बिहार चुनावों के लिए बेबाक भाषा की स्पेशल ग्राउंड रिपोर्ट में पत्रकार भाषा सिंह ने पटना जिले की दीघा सीट से महागठबंधन की उम्मीदवार, भाकपा (माले) की दिव्या गौतम से बातचीत की और उनके प्रचार को साथ चलकर देखा। एक सेलेब्रिटी जुड़ाव को किनारे रख आखिर कैसे वह जमीनी मुद्दों पर बात कर रही हैं और एनडीए के गढ़ रहे इस इलाके में अपनी पैठ बना रही हैं... #news #latestnews #newsanalysis #groundreport #cpiml #divyagautam #biharpolitics #mahagathbandhan #biharelection #biharvoterlist #digha
00:00किसी के भी लाइट में ऐसा होगा, तो बुरा तो लगता है, हर किसी को बुरा लगता है, लेकिन उसके बाद जिस तरह से लिंचिंग की गई वो सबसे ज़्यादा दुखत थाना.
00:16हमको सबसे पहले लगता है कि मीडिया को उन चीजों के लिए माफी मांगने चाहिए, कि जो उनी ने किया और जो पुलिटिकल पार्टी में उसका इसका इसकामाल किया।
00:46पामाले महागडबंधन की उम्मीद्वार हैं और जब से उम्मीद्वार बनी है, तब से लेकर अभी तक यानि चुनावी प्रचार के अंतिम चरण तक लगातार अपने प्रचार के लिए, अपने भाशनों के लिए, अपने तेज तर्रार अंदाज में एजंडे को आगे �
01:16लड़ेंगी, आपने पतना से चुनाओ, स्टुटेंट यूनियन का तो लड़ा, उसकी भी चर्चा मैंने दिली में बैठके बड़ी सुनी थी, विधान सभा चुनाओ, कभी आपके दिमाग में था कि कभी इस तरह का मौका मिलेगा आपको, देखे, क्योंकि मैं मिडल क्ला
01:46में टिकेट लेते हैं लोग और उसके बाद पैसे बाटे जाते हैं, तो चातर संग के चुनाओ के बाद मुझे ऐसा लगा कि कभी ऐसी जिम्मदारी अगर पार्टी देती है, तो शायद लड़ेंगे, लेकिन जो चुनाओ के खर्चे में देखती थी, तो मुझे लगता था
02:16तो मेरा नहीं है लेकिन मेरे जब हम शुरुआत ही मेरी हुई मतलब एकाड़मी के लिए मां जो कम्मिनिस्ट पॉलिटिक्स है उसको समझने के लिए मैक्सिम गोर्की और भागत सिंह, विया रंबेत कर इन लोगों को मैं पढ़ी सावित्री भाई फुले, जोतिवा फुले
02:46अशुआ अशुआ लगा, तो मैं इसा जुड़ गई और मेरे मन में यह चीज हमेशा रही है जब भी किसी चीज को लेकर के इंजस्टिस मेरे अपने परस्नल लाइफ में भी या एकिसी भी प्लाटफॉर्म पे किसी भी इंसान के ऊपर को इसी तरह का इंजस्टिस मुझे �
03:16इसा मेरा कभी रहा नहीं तो इसी वज़े से कॉलेज टाइम से ही मैं आइसा करती थी और कई सारे जो कॉलेज के इनुवस्टिस में अपने कभी आइडियोलोजी चुपाई नहीं आप जिजिस प्रोफेशन में भी गई कभी ऐसा नहीं रहा कि मोड के रखी हूँ नहीं कभ
03:46लेकिन 2012 में मैं जब चुनाव लड़ रही थी तो मेरे पिता जी बहुत बहुत टेंक्शन में थे कि यह पत्ना विश्विद्याले इस वो जो है गुंडा गर्डी वहां तुम चुनाव लड़ूगी क्या होगा तुम्हारा यह सब इसको लेकर के थोड़ा तो परेशान थे
04:16जादा मुश्किल है या क्या आपका अनुभव रहा अभी जो विधान सभा के लिए आपने चुनाव प्रचार किया देखिए एक ही पटना में जो मेरा तो एक्सपीरियंस रहा था स्टूडंट यूनियन एलेक्शन का लेकिन वहां पे एक पढ़ने लिखने वाले जो तब
