00:001950 के दर्शक के अंथ में जब राज कपूर देवानंद दिलिप कुमार जैसे सितारे सिनिमा पर छाय थे धर्मेंद्र ने अपने लिए एक अलग जगह बनाए
00:08उन्होंने ऐसा हीरो प्रस्तुत किया जिसमें आमदर्शक खुद को देख सकें हीरो जो महनती है गुसा भी खुब करता है और हस्ता भी खुल करें ये हीरो बड़े परदे का आदर्श नायक नहीं था ये बड़े परदे पर जनता का प्रतिनिधी था उनकी बॉड़ी लांग
00:38अक्टिंग में भारत जलता था जो सिनिमा में कम देखता था मगर टिकेट विंडो पर खूब खरीदा जाता था धर्मेंदर ने फिल्म में आक्शन
00:48को सिफ स्ट्रंट नहीं बलकि भाबना बना दिया धर्मेंद्र के अक्शन में डिजाइन के गए स्ट्रंट से जादा रौ पावर दिखती थी फूल और पसर से उनका यह अंदाश शुरू हुआ फिर जब याद किसी की आती है इज़त शिकार और आखे से होता हुआ मेरा गा�
01:18धर्मेंद्र ने रोमांट्रेक, एमोशनल, एक्शन और कॉमेडी हर तरह की भूमेकाओं में सा फलता पाई इंदस्ट्री को साल की सबसे बड़ी हिद्स देने से लेकर मास सिनमा का पहला ब्लूप्रिंट तयार करने तक धर्मेंद्र ने सूपर स्टार्डम की किताब लिख
Be the first to comment