- 2 days ago
Jinn Ki Shadi Unki Shadi – Episode 18
The story takes a bold turn in this exciting episode! New mysteries unfold as the jinn world and human world collide. Unexpected twists, emotional moments, and magical secrets make Episode 18 one of the most thrilling chapters of the series.
⭐ Episode: 18
⭐ Genre: Fantasy / Drama / Mystery
⭐ Language: Urdu
⭐ Quality: HD
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⭐ Episode: 18
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Short filmTranscript
00:00मुझे मज़ा आता है अलीग साथ खेल लेगे
00:01इतने रोंदू क्यों बन रहे हो?
00:05यार असे चंगेज चाचा होते है न तुन से चाय का कहता भी इतना मोड हो रहा है
00:08तो मैं बनाते थी हूं दो मिनट में
00:10ने ने तुम पर पहली बहुत वर्क लोड है
00:13चंगेज चाचा को कोई अता पता ही नहीं है
00:16पांच दिन का कहके गए थे साथ दिन हो गए
00:18उनके गाउं में सिंगनल्स नहीं आते हमारी हवेली में सिंगनल्स नहीं आते
00:22कांटेक्ट भी नहीं हो पा रहा है पपा नहीं
00:25असद मुझे नहीं लगता कि चंगेश चाचा आप वापस आएंगे
00:30अरे नहीं नहीं चंगेश चाचा ने बच्पन से पाला है हम दोनों को
00:34अब बाजान के जाने के बाद हम इस्ता तो ही छोड़ सकते हैं न
00:37बैसे भी मुझे लगता है कि हम उन्हें देई के हरे थे
00:41सारा दन वो घर के काम करते थे और फिर हम उनको यहां ले आया सेबों के बीच
00:47भुरा दन आयतल कुरसी और दरूच चरीफ पढ़ पढ़ के शाम तक उनकी जबान अकर जाती थी
00:53अच्छी बात है कि वो अपनी फैमिली और रिष्टदारों के साथ हैं
00:58उनका जतना दल चाय उनको वहां पर रह लेना चाहिए
01:07तहां जा रहे हूं?
01:09मैं चाय बनाती हूं अली और नादिया के लिए भी बना लूँगी
01:12चोलो मैं भी तुम्हारे साथ ही चलता हूं
01:15एक बार फिर से पहली पढ़ो
01:21दो बार तो पढ़ चुका हूं
01:27इक वह भार पढ़ लो ना बार बार पढ़ना अच्छा होता है
01:29हो सकते कोई क्लू हो हम मिस्ट कर रहे हूं
01:31हवेली से दूर हें एहले कबूर हैं जाके उनसे मिल लेना
01:35फातिया भी पढ़ लेना, ढूनने से मिलता है, खोलने से खुलता है, एक को मिला देना, एक को जला देना, इसका क्या मतलब है?
01:53ओ माइ गॉड येस, बेरे जहन में बहुत क्रीजी आइडिया आया है, ऐसा आइडिया?
02:00मेरे जहन में पहले क्यों नहीं आया?
02:01जब मैं घर लेए थी, तो मैं गुगल पे रिसरच की थी, जिसमें पुराने दमाने के क्या क्या तरीके थे, खुफिया तहरीर करने के, वो सब मैंने बढ़ा था
02:09तो फिर?
02:12तो फिर, पहला तो वो तरीका था, फॉस्फफोरिक इंग वाला, ठीक है?
02:15और इसमें एक और था, कि यूनों के अर्ग से तहरीर लिखी जाती थी, और इसमें और भी कुछी जाड़ होती थी
02:22वसे इंपर सी बात है, इस खाली कागस पर जो तहरीर लिखी है, वो कैसे पढ़े, ये बता दो
02:27अली उस कागस को मुंबती की आँच पर गन करने से तहरीर उभड़ती है
02:33ओ माई गॉड़, येस
02:39इसलिए इस पर लिखाए के जला देना
02:43येस
02:44अ, I'm so smart
02:57इसलाम लेकुम जी, ये वालेकुम सलाम
03:05वो माज़र चाहती हूँ, रात के स्पहर आई हूँ, वो मुझे बाबा बदर लिखाए काम था
03:11पीबी, आपने वक्त ठीक चुनाएं, पर मकाम गलत है
03:15क्या मतलब?
03:17ये मतलब ये है कि बाबा जी, इश्चा के नमाज के बाद, अपने दादा हज़र बाबा के मिजार पर हादरी देते हैं
03:23और फिर वही मिजार से मुलेक खानका में साहिलीन की दादरिसी करते हैं
03:27आप वहाँ चली जाएं, इंशाला आपके मुलाकात बाबा बदल ये लिए से जरूर हो जाएगी
03:31कहां है, रास्ता कहां से उबच का?