04:46उनको समझना होगा उनकी understanding को भी मुझे लगता है कि कई बार हम बोलते तो हैं सुनते कम है सुनना भी बहुत important है यह मुझे लगा कि लोगों के बीच में क्या चीज़े हैं क्या क्या परिशानिया हैं तो cutting across class line cutting across class line हम अलग-अलग तबके के लोगों से मिले और सब के साथ ज
05:16कोई परिशान है employment नहीं है तो यह सारी चीजें जो मैं बहुत करीब से देखी तो मुझे as a person भी बहुत मैं इंडिच हुई सीखा क्या आपने इस चुनाव प्रचार के दोरां जो इससे पहले अगर आप चुनाव ना लड़ती तो आप वंचित रह जाती अगर मैं ऐसी ची
05:46एक साधनन लोगों को चुनाव लड़ना एक तो फंड की मुश्किले और यह सारी चीजें तो है ही साथ में मुझे लगा कि जो लोग हमें नहीं जानते हैं जो लोग बस यह सोच करके कि संगर्ष करने वाली हैं हम उसके कोई relation में भी नहीं लगते फिर भी मेरे उपर इतना
06:16पर कितना भरोसा करते हैं और वह भरोसा तोड़ने का लोग काम करते हैं तो यह मैं सोचती थी मेरे दिमांग में यहीं बात आई कि इतने लोगों के मन में एक एक स्पेक्टेशन है उसको मैं हमेशा जिन्दा रखों अपने अंदर जितने के बाद हम संकल सुर बधाई यात
06:46कि एक संकल्प लिया है इनोंने कि चुनाओ मुझे लगा कि निकल गए होंगे लेकिन आज भी मैं देख रही थी कि पूरा जो गाडियों का काफिला जाना तो उनके बीच इनका साइकल का स्पीड और गाडियों का स्पीड एक सा था तो ऐसे जो लोग है जो जुनूनी लो�
07:16दूर रखा जाता है यह भी तो यंग है दिव्या एक सवाल जो आपके एर्दगिर पहले दिन से चल रहा है कि आपका सुषान सिंग बॉलिवोड एक्टर उनसे रिष्टा इसे आप कैसे देखती है आपकी जो यह पहचान इस तरह से सामने आई कई पहचाने है लेकिन मीड
07:46से मीडिया ने उनके लाइफ को अनके हर चीज को तार-Tार किया था तो लिए इस थी आप लगता है कि इसमें अभी भी कुछ चीज हैं तो हैं बची हुई और लोग एक तो मीडिया का तो यह ए कि उनको एक बाद दसे बाज मिलता है इस से दूसरी चीज यह बहु यह लोह �
08:16लेकिन जो मीडिया ने जो किया उसको अभी तक हम भुला नहीं पा रहे हैं कि 2020 में हम उसी घर में थे जब यह नियूज आता है मेरे फुफा जी वहां मतलब उनके वह सड़ पकर के बैठे हैं और मीडिया इसी तरह से माइक उनके मुह में डाल रही है क्या लगता है क्या हु�
08:46हो रहा था ना तो मुझे बहुत अभी तक वह ट्रॉमा है अगर आप हमसे पूछें तो 2020 के समय में मैं चुपचाप बैठके रो रही हूं आपको कैसा लग रहा है मुझे मेरे चेरे को जूम करके दिखा रहा है या कोई भी आदमे उससे जो रिलेटेड था उनकी जो लिं�
09:16हम अभी तक कभी भी कोई क्वेस्चन कि मुझे पता था कि जैसे ही मेरे मेरे नौमिनेशन होगा ये बात तो आएगी और मैं कया भी नहीं सकती हूँ कि मैं उनकी खजन नहीं हूं मैं हूं उनकी गजन और और यह इस बात से मैं बहुत कमफ़रबल नहीं रहती थी शुरु�
09:46और क्या आपने उसमें मीडिया का प्रतिवाद किया था यह जो पूरी मीडिया ट्राइल किया था आपको मुखा मिल पाया था?
