बिहार में 243 सीटों की जंग में सत्ताधारी एनडीए ने 202 सीटों पर कब्जा कर लिया.. जबकि पूरा विपक्षी गठबंधन 35 से भी कम सीटों पर सिमट गया. बड़े चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार से अपनी सियासी पारी की शुरुआत की... लेकिन पहले ही चुनाव में उनकी पार्टी जनसुराज क्लीन बोल्ड हो गई. जीत का जश्न मना रहे एनडीए के लिए भी ये चुनाव परिणाम ऐसा है जिसकी उसने भी कल्पना तक नहीं की थी.. आखिर उसे इतनी बड़ी जीत कैसे मिली.. उसे समझना जरूरी है.. एक्सपर्ट एनडीए की इस बड़ी जीत का श्रेय सीएम नीतीश कुमार के उस काम को दे रहे हैं.. जिसने महिलाओं की जिंदगी में बदलाव लाया. इनमें नीतीश कुमार का सबसे बड़ा काम शराबबंदी है.. जिसने परिवारों को उजड़ने से बचाया. शराब बंदी को खत्म करने के लिए नीतीश पर काफी दबाव पड़ा.. लेकिन वो झुके नहीं.. महिलाओं के लिए नीतीश ने जो दूसरा बड़ा काम किया.. वो है पंचायत चुनाव के लेकर सरकारी नौकरियों में महिलाओं को आरक्षण.. इससे महिलाओं को राजनीति से लेकर सरकारी नौकरी तक में बढ़त मिली.. जिससे महिलाएं सशक्त हुईं. बिहार में बच्चियों की शिक्षा में नीतीश के जिस ड्रीम प्रोजेक्ट से क्रांति आई... उसका नाम है मुख्यमंत्री साइकिल और पोशाक योजना.. इस योजना ने बिहार की लड़कियों के प्रति लोगों का नजरिया बदल दिया. 2025 के विधानसभा चुनाव से पहले नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरुआत की.. जिसके तहत कुटीर उद्योग शुरू करने के लिए महिलाओं को राज्य सरकारी की तरफ से 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है.. इस योजना के तहत अगर महिलाएं छह महीने अपने उद्योग को जारी रखती हैं तो उन्हें 2 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद मिल सकती है. नीतीश के काम से बिहार की महिलाएं इतनी प्रभावित हुईं... कि उन्होंने ना सिर्फ चुनाव में जमकर मतदान किया.. बल्कि अपने घर के लोगों को भी नीतीश को वोट देने के लिए प्रेरित किया.. इनमें उन प्रवासी मजदूरों की संख्या ज्यादा है.. जो काम की तलाश में पलायन कर दूसरे राज्यों में गए. विपक्ष ने पलायन को मुद्दा को बनाया लेकिन वो वोटरों के अपने पक्ष में नहीं कर पाए.
00:54The most important work is to protect the people's lives and to protect the people's lives.
01:24शराब बंदी को खत्म करने के लिए नितीश पर काफी दवा पड़ा लेकिन वो जुके नहीं
01:30महिलाओं के लिए नितीश ने जो दूसरा बड़ा काम किया
01:33वो है पंचाय चुनाव से लेकर सरकारी नौकरियों में महिलाओं को आरक्षन
01:38इससे महिलाओं को राजनीती से लेकर सरकारी नौकरी तक में बढ़त मिली जिससे महिलाएं सशक्त हुई
01:44बिहार में बच्चियों के सिक्षा में नितीश के जिस ड्रीम प्रोजेक्ट से ग्रानती आई
01:49उसका नाम है मुख्यमंत्री साइकिल और पोशाक योजना
01:53इस योजना ने बिहार की लड़कियों के प्रती लोगों को नजरिया बदल दिया
02:232025 के विधानसभा चुनाओं से पहले नितीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की शुरूआत की
02:29जिसके तहत कुटिर उद्योग शुरू करने के लिए महिलाओं को राज्य सरकार की तरफ से 10,000 रुपे की आर्थिक मदद दी जाती है
02:36इस योजना के तहत अगर महिलाएं 6 महिने अपने उद्योग को जारी रखती हैं तो उन्हें 2,000,000 रुपे तक की आर्थिक मदद मिल सकती है
02:42नितिश कुमार के काम से बिहार की महिलाएं इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने न सिर्फ चुनाव में जम कर मतदान किया बलकि अपने घर के लोगों को भी नितिश को वोट देने के लिए प्रिरित किया
02:55इन में उन प्रवासी मजदूरों की संख्या जादा है जो काम की तलाश में पलायन कर दूसरे राज्यों में गए
03:00सीम नितिश कुमार के काम के साथ साथ एंडिये की एक जुपता इस चुनाव में निर्णायक साबित हुई
03:06एंडिये ने सीम नितिश कुमार की अगवाई में चुनाव लड़ने का फैसला किया
03:10इस बार चिराग पासवान और उपिंद्र कुश्वा ने तमाम मतविदों को बुला कर एंडिये के साथ होने का फैसला किया
03:16इस चुनाव में माहा कटबंदन की जिस तरह से हार हुई उसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी
03:26आखिर माहा कटबंदन कहां चुग गया अब वो समझने की कोशिस करते हैं
03:31माहागटबंदन के हार के पीछे सीट शेरिंग में देरी और भरोसे की कमी को जिम्यदार बताया जा रहा है।
03:37जिस तरह से सीट शेरिंग का मुद्धा आखरी वक्त तक अटका रहा और सभी पार्टियां जादा सीटों पर दावेदारी करती रही।
03:43इससे लोगों में गलत संदेश गया। हार की दूसरी वजह माहागटबंदन के हवा हवाई चुनावी वादे हैं।
03:49जिस तरह से तेजस्वी ने बिना प्लानिंग हर घर सरकारी नौकरी जैसे वादे कर दिये। वो बात वोटरों को हजम नहीं हुई।
03:56तीसरी बड़ी वजह जंगल राज की छवी है। एंडिये नेताओं ने वोटरों को बार-बार उसकी याद दिलाई।
04:26जिस तरह से माह गटबंदन के दलों ने बिहार में SIR का विरोध किया। उससे वोटरों के बीच गलत संदेश गया। माह गटबंदन पर बांगलादेशी गुसपैटियों की मदद करने का आरोप लगा।
04:56इस चुनाओं को अपने पक्षम करने के लिए प्रशांत के सोन ने पूरी मेहनत की।
05:00लेकिन नितीश कुमार के काम और केंद्र की मोदी सरकार की योजनाओं के आगे वोटरों को कुछ नजर नहीं आया।
05:07लोगों ने नितीश और मोदी का चहरा सामने लाकर इवियम का बटन दबा दिया।
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