03:35आपने वो बड़ा कबरस्तान देखा हैं ना?
03:37आँ, आँ, आँ, देखा देखा
03:38उसी के पीछे बाबा जी का मिजार है
03:40और उससे ही मुचस्सिल वो खान का है
03:43आप वहाँ जाकर किसी से भी पूछ लेंगी
03:45तो वो आपको खुद बाबा जी के पाद लेज़े
03:46ठीक हो गया, आँ, शुक्रिया
03:49अर हमसे जलामत दिना कागस को बस गरम करना है
03:59पता है मुझे पागल नहीं हूँ
04:01कुछ नजर आया
04:09हाँ, बस हटाना भी, ऐसी रखना
04:12इल्म
04:16मड़ी दौलत है
04:20ये भी कोई क्लू होगा
04:30ये तावीज, अपने शोहर के सराने, उसके सोने के बाद रख देना
04:58अल्ला ने चाहा तो उसका उससा जाता रहेगा
05:01जाओ पीटा
05:02अल्ला ओलेकुम बाबजी
05:12वालेकुम स्सलम
05:14कैसे आना हुआ पीटा
05:15बाबजी वो एक मसला है मेरा इसलिए हाजिर हुई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई हूई ह
05:45जिनकी ये कहानी है उनकी जबानी है
05:52ढूंड लो किताबों में रंग आसमानी है
05:55उसकी नजरें तुम पे हैं उससे ही चुपानी है
05:59हात में ना आया तो खाक ही उडानी है
06:04तो बहुत ही मुश्किल आली मुझे कुछ समझ में नहीं आरा
06:08मुझे अभी कुछ समझ में नहीं हो रहा
06:10असानी खुशी किसाल में होगी यार
06:15तुम उसके ले इतना परेशान हो रहे हो
06:18उसे तो तुमारी फिकर नहीं है
06:20मैंगे तुमने इसको इतना ढूंडा
06:23उसे भी खुश्श करनी चाहिए तुम्हें खबर देने की
06:28इसी भात की तो परेशानी है
06:30पता नहीं आगर ने उसके साथ क्या सलूक किया होगा
06:33उसे इसकावी भी छोड़ा होगा कि नहीं कि वो मुझसे राब्ता कर सके
06:36तो बहुत मौपक करते है नादिया
06:41यहन्योर करने में फर्क होता है
06:45नादिया खुर्शे मुझसे बहुद मोहबच करती है
06:50वो चाहती तो तुम्हारे साथ कुछ भी बुरा कर सकती थी
06:54उसने तो तुम्हारा तावीष कुछ � कर सकती थी लेकि उसने ऐसा नहीं किया
07:00और उस दिन जब हम लोग हॉस्पिल से वापस आए
07:05तो वो च्छत पर तुम्हारी शकल में कड़ी भी थी
07:07और ऐसे बेहिख करी थी जैसे अभी छलांग लगा देगी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया
07:12क्योंकि वो तुम्हें नुकसान नहीं पहुचाना चाहती
07:15क्योंकि वो मुझे किसी भी किसम की तकलीफ में नहीं देखना चाहती
07:18क्योंकि वो मुझे से मुखबत करती है
07:21मुझे हर हाल में इस तक पहुचना है
07:26मस
07:28मेरा नहीं बनता तो ना बन पर अपना ही बन तो जरा
07:40आप में फरमाया कि वो जिन्जादी और उसका खांदान
07:45शेहर से बाहर एक हावेली पर बसिया रखी हुए
07:48जी बाबजी यह मेरे दामाद के हावेली है
07:53कुछ दिनों पहले मेरे पास एक बच्ची आई थी
07:59वो भी शेहर से बाहर किसी हावेली का जिकर कर रही थी
08:03और बताया कि उसे और उसके शोर को जिन्जाद में किस तरह उसे हावेली मत्याद कर लिया था
08:09जी बाबजी समीरा नाम है उस बच्ची का
08:13मेरे दामाद ने जिकर किया था उसका
08:14समीरा ने तो भीजा मुझे आपके पास
08:17क्या आप भी मेरे तमाम मसलों का हाल निका लेंगे
08:20कुछ कीजिये ना माबजी
08:21मैं आपको बता रही हूँ
08:23उस जिन्जादी ने मेरे दामाद पर जादू कर दिया है
08:26उसके सहर में
08:43उसके क्या पता है इन बातों कैसी तो मैं आपके पास आई हूँ
08:45वो जिन्जाद उस अवेली बाले बहुत चलांके
08:50खास तोर पे वो जिन्जादी
08:52उसने अपनी अदाओं के जादू से
08:54मेरे दामाद पर कपसा कर लिया है
08:56वो बहुत मासूम है
08:58मेरे दामाद अली
08:59वो उसके चितने जोड़ी बातों में आगे है
09:01ये जिन्जाद बड़ी मकार मखनूत है
09:04जूट रवानी से बोलती है
09:06और दोकद ही में
09:08अपना सानी नहीं रगती
09:10मेरे दोचार बारें से वास्ता पड़ा है
09:12मुझे मालूम है
09:13बाबाजी मेरी बीटी ने तो
09:16दुख में घाना भी न भी छूड़ दिया है
09:19ना हसती है ना बोलती है
09:22अगर उसे अलीना मिलाना
09:24तो मेरी बच्ची तो मर जाए ही बाबाजी
09:27अरे बीटा दिल जोटा ना करो
09:30इंशाल्ला हम इसकी जान चुगा देंगे
09:33ये लो
09:43जलादेना ये जली को उसकी हकीПी मोहबत से बिला
09:48देगा आप कहोने वाला दामाद
09:51आपकी बेटी से मोहबत तो करता था ना
09:57वह पापजी करता है मोहबत
10:00वह जब तर्क जिन सादी ने कबजा नी किया था उससे पहले तो नाधी के लाफा कि इस
10:05इसको देखता भी नहीं था, बच्पन में मंगने हुई जुन दनों के
10:07वो इस ललकी से दूर होकर अपनी असली मुहबब से जा मिलेगा, इंशालला, जरूर मिलेगा
10:23इंशालला बाबजी, बहुत शुक्रिया बाबजी, वो मैं आप
10:27ना, ना, ये सब सिचला फिली सबी लिल्ला है, आप जाएए, जजाकर लबाब
10:57नातिया क्या हुआ है, तुम्हे तुम्हे इतनी अदास क्यों हो, कुछ नहीं
11:08सारापी, आप अराम करें न में नाश्ता बनाती है
11:11तुम बात को टालने की कुशिश नहीं करो, मुझे बताओ क्या हुआ है
11:14हाँ?
11:19सारापी, नातिया
11:21सारापी, मुझे ऐसा लग रहा है, कि मैं किसी सलाव के पीछे भाग रही हूँ
11:28अली के दिस से खुशी को कोई नहीं निगा सकता
11:34और मैं तो सिर्फी मुहबब करती, मैं उससे कैसे उसके उसके खुशी चीदो
11:39नादिया, ये मत भूलो कि वो एक जिन है
11:41वो अली की जिन्दगी में खुशी नहीं सर्फ गम लेकर आईगी
11:45तुम्हें अंदाजा नहीं है कि असद कितने परेशान है
11:48वो रातों को कही मरतबा उटकर बैट जाते हैं
11:50वो कभी भी अली को खुशी के करीब नहीं जाने देंगे
11:53तुम्हें क्या करूँ जारा अभी
11:55अली जिस तरह अपनी महबबत का इजार करता है
12:00मुझसे खुशी के लिए मुझसे नहीं बरदाश्ट होता
12:02आप मुझे पताए कि
12:06खुशी मुझसे जादा महबबत नहीं कर सकती अली से
12:10अथियो
12:12तुम्हें पता है कि मैं और ऐसे अब देख सकते हैं तुम जितने कोशचें कर रही हो अली के लिए और हम दोनों इस बात को बहुत अप्रिशेट करते हैं
12:20अरा अली तुम्हें जनत का कोई फाइदा नहीं है
12:23अली क्या हबीली माने से पहले
12:27खुशी से मिलने से पहले
12:29तो इसकी आखो में अपने भी पसंदी देखी थी
12:32अगर अप दोस्ते के लावा कुछ नजर नहीं आता हो जो
12:36मुझे ऐससे ट्वीट करता है जैसे कोई बेर का दोस्त को मैं
12:44इसके लिए हो कुछ भी नहीं है
12:48मैं खुशी से शादी तो नहीं हो सकती ना
12:53मैंने तो आज तक नहीं देखा किसे जिन की इनसान से
12:55शादी होते वे तुमने देखा एस क्या ना
12:57नहीं ना
12:58तो पर जो बात ममकिन ही ने उसके लिए कैसा फिकर्मन्द हो ना
13:01कि जारा प्याहरी तो यह मुम्किन करना चाहता है, बहुँ जाता है, मैटर तो यह करता है कि वह क्या चाहता है, इस सब का क्या फाइद है, अधिया, आओ, नहीं सकते है चंगे साचाओं मैं देखकर आती हूँ,
13:31हेलो, ममा आप यहां, हाँ, क्यों, मैं अपने बच्चे से मिलने के लिए नहीं आ सकती हूँ, आपने बहुत अच्छा कि आँटी, लिकि मसला भूही है कि सवेवी में कुई भी इंसान तावीस के बगएरा यह बात फत्री से खाली नहीं है, उसके तुम बिलकुल फिकर ना कर
14:01मैं अगर उस दिन उसमें जहर ना मिला होता ना मैंने तो पताने कितना सार घालेना था यह तो कुई मसला ही नहीं आइटी, कोर्मा तो जटपड बन साहेगा, नादिया, तुम अपनी मामा को अपने रूम में लेके जाओ, मैं कोर्मा बनाती हूँ, तक्यू सो मच्छ, उठ
14:31यह है, वाट, क्यूं आगई आभी, वह भी बिना तावीज की, तुम्हें नहीं पता, मैं इतना बड़ा माल का माल कर आए, मैंने, बाल कर दी है, मैंने, जा हूँ है, वह पापा बत्रर इस दाम के बास के जी, और वहां से मैं, कहां क्या हूँ, तावीज लिक रहा हूँ, �
15:01जलाने वाला, उन्होंने कहा है, कि इस दावीज को जब हम जलाएंगे, तो अली खुशी की महपत सिखल के तुम्हारी महपत में वह अबतला हो जाएगा, सच में, क्या बाकिया ऐसा हो सकता है, मुमा,
15:27आजे, अली जाग रहो,
15:31जी जी भाई, आई प्लीज,
15:42क्या हुआ, इस सभाजान को खुआप में देख लिया क्या है,
15:50तो पर इतने परिशान क्यों हो, जब खेरिये थे,
15:55उसी की वज़े से परिशान हुए है,
16:01हाँ, मुझे आदाया, समीरा एना उब बता रही थी,
16:06कि इनके तावीस मुद्जादी तोर पर असर करते,
16:09सोचे, जी वक्ती ताला टूट गया था,
16:12उनके तावीस क्या असर से,
16:13जी, और जिप आप इसे जलाएंगे, तो जिन की बच्ची जोगाना मल्यमेट हो जाईए,
16:18पिले ममा, आपका क्या होगा,
16:21अगर उन जिन नात ने आपको नुक्सान पहुचाने के कोशिश की तो,
16:24आप दो दफा बाल बच्ची हैं,
16:26जैसे कुछ नहीं होगा मजे, मेरी फेकर मत करो,
16:29मैंने बस यह माखरिब के वाक जलाना है,
16:31उसके बाद मैं अवेली से निकल जाओंगी,
16:32फिर मैं जाओंगी बापजी के पास,
16:34और मासे तावीज लेख रहांगी अवेली के लिए,
16:36अचा चले आप जाके फ्रेश हो जाओंगी जाओंगी जाओंगी जाके मैं हेल्प करादी हूँ,
16:54तुम जाओ, लब यू
16:59अली प्लीज, इस बात को दिल से निकाल भूया,
17:03जनात के साथ इस किसम का रिष्टा नहीं रखा जा सकता,
17:07इस किसम का क्या, किसी भी किसम का रिष्टा नहीं रखा जा सकता,
17:11यार वो आग से बनी हुई मखलूक है,
17:14और आग का काम चला कर भजन करना है,
17:17अब अच्छी तरह जानते हैं ना,
17:20कि आप मुझे नहीं समझा सकते
17:22खास तोर पे उस वक्त
17:24जब मैं हक परनूँ
17:25अपसे बहुत महबत करता हूँ यार
17:28अपसके बगर जिन्दगी गुजारने के बारे में
17:31सोच भी नहीं सकता
17:32इसलिए प्लीज इस टॉपले पे कोई बात
17:35ना कीजेगा प्लीज
17:37ठीक है लिए
17:42तुम्हारी जिन्गी है तुम्हारे फैसले है
17:46जो तुम्हे ठीक लगता है तुम करो
17:49लेकिन कल को अगर कुछ बुरा हुआ ना
17:52तो मेरे पस रोते हुए मत आना
17:53क्योंकि उस वक्त में दुआई कोई मदद नहीं कर सकूँगा
17:56ठीक यूए ना लव यू
17:59आपकी इतनी सी ज़ब में ना
18:02मेरे लिए बहुत है यार
18:04रहत देखेगा
18:06मसाला मेरे इस वैसले के आपको बहुत खुशी लोगी
18:11अच्छा तो ये सारी पहेलियां
18:15खुशी तक पहुँचने के लिए हल की जा रही थी
18:17है नहीं यार
18:19सिर्फ खुशी तक पहुँचना मेरे मकसद नहीं है
18:21मैं अबाजाम की खुशी भी पूरी करना चाहता हूँ
18:26ये हमारी हवेलिया हम इसके असल मालिक है
18:30आज़र को यहां से जाना होगा
18:32और मुझे यकीन है कि खुशी
18:34इस मकसद में हमारा साथ देगी
18:37तुम्हारा कहने का मतलब है
18:39कि खुशी अपने घरवानों को
18:40इस हवेली से निकालने के लिए
18:42तुम्हारी मदद करीगी
18:44जी
18:44वो मुझे से इतनी ही महपत करती है