09:53मेरा प्रतिवाद यह बस इतना ही था कि जब भी यह लोग इन चीजों पर मुझे कॉंटाक्ट करने की कोशिश करते था
10:02मैं उतना ही कर सकते थी कि मुझे इन चीजों में शामिल नहीं होना और क्योंकि एक बार चीजें कंट्रोल से बाहर चली जाती हैं तो किसी भी एक इंडिविज्योल के हाथ में नहीं होता कि आप उसको कंट्रोल कर ले वो पूरा जो नारेटिव सेट किया गया वह बहुत बह�
10:32को और जो मेरा परसनल मतलब एक लॉस है वो तो अभी भी भी फील होता है अभी भी जख मारे हैं किसी के भी लाइफ में ऐसा होगा तो बुरा तो लगता है हर किसी को बुरा लगता है लेकिन उसके बाद जिस तरह से लिंचिंग की गई वो
11:02सबसे ज़्यादा दुखत धना वो किसी के कोई भी लॉस में अपनी मां भी मेरी नहीं है 2017 में वो इस दुनिया से चली गई उसके बाद ठीक है हम ठीक हो रहे थे 2020 में ये इंसिडेंट होता है तो भी लेकिन जहां भी जा रहे हैं जब भी जाते थे जहां भी जाते थे यही
11:32कोई भी फोन ओपन करो हर जगा लोग इन ही चीजों के बारे में बात कर रहे हैं इसी चीज के उनके पासनल लाइफ को पूरी तरह से
11:42और मतलब होता है ना कि एक एक राइट तू प्रैविसी आपके पास भी हमारे पास भी है और जो इस दुनिया में नहीं है उसके पास तो और होना ही चाहिए ना कि उनकी लाइफ जो जीके गए जो उनकी प्रैविसी थी उनका भी कोई रिस्पेक्ट नहीं करना तो यह और �
12:12को लेकर के जो उनको तार-तार किया गया वह बहुत-बहुत मुझे दुख है उस बात का जिन्दी में कुछ बोलती नहीं हूं लोग पूछते हैं तो ओविएसली वह मेरे भाई थे मेरे प्रेणा एक इंस्पिरेशन तो है विए थेटर आर्टेस्ट वह मेरे प्रेणा तो है �
12:42परेख सपने देखना यह तो बहुत हिमत का काम है और उनको उसी तरह से याद कर सकते कि कोई भी कोई भी सपने जो है वो पूरे किये जा सकते हैं जैसे अब ही बहुत लोग बोल रहे थे कि इनके पास तो रिसोर्स ही नहीं है यह क्या चुनाव लड़ेंगी तो उनके पास
13:12जहां पर लोग सोच भी नहीं सकते नॉर्मल मिडिल क्लास फैमिली के लोग तो सोच नहीं सकते वहां वहां जाने के लिए वस एक उनके पास एक हमत थी एक पाशन थी एक एक हार्ड वर्किंग थे तो मुझे भी ऐसा लगता है कि हो सकता है सा यह बहुत अच्छी बात आप
13:42और हम पूरी उमीद करेंगे कि आप इस होसले के साथ बिहार विधान सभा तक का सफर अपना और सपना पूरा जरूर करें तांक्यू तांक्यू सो मच तो दिव्या गौतम यानि भागवा माले की इकलोती महिला उम्मिद्वार विधान सभा में अगर पहुशती हैं तो नि
14:12पहुचेंगी किस तरह से संघर्ष किया जा सकता है और किस तरह से संघर्ष में जो चुने चुनाएं सोचे समझे पैरामीटर से उनको तोड़ा जा सकता है इसकी मिसाल दