरते याद रहे कि हम स्वदर्शन चक्रधारी हैं.
00:09प्रश्न, अपनी उन्नती करने का सहज साधन कौन सा है?
00:14उत्तर, अपनी उन्नती के लिए रोज पोता मेल रखो. चेक करो, आज सारा दिन कोई आसुरी काम तो नहीं किया. जैसे स्टूडेंट अपना रजिस्टर रखते हैं, ऐसे तुम बच्चे भी दैवी गुणों का रजिस्टर रखो, तो उन्नती होती रहेगी.
00:29गीत दूर देश के रहने वाला, धारना के लिए मुख्य सार.
00:59अपनी उन्नती के लिए पोता मेल रखना है, कोई दुख दिने वाली बातें करता है, तो सुनी अन्सुनी कर देना है.
01:08वर्दान
01:10इश्वरी ये रॉयल्टी के संसकार द्वारा हर एक की विशेशताओं का वर्णन करने वाले पुण्यात्मा भव.
01:17सदा स्वयम को विशेश आत्मा समझ, हर संकल्प हा कर्म करना और हर एक में विशेशता देखना, वर्णन करना, सर्व के प्रती विशेश बनाने की शुब कल्यान की कामना रखना.
01:31यही ईश्वरी रॉयल्टी है. रॉयल आत्माएं दूसरे द्वारा छोडने वाली चीज़ को स्वयम में धारन नहीं कर सकती. इसलिए सदा अटेंशन रहे कि किसी की कमजोरी व अवगुण को देखने का नेतर सदा बंद हो. एक दो के गुणगान करो, सनेह सहयोग के पु�
02:01अव्यक्त इशारे अब संपन वा करमातीत बनने की धुन लगाओ. निराकारी स्वरूप की मुख्य शिक्षा का वरदान है करमातीत भव. आकारी स्वरूप अथ्वा फरिष्टेपन का वरदान है डबल लाइट भव. डबल लाइट अर्थात सर्व कर्म बंधनों से हलके �
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