18:48नाद्या उटकई होगी
18:56आज हमें हर सुरत चौती पहली हल करनी है
18:58चले आरहो बस
19:02जारा किती अच्छी कुछ भुआ रही है
19:14है ना
19:15बस
19:15सब कुछ डाल दिया है
19:16अब ये डालूँगी
19:17और आपका फेवरिट कुर्मा तयार
19:19तैंक ये सो मट
19:20सुनो नाद्या को भी कुछ सिखा दो
19:22अब हमेशा तुम्हे तो नहीं बोलूँगी ना
19:24कुर्मा बनाने के लिए रही है
19:26बस एक मरतबा अली और नाद्या की शादी हो जाने दे
19:29फिर मैं उसको सब कुछ सिखा दूँगी
19:31हम दोनों और करेंगे क्या जब यहां होंगे तो
19:34दिल तो मेरा भी यही है कि उन दोनों की शादी हो जाए
19:36यह नाद्या तुम्झे कोई और ही कहा नहीं सुना रही है
19:38बता नहीं अंटी
19:40हम तो जन जादी से मिले भी नहीं है
19:43बता नहीं कौन है कैसी है
19:45और हमारे अली बे बता नहीं क्या जादू कर दिया
19:48अरसत तो इस रश्टे के लिए किसी सूरत तयार नहीं है
19:51और मैं अच्छी तरह जानती हूँ कि वो कभी नहीं मानेंगे
19:53हाँ, लेकिन अली की शादी कभी ना कभी तो होनी है न
19:56जिन्जादी से उसका पीछा कैसे चुड़ाओगे तुम लोग
19:59मैंने तो सुनाए जिन्नात अगर किसी के इश्क में मुब्तला हो जाए न
20:03तो बड़ी मुश्कित तो उसका पीछा चोड़ते है या चोड़ते ही नहीं है
20:06तो हम तावीज करवाएंगे? किसी आमल बाबा को बुलाएंगे?
20:10अपको पते हसत कह रहे थे कि हम अली को इस तरह आग में कूड़ने नहीं दे सकते
20:14हम हम हम सारी बात है
20:15परसे हम मेरे पास नहीं खल है इस चीज़ का और मैंने उसके उपर काम भी शुरू किया
20:20तो पता ही ना क्या है?
20:23वो तुम्हे यार है ना समीरा
20:25उसने एक बाबजी से तावीज लिया था
20:27जब इस अवेली के जन्नेर प्याद कर दिया तो उसके शोहर और उसको
20:31तो बस मैंने भी उसी बाबजी से तावीज किया है
20:33और सच ने
20:35तो उसका करना क्या है?
20:37अली को देना है या उस पुशी को बिलाना है?
20:39अरे नहीं बिलाना बुलूना कोई नहीं है
20:41बस हवेली की किसी कोने में जाके उस तावीज को
20:44अली की नज़र से बचके जलाना है
20:46फिर तुम देखना
20:48अली को उसकी सची महबबत मिलने से
20:51दुन्या की कोई ताकत नहीं रोख सकेगी
20:53कोई भी नहीं
20:55सरदार गुल्फान
21:04ये इनसाफ नहीं जल्म है
21:06इतनी जी बात पर मेरे भाई को बस्म कर दिया
21:08हमारे सामने आने की तमीज भी तुम भूंगे उसानो
21:17सरदार क्या हमें सवाल करने का हग भी नहीं है
21:20क्या जुर्म था मेरे भाई का
21:22कि उसने एक इंसान जादी ते महबत की थी
21:25महबत करना जुर्म है क्या ये जुर्म है
21:28जुर्म है ये
21:30यूँकर किसी इंसान से महब्बत नहीं की जा सकती उससे सिर्फ और सिर्फ दुश्मन की जा सकती है बाद
21:39और ये कई हजार नसलों से जीनान कबीले का कानून है और जो बिने कानून तोड़ेगा तो मार जाएगा
21:53सुना तुमने वह नहीं मानता इस कानून को लें ताब नहीं वर्परियत जहानत है अरे मुहब्बत तो मर्दान है नहमत है तो चाहिए किसी से भी हो उस आदमजादी ने भी तो मेरे भाई से मुहब्बत दी थी पांक करो अपनी ये बक्वास देखते क्यों पकड़ना इसको
22:23कर दो में एसाबछे कीर अर्णिन इसको टो कि दुमने म películ एस के पलवाई उने नहीं प्तारी को प्सक्षोट कर दूने बान depos को अर्णिन प्enhे उने मजयादी है व्हां प्सक्य है वहां उने मुप्छलार्य प्हां है रहिंचम झीयाई जिश्व्ण आब की की वहता रहें �
22:53कुछ मिला?
22:55नहीं, इतो तो सिर्भ बरतन है
22:57हटो
23:03बारी तो नहीं थी मैं
23:05लगती नहीं हो लिन काफी बारी है
23:07अब क्या करें?
23:09हवेली में कोई तो किताबों वाली अल्मारी होनी चाहिए
23:13ना?
23:15में तो जगए जगए किताब ये किताब है
23:17सारा किताबों से भराव है
23:19पढ़ते बढ़ते तो थेनी अबबा
23:21लाबेरी के लाबेरी ये खोली है
23:23लगता किताबों कराय पर चलाते थे
23:25वो तो देख लिए हमने, इसके इलावा कुछ बताओ
23:27एक जगह है
23:31एक जगह है वो एंट्रेंस वाली जगह पे किताबों अल्मारी है
23:35वो नहीं देखा ना हमने?
23:37चार चार के दिखते है
23:39आजाओ
23:41मुझे तो यही लगता है कि पहली में अस्मारी रंग के जिल्ट वाली किताब का ही जिकर है
23:46लेकिन हवेली में तो ऐसी कुछ किताब में है हमने तो हर जगह देख लिया यार
23:50तो सोचो अली और कौन सी जगह जहां किताब ही रखी है
23:54शाद वो नीचे वाले बंद कमरे में है
24:00उसे खोलने की कोशिश करें?
24:06नहीं नहीं उसको नहीं को सकते है
24:08तो मैंने अबबाजान को ही जाते पर देखा था
24:10बलकि एक दफ़ा भाई ने कोलने की कोशिश की थी लेकिन भावी ने कसम देके मना कर दिया
24:14उस कमरे के चाबी नहीं मिलती और अब दर्वाजा तो नहीं तोड़ सकते हैं तो और क्या करें?
24:21कोई क्लू नहीं मिल रहा हमें
24:25तीसरी पहली से मिलने माले डबे में जो कागस था उस पर लिखा बता इल्म बड़ी दौलत है
24:32इल्म तो कताबों में होता है तब कोई नेटशेट तो था नहीं
24:39तिमाग पे जोड डालो कोई जगा मिस्कर रहे हैं हम
24:42अधिया एक कमरा है अबेली के पिछले हिस्से में जो आम मेंसे कोई यूज ही नहीं करता है
24:54कोई वहाँ जाता भी नहीं है
24:56मुझे तो कभी ने दिखा है वो कमरा
24:58यार मैं खुद पहली बार गया था अजीब
25:01पुराना सा कमरा है स्टोर टाइप
25:03पुराना समान पड़ा हुए पुराना फरनेचर शायद दादाजान के जमाने का हो
25:07हो सकते है किताब वही कही है हम
25:11चल कर देखते हैं
25:13आ जाएं खाना लग गया है
25:15ठंडा हो जाएगा
25:17यार प्रीज पहले खाना कहा देते हैं उनने भाई ने गुसा करना
25:21को समझेगे मैं खुशी को डूण रहा हूँ
25:23ओके फिर उसके बाद सलते हैं
25:25आज आज आज
25:27आज
25:29आज
25:31आज
25:33आज
25:35आज
25:37आज
25:39आज
25:41आज
25:43आज
25:45आज
25:47आज
25:49तुम्या अकेली क्या कर रही हो
25:54बहाँ जाजम की मासरदार खो बेगम तुम्हारा पूछ रही है
25:58मैंने कह दी अच्छम की चारसो दिन से सोई नहीं है
26:01नेप ले रही है
26:03मैं खुशी के लिए बहुत खौफ़ सदा हूँ
26:05अगर जाजम को पता चल लिया तो तो उसको मार डालेगा
26:08उसे कैसे बता चलेगा
26:10खुशी उसे बताने की बेवकुफी नहीं कर सकती
26:13और हम तो उसे बताने का सोच भी नहीं सकते
26:16लेकिन अगर उसने कोई जजबाती फैसला कर लिया तो
26:20अगर वो खुदकुशी करना चाहे तो हम उसे नहीं रुक सकते हैं
26:24अगर खुशी ने ये बेवकुफी की तो वो अपनी राख खुद बनाएगी
26:29मेरी गलाती बहन है आजर
26:31मैं उसके साथ ऐसा कुछ भी होता हुआ देखकर बरदाश नहीं कर सकती
26:34तो समझाओ उसे नहीं रास्ता है
26:37अगर चासिम को पता चल गया कि हमने खुशी का साथ दिया है
26:43तो वो हमें भी जिन्दा नहीं छोड़ेगा
26:44तुम जानती हो से इनसानों से कितनी नफरत है
26:47खुशी सकता बनतो है ना
27:04हाँ वही है इस लड़के अली का जल से चल कोई बंदबस करना पड़ेगा
