00:08फैशन ये कि एक बदमार्श, गुंडा, क्रिमिनल जब तक आजाद है छोटे मोटे उसके नाम होते है
00:15और जैसी वो जेल जाता अचानक बड़ा गैंगिस्टर बन जाता है
00:18इसका बेस्ट एक्जामपल है लॉरेंस विश्णोई
00:21मैंने कई भार पहले भी कहा कि जब तक वो तिहाल नहीं पहुंचाता तब तक लॉरेंस विश्णोई एक गैंगिस्टर नहीं बना था
00:28पर जेल ने उसे एक बड़ा नाम दे दिया, एक बड़ा गैंगिस्टर
00:32और उसी लॉरेंस विश्णोई का छोटा भाई जो उसके सर्किल में छोटा डॉन के नाम से जाना जाता है
00:40अनमोल विश्णोई
00:41यह जो तस्वीर आप देख रहे हैं, इस तस्वीर में अपने आप में एक कहानी है
00:47करीब 2021-2023 साल पहले की बात है
00:51लॉरेंस विश्णोई का यही छोटा भाई, लाडना भाई और मोल विश्णोई
00:55फरजी पासपोर्ट बनाता है और दिल्ली से नेपाल के रास्ते आजरबाइजान होते हुए
01:01कैनेडा और फिर अमेरिका पहुंच जाता है
01:04तब वो हमारी सुरक्षा अजन्सियों को पीट दिखा कर भागा था
01:07आज यानि वेंस्टे यानि उन्निस नवंबर दोहजार पच्छिस को फिर उसकी एक तस्वीर आई है
01:16और इस तस्वीर में वो सचमुच पीट दिखा रहा है
01:19उसके दाएं और बाया इनाई ये के दो अफसर खड़े है
01:22और जिस शक्स की ये पीट है वो अनमोल विशनोई है
01:26लौरेंस विशनोई का चोटा भाई
01:29इस बार ये पीट शैद वो मजबूरी में दिखा रहा है
01:32उसकी वज़ाए ये है कि ये तस्वीर दिल्ली के इंद्रा गांधी इंटरनेशनल एरपोर्ट की है
01:36बीस घंटे के सफर को तै करने के बाद
01:40कैलिफोर्निया के लौस एंगले सिटी से
01:43अनमोल विशनोई दिल्ली लाए गया
01:46अनमोल विशनोई अकेला नहीं था उस प्लेन में
01:50दो भी भारतिय थे दोनों पंजाब के थे
01:53अमरीका ने इंटीनों को डिपोर्ट किया है
01:56अब अनमोल विशनोई को पकड़ा गया था लास्ट येर नमबर में
02:02अमेरिका में
02:03नमबर में हुआ ये कि लॉस इंगले सिटी ये पहुंचता है
02:07और एक पासपोर्ट दिखाता है इमिग्रेशन डिपार्टमेंट में
02:10तो जब इमिग्रेशन पर वो पासपोर्ट रखता है
02:13और साथ में अमेरिका आने की वज़ा
02:14तो उस passport पे इसका नाम भानू लिखा हुआ था और साथ में कंपनी का offer letter भी था लेकिन उस passport और offer letter को देखकर
02:24एंडिया के इमिड्रेशन डिपार्टमेन को कुछ शक होता है युएस इमिड्रेशन डिपार्टमेन को और वो से पूश्ताज करती है
02:31पूस्ताच के बार अचानक भेट खुई जाता है और पटा डलता है कि असल में यह दोनों फेक है, पासपोर्ट भी और उस कंपनी की का जो जॉब लेटर या ओफर लेटर है वो भी
02:42कंपनी से बात की गई तो पता चला है इस नाम के किसी शक्स को हमने ओफर ही ने दिया
02:46फिर सचाई सामने आती कि यह वो शक्स असर में भानू नहीं बलकि इंडिया के मोस्ट वॉन्टेट डॉन में से एक अनमोल विश्णोई है, लॉरेंस विश्णोई का छोटा भाई
02:58अब यह खबर अचाना कि इंडियान अगेंसियों तक पहुंचती है, कि अनमोल विश्णोई को यूएस अथुरेटी ने अपने कबजे में ले रखा है
03:06अब यहाँ से कवायच शुरू होती है, कि उसे किसी तरह भारत ला जाए, क्योंकि भारत में उसके खलाफ एक से बढ़कर एक केज दर्स थे
03:14और यह एक बड़ी काम्याबी थी, तुक्के में ही सही, लेकिन अनमोल विश्णोई वहाँ पकड़ा गया था
03:20अब उधर तमाम स्टेट और फिर अपनी सेंटरल एजेंसी एनाईए, नैशनल इंविस्टिगेशन टीम, सभी ने यूएस अथोरिटी को एप्रोच किया, उन्हें लेटर दिये, दस्तावेज दिये, कागजाद दिये, कि भाई, यह हमारे यह वांटेड है
03:33और इनाईजी ने तो यह भी प्रूफ दिया कि इस पर दस लाक रुपे का इनाम है, यह एक टेररिस्ट है, अब इंडिया और अमेरिका के बीच में प्रतियरपन संदी है, लेकिन ऐसी चीजों में अमेरिका बड़े फूख फूख कर कदम रगता है, बड़े आसानी से किसी
04:03हफते में वो पकड़ा गया था, मतलब एक साल पूरे हो गया, इन एक सालों तक कवायत चलती रही, इंटरपोल के जरीए, अमरी स्रुक्ष अजनसियों के जरीए कि भाई अमरीका आप इसको डिपोर्ट कर दो, बड़े उसमें लगातार देरी हो रही है, लेकिन आचाना क�
04:33जेल भी डाला फिर जेल से उनके देश में, और हतकड़ियां लगा लगा कर भेज रहे हैं, कुछ वक्त पहले आपको याद होगा हमारे बहुत सारे ऐसे भारती है, जिनको अवैद रूप से अमरीका में रहने के इल्जाम में, अमरीका ने डिपोर्ट किया, उनके पेरों म
05:03इसले इसको भी डिपोर्ट करना है, इधर इंडियन एजनसी उसी वक्त लगातार कोशिश में कि भीया हमें सौप तो, अब ये दोनों चीज़ें एक साथ चल रही थी, पर ट्रम सहाम ने काम हमारी एजनसियों का असान कर दिया, डिपोर्टेशन वाला मामला तो चला नहीं
05:33विशनोई की बारी आई, दो और भारतियों के साथ जो अवैद रूप से रह रहे थे, कि भाई अब तुम्हारा यहां वक्त पूरा हुआ अपने देश चाओ, और इन तीनों को एक प्रेन में बिठाया गया, और इंडिया के लिए रवाना कर दिया गया, इनकी मंजल थी द
06:03इसके बाद उस फ्लाइट, फ्लाइट नंबर, टाइम, यहां पर अर्राइवल का, इन आई एक टीम पहुँच गई, जैसी ही उस फ्लाइट से अनमोल विशनोई बाहर आता है, पहले से इंतजार कर रही इन आई एक टीम, उसे अपने शिकंजे में ले रेती है, शिकंजे म
06:33उसके पेशी हुई, अब कायदे से यह पूरा जो मामला है, हमारे एजिंसियों के गिस्मत, कि अमरिका की एक पॉलिसी की वज़ा से, एक मोस्ट वांटेड क्रिमनल हमारे शिकंजे में आ गया है, अब अनमोल विशनोई तो यहां आ गया, शिकंजे में भी है, लेकिन इसके
07:03अनम पहली बार सुरुखियों में तब आया, जब पंजाबी सिंगर सिध्धु मुसेवाला का गतल हुआ था, उन्ही के घर के बार, और इस गतल के बाद, अनमोल विशनोई ने सिध्धु मुसेवाला को मारने की जिम्मेदारी ली थी गोल्डी बराड के साथ, जो लॉर्�
07:33याँ चली, ये गोली चलाने वाला भी जिसके इशारे पर चलाई गई, ये अनमोल विशनोई था, और बाद में इसकी भी जिम्मेदारी सोशल मीडिया के जरी ली गई, पिर टीसरी बार सुरुखियों में तब आया अनमोल विशनोई, जब NCP के रीडर, पॉलिकल लीडर,
08:03विशनोई था, तो एक एकर ये तो सारे हाई प्रोफाइल केस थे, इसके लावा भी 30 से 31 ऐसे मामले हैं, जिसमें वसूली, मडर, ये सारी चीज़ें, अनमोल विशनोई के जिम्मे थी, अब ये सारे केस, उसके आने के बाद, चाहे वो बाबा सिद्दी की मडर केस हो, जिस
08:33तो इन केसे में अब उससे पूचताच के बाद, सारी सच्चाई सामने आने की शायद अमीद की जा सकती है, अब सवाल ये है कि बड़ा भाई तो बड़ा भाई, छोटा भाई भी इसी रास्ते पर क्यों और कैसे, तो सर्में यहाँ पर गल्ती बड़े भाई की है, यानि ल
09:03अनमोल विष्णोई उसके जुर्म की दुनिया की परचाई से दूर था, और लौरेंस अपने छोटे भाई को बहुत प्यार करता था, उससे यह भी लगता थे कि इस रास्ते पर वह उसका भाई ना चले, और इसलिए पंजाब से दूर उसको जोधपूर में पढ़ने के ल
09:33भी भेज दिया गया, अब धीरे धीरे इन छोटी छोटी चीजों के बाद जब बनबोल विष्णुई को लगा कि पर इसी रास्ते पर चलना है तो भाई के साथ ही चल पड़ा, उदर लौरेंस विष्णुई को भी लगा कि जब इसको यह जुर्म की दुनिया में आई गया
10:03जिनमें से 300 अकेले पंजाब से हैं, बाकी दिल्ली, राजस्थान, आपके हिमाचल, गुजरात, मुंबई, हर्याना, इन सब जबो से
10:15तो अब यह सारी चीज़े चल रही थी, इसी बीच में लौरेंस दिश्णुई तिहाड पहुंच चुका था, पकड़ा गया था
10:22पर तिहाड से अलग-अलग जेलों में जाता रहा, जब सिद्धु मुसेवाला का कत्ल हुआ तो फिर ही उसे यहां से हटा कर साबर मती जेल आहमदाबाद भेज दिया गया
10:31जेल से भी उसका धंदा चल रहा था, और उस धंदे की वज़ा थी, यही अन्मोल विश्णुई
10:37क्योंकि जेल में बैठा लौरेंस विश्णुई हुक्म देता, और जेल के बाहर मौजूद अन्मोल विश्णुई उस हुक्म का पालन करवा था
10:46कहते हैं लौरेंस ने जितने भी प्लैन बनाये या जितने भी एग्जिक्यूशन या फिर वसूली गोली चलाना, यह वो अपने भाई अन्मोल विश्णुई को बताता और अन्मोल विश्णुई का काम ये था कि इसके लिए जरूरी शूटर, हत्यार, इन सब का इंतजाम क
11:16उसने फेक पासपोर्ट बनाया, दिल्ली से नेपाल गया, नेपाल से होते वे अजर्बाइजान और कहां कहां, आखिर में उसकी मौजूदगी तीन साल तक भटकने के बाद, ढूनने के बाद, दोहजार चौबीस के नमबर में अमेरिका में मिली, अमेरिका में भी एक सिं�
11:46अब इस गिरफतारी से पहले तक, अब ही 18 नमबर से डिपोर्ट करने से पहले तक, जो भी लोरेंस विश्णोई को काम होता था, सीधे अपने भाई को फोन करता था, अब आप चौकी मत, जेल में आजकल फोन बड़े आसानी से उपलब्द है, बस आपका कॉंटेक्ट होना
12:16जाता है, जातातर जेलों में जो फोन करते हैं, उसमें एक खाली ऐसा एक कोना या हिस्सा होता है, जहां आप जाकर आसानी से कौल लगा सकते हैं, जैमर पर खामखा सरकार इतने पैसे खर्च करती है, जब अल्रेडी फोन पर काम चली रहा बात होई रही है, तो फिर जैमर �
12:46वसूली से लेकर, डराने से लेकर, मारने से लेकर, हर काम, उदर दूसरा गुर्गा पार्टनर गोल्डी बरावर उसके साथ थोड़ी सी तकरार हो गए, लारेंस विश्नोई की, तो अब अकेला खुल्लमखुल अनमोल विश्नोई जेल के बाहर एक तरह से छोटा डौन, प
13:16मतलब भाई किया हर हुक्म की तामील छोटा भाई कर रहा है और इसी के बात अब उसके उपर एनाईय की नजर पड़ी डोजियर बनाना शुरू हुआ तो पता चला कि वही है बड़ा भाई तो बड़ा भाई छोटे भाई के नाम पे भी कोई छोटे मोटे अफसाने या केस न
13:46अनमोल विष्णोई को तब सुरक्षा एजंसियों को बेचा हैं किया कि अब इसको पकड़ना चाहिए प्रेशर जादा था तो खैर अब वो पकड़ा गया हमारी एजंसों के हाथ भी आया तो वो भी डिपोटेशन के चक्कर में अगर वो इल्लीगल तरीके से ना गुसा हो
14:16बट यहां से खेल बहुत इंटरिस्टिंग हो गया है यह हम सब जानते हैं कि होम मिनिस्ट्री के एक खास ओर्डर के हिसाब से लौरेंस निश्नोई को एहमदाबाद की साबरमती जेल में रखा गया है जब कि हमदाबाद की जेल में उसका यहमदाबाद में कोई क्राइम उ
14:46कि भाई, लॉरेंस गैंग ये लॉरेंस विश्णोई को खत्रा है, बार बार अलग-अलग अदालतों में, अलग-अलग केसों को ले जाने के लिए, इसलिए इसको एक खास आधेश के तहत एक सुरक्षा का बज़ देते हुए, सावरमती जेल में ही रखा जाए, और सावरमती
15:16चल रहे थे, अब अनमोल विश्णोई आगिया, इनाई ये उससे पूस्ताच करेगी, पर इनाई ये उसको हमेशा के लिए तो अपना मेहमान बना कर अपने दफ्तर में रखेगी, नहीन अपनी कस्टडी में, आखिर में जूरिशल कस्टडी यानिन आई खिरासत में उसको
15:46जेल में बैठकर तो वो इंटरोवी भी दे दिया, पुलिस को भनक तक नहीं, तो अब अनमोल विश्णोई का आना सिर्फ तमाशा बन करना रहे जाए, इस बात कर डर है, वजह ये कि बड़ा भाई अब तक यहीं जेल के अंदर से सब कुछ कर रहा है, अब छोटा डॉन भ
16:16जेल में उसके उपर बंदिशें लगाई जाएंगी, हालात को देखते वे लगता नहीं, और उससे भी बड़ा इस वक्त सवाल ये है, कि आखिर अनमोल विश्णोई को किस जेल में भेजा जाएगा, जब उसे जिरुशल कस्टडी में भेज़ेंगे, तो किस जेल में, क्यो
16:46जिसमें दिली है, जिसमें हरियाना है, जिसमें पंजाब है, जिसमें राजिस्थान है, जिसमें मॉंबई है, और मॉंबई पुलिस को तो सबसे ज़ादा बेचैनी से अनमोल विश्णोई की तराश है, क्योंकि गैलेक्सी पर शूट आउट, यानि सल्मान के घर के बाहर, �
17:16पहार जाएगा और यहाँ जिसले स्टेट की बिद्स को घर्री विजियो कॉल र fotos करने यहां पार भार जाएगा किसी ह techniques panel सीके हैं
17:35प освheiten क्स एंन रिष्ण को यहां मतलब में इसलार अबर सब्सेकर ने को आपरयाんだ
17:45तो भी उसको यहां लाने का कोई मतलब नहीं है, फिर तो आजाद ही सही है, क्योंकि जो काम वो आजाद रहकर कर रहा है, जेल से भी भई करेगा, बड़ा भाई भी तो भई कर रहा है, तो इसलिए आने वाले वक्त में यह देखना बड़ा इंपोर्टेंट होगा, कि एनाई �
18:15नजर इस पर रहेगी, और जो भी अपडेट होगा, आप पर जरूर पहुंचाएंगे, फिलाल इस कहानी में आजित रहीं, अगले हफते फिर किसी नहीं कहानी के साथ एक बार फिर हाजर हूँगा, तब तक अपना और अपनों का ख्याल रखेगा, और देखते रही आज त
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