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First Night In Islam: निकाह इस्लाम में सिर्फ एक कॉन्ट्रैक्ट नहीं, बल्कि एक पवित्र रिश्ता है —
जिसकी बुनियाद मोहब्बत, भरोसा और रहमत पर रखी गई है। अकसर लोग पूछते हैं — क्या निकाह की रात ही हमबिस्तरी करना ज़रूरी है? और अगर नहीं करते, तो क्या ये शरीअत के खिलाफ है? साथ ही एक और सवाल — पहली रात बीवी से मिलने का सही इस्लामी तरीका क्या है? आज हम कुरान, हदीस और इस्लामिक स्कॉलर्स की राय के साथ यही समझेंगे।


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Transcript
00:00निकाह इसलाम में सिर्फ एक कॉंट्रैक नहीं बलकि एक पवित्र रिष्टा है जिसकी बुनियाद मुहबद, भरोजा और रहमत पर रखी गए हैं
00:11क्योंकि ये शादियों के महीने चल रहे हैं तो लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आता है
00:15कि क्या निकाह की रात ही हम बिस्तरी करना जरूरी है और अगर नहीं करते तो क्या ये शरीयत के खिलाफ है
00:21साथ ही एक और सवाल है कि पहली रात बीबी से मिलने का सही इसलामी तरीका क्या है
00:25आज हम इनी सवालों के जवाब जानेंगे
00:27इसलाम ने शादी को सुकून और रहमत का जरिया बताया है
00:30कुरान की सुरह अल्रूम में अल्ला ने फरमाया
00:32और उसकी निशानियों में से है कि उसने तुम्हारे लिए तुम ही में से जोड़े बनाए
00:36ताकि तुम उनके पास सुकून पाओ और तुम्हारे बीच महबत और रहमत रखी
00:40ये आयत बताती है कि शादी का मकसद सिर्फ शारिरिक रिष्टा नहीं बलकि दिलों का सुकून और महबत है
00:45इसलिए इसलाम में पहली रात का कोई मजबूरी वाला हुक्म नहीं है
00:48इसलाम में ऐसा कोई फर्ज नहीं है कि निका की रात संबंद बनाए जाएं
00:52अगर किसी को शर्म ठकानिया जिजक महसूस हो तो बाद में भी पूरी रजामंदी से रिष्टा निभाया जा सकता है
00:57इसलामिक स्कॉलर का कहना है कि शादी का पहले दिन महबत और अपना पन पैदा करने का होता है
01:01ना कि जिस्मानी जलबाजी का
01:03इसलिए अगर कपल पहली रात सिर्फ बात करें दूआ पड़ें और एक दूसरे को समझें तो वो भी इबादत का हिस्सा है
01:09अब बात करते हैं कि इसलाम में पहली रात बीवी से मिलने का सही तरीका क्या होना चाहिए
01:13रसूल अल्लाव ने फरमाया जब तुम अपनी बीवी के पास जाओ तो बिस्मिल्ला कहो और अल्ला से भलाई की दूआ करो
01:19पहले बीवी से प्यार भई बाते करें उसका हाल पूछें उसे इतमेन दें
01:23नभी सलिख ने अपनी बीवीों से मुलाबार्वात से पहले बात करते थे मुस्कुराते थे और पानी पेश करते थे
01:29इस से भरोसा और सुकुन पैदा होता है
01:30अगर बीवी शर्माती है या एसहज है या अनकमफिटिबल है तो उसका हक है ना कहना
01:35इसलाम में मजबूरी हराम है
01:37रसूल अलाह ने फरमाया सबसे बहतर लोग वो हैं जो अपनी बीवीओं के साथ अच्छा सुलूप करते हैं
01:42अगर दोनों की रसमंदी हो तो नबी ने ये दूआ बताई
01:44इस से शैतान उस अमल से दूर रहता है और उलाद पर रहमत होती
01:53इसलाम सी कहता है कि शादे शुदा जिन्दगी की बाते दूसरों से शेर ना करे
01:57नबी ने फरमाया कि आमत के दिन अल्ला के नजदीक सबसे बुरा वो होगा
02:00जो अपनी बीवी से हमबिस्तरी करे और फिर उसका रास खोल दे
02:04मुफ्ति तारिक मसूत कहते हैं कि पहली रात कोई इम्तिहान नहीं बिलकि एक शुरुआत है
02:07और हर शुरुआत की तरह इसमें मुफ्त सबर और अदब होना चाहिए
02:10समाद में जो फर्स नाइट को लेकर फिल्मी सोच है वो इसलामिक नहीं है
02:13इसलाम कहाता है कि पहले दिल मिलाओ फिर जिसमें
02:16तो दोस्तों इसलाम में निखा के बाद हम बिस्तरी करना जायज है
02:19लेकिन जरूरी नहीं उसी रात सबसे जरूरी है आपसी रजमन्दी, इजाजत और सुकून
02:23शादी का पहला दिन मुहबत की शुरुआत है ना कि जिसमानी इम्तिहान
02:26अगर रिष्टा रहमत से शुरू होगा तो जिन्देगी भर बरकत बनी रहेगे
02:30आपका क्या मानना है कॉमेंट सेक्शन में मिले कर जरूर बताएं वीडियो को लाइक करें शेर करें
02:33और चैनल को सब्सक्राइब करना बिलकुल न भूलें
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