27:12ना रहेगा बांस ना बजेगी बांसरी
27:17क्या सुश सुवा जाला कोर्मा बनाया वाँ वाँ मजा गया
27:30ममा यह बेकोई जेवी पुपो वाला कोर्मा नहीं लग रहा हो भी ऐसे बनाती थी
27:33अजिए ना दो उस चुड़ेव का नाम लेकिंगे मुगा थार जाइकर ही खराब कर दिया है
27:37काहां उसका कोर्मा और काहां इसका कोर्मा दर्मा अगर मेरा को बेटा होदा ना इन तो बेचा हैंआब डाइन की मंती ऑंती
27:45जो बहुत आप कोर्मा नहीं बना था पानी ने बुटियां तरहाती थी
27:52हुआ
27:53कौ नहीं
27:54कौ
27:56चौर्छी पलिली किया थरी
27:58मॉम्मा अभी हो में नीले रंकी जंफ वाली किताब की चलाच ए
28:02मीरे रंकी जोल्फ वाली किताब
28:04हुआ
28:04ऐसी किताब तक भा के नहां कि नहीं दखी नहीं हम %
28:07ह taraf
28:07ताली और ब्राउन जुल्दो वाली बहुत सरी किताबे है वेली में पर नीली तो…
28:15ठोटी पहरी दुबारा से पड़ो
28:19पड़ो
28:20पड़ो
28:35जिनकी ये कहानी है उनकी जबानी है
28:40ढून लो किताबों में रंग आस्मानी है
28:45उसकी नगरे तुम पे हैं उससे ही चुपानी है
28:50आप में आया है तो खा क्यों रानी है
28:53आस्माने
28:55लेकिन इसमें कहा जिकर है आस्मानी रंग किताब का
28:58लेकिन आँटी की जो शेर है ना
29:00ढून लो किताबों में रंग आस्मानी है
29:03हो सकता है कि ये आस्मानी किताब की बात ना हो रही हो
29:06वाव, हाथ में बजन तो है, लेकिन वो क्या चीज़ हो सकती है जिसको, जिसका रंग आस्मानी हो और इसको ढूना हो?
29:24मतलब कि क्या चाते थे तुम्हारे वालत साथ, एंड रिजर्ट क्या है, क्या ढूनना है इन पहिलियों को बुझवा के?
29:29तो बिसक लिए यबबाजान ने जो डायरी लिखी ने, उसके मेरे ये जिकर किया हो है, कि इन पहिलियों को सॉल्ट करके हम एक ऐसे हतियार तक पहुंच जाएंगे, जिसकी मदद से हम चिन्नात से लड़ सकेंगे, यानि कि हतियार वो हमारे हथते लग गया, तो इस हवेली को
29:59कोर्मा अच्छा था, यार जारा, क्या मसला है, फिर परिशान बैठी वीव, तुम इतना परिशान रहोगी न, तो हमारी उलाद भी परिशान ही पैदा होगी
30:25सब मुझे एक बात बतानी है आपको
30:27सब ठीक तो है न, तुम्हारी तब यह ठीक है, बीपी तो लो नहीं हो रहा
30:39वो, मैं बिल्कुल ठीक हूँ
30:40मैंने तुम्हे यह बताना था कि परिदा आउंटी समीरा के बज़ोर्ग बाबा के पास कहीं थी
30:46खुशी से जान चुडाने के लिए तावीस देकर आई है, मगरब के बाद जलाना है
30:51भी यह तो बहुत अच्छा हो गया, मैं भी कुछ ऐसा ही सोचाता, शुकर है उन्हाँ खुदी कर लिया
30:56एक प्रॉब्लम है ना इसमें, फरिदा आउंटी के तावीस से अली को उसकी महबत में लेगी
31:03और अली तो नादिया से महबत ही नहीं करता, उटो खुशी से महबत करता है
31:07तो अगर फरिदा आउंटी के तावीस के चक्र में अली खुशी को मिल गया तो
31:12ये तो तुम ठीक कह रही हो
31:16और वो बाबा के तावीज में असर भी बहुत है
31:19मैंने खुद अपनी आँखों से देखा था तैखाने का ताला कैसे तोट के जमीन पर गिरा था तावीज के असर से
31:25हमें जाके भोकना होगा फरीदा आंटी को
31:29हम फरीदा आंटी को ये कैसे बताएंगे कि अली उनकी बेटी से महबत नहीं करता
31:34या जितना मैं जानता हूँ ना नादिया ने खुद ही बता दिया होगा उनको
31:39और वैसे भी वो अपनी अमी से कुछ भी नहीं चुपाती है
31:42तुम्हारा क्या मतलब है कि फरीदा आंटी खुद अपनी बेटी को उसकी महबत से दूर करेंगी
31:47मुझे नहीं पता है आद
31:49चलते हैं जाके फरीदा आंटी से बात करते हैं उनसे पूछते हैं कि उनके दमाग में आखिर चल क्या रहा है
31:54चुदू
31:56नहीं भाई
32:04मैंने अच्छी तरीके से देख लिया है यहां कोई आस्मानी रंकी किताब नहीं है
32:08यारी चौती भाईले ने तो पागल करती है
32:11कोई प्रमी ने मिल रहा
32:14यहीं मुझे लगता है हमें वो कमरा खोलना है पड़ेगा
32:19कम साब
32:20नीचे वाला जो बंद है
32:22जाहरा है सारे हव congressional आखे लिया है
32:24कहीं तो बंद है ये किताब जिसमें हमें हाथ्यार की इनफिविशन मिले
32:29अब तो यह भी नहीं बता कि हत्यार क्या है
32:32नादिया, मैंने तुमें बताया था ना कि हविली के पिछले हिस्से में कमरा जो बंद है, पुराना फ़निचर है, उसमें एक हलमारी है, कुछ किताबे हैं
32:38नादिया, मामा के देर हैं, वो अपने कमरे में तो नहीं है
32:50अपने कमरे तो क्या किसी भी कमरे में नहीं है, जहां जहां भी वो समा सकती थी ना हमने हर को ना देख लिये, कोई अदा पता नहीं है
33:00इसमें पाइं आप लोगों ने किशन में देखा, वो खाने के बाद उनको चाही की तलब होती है, हो सकता है चाही बनारी हूं
33:06यह सही कहरी है, हमने किशन में तोतो नहीं है
33:10आपलों ने इसी इतना परिशान कर दिया आप, चल कर देखते हैं ना
33:13आपर जो मैं वेली के पिछला हसा में आता हूँ गताब देखने है ठीक है ओक्या ओक्या
33:32हो चाँ चाँ चाँ चाँ चाँ चाँ चाँ चाँ चाँ चाँ
33:38हाँ अन्टी आपने ताफी जला भी दिया हाँ और ठीक मखरद से पहले जलाया मैंने क्योग? कमसा है अगर ये ताफीज जलाने से तो अली को उसकी मुAJबत मिलनी है न तो अली तो خुशी से मु� escuchie से मुझत अज्कान तो नाज्या को कैसे मिलेगा वो झ shortly अली नाज्द
34:08नादिया के वाटी करे दो ला आपकी हम नवे मेझे कि और भुत पर शुखने में याजना है
34:12नादिया newyer थे कि अलीक अम्मलर्य गर्म हो हो इस दौछ दे में इस दोने दे से दोग्षभिवित का सनौनिया।
34:17नादिया तो अली के जिंदगी में खुशी से पहले से है ना?
34:20और इसने मुझे खुद बताया था, जब तक वो इस हवेली में शिफ्ट नहीं हुआ था, वो तो नादिया के आगे पीछे परता रहता था
34:27माँ अली के हवेली में शिफ्ट नहीं से दो दिन पहले तो उसे में मिली हूँ
34:30तो पेटा, दो दिन से क्या होता है, एक शकस को दुससे शकस से महबत होने में सिर्फ एक लम�ho लगता है
34:36तो उसमें कॉनसा मुझे पवरे देखती ही भोल दिया था कि उसे मुझे से महपबत हो गई है
34:39जो हर बात कहीं नहीं जाती आइज की लाती आथ कुछ भाते прив आँखों से भी नहीं लेका उसने
34:46अरी नादो, तुमको क्या हो गया है, इतनी पुरानी बात तो नहीं है, तुमने मुझे खुदी बताया था, कि खुशी के मिलने से पहले, अली तुम्हारे साथ घुमा पेरा करता था, तुम लग लांग राइस पे जाते थे, मूवीज देखते थे, आईस्क्रीम खाते थे, �
35:16दोनों की शादी कर देगे, अरे, ठेहरे मुमा पहले, चोटी पहले लिए तु सौल भूने थे, देखो नादो, मैंने बहुत मेनत की है, अब तुम वक्त तो जाया मत करना, ये ना हो के खुशी फिर तुमाही जिन्दगी में गम भरते, कहां डूनों किताबे है, यार,
35:46आए Mुमारे रते, कहां अए Mुमारे जिननों किताबे है, इनका डंए Mुमारे, मत०माइबादी लिए और ओञा किताबे है, आए Mुमारे भ्रून आए Mुमारे, कहां एमीनिका आए Mुमारे जिनने दुमारे, अजのは MILAरे मत कर लोब है.
35:55अए Mुमारे, एsit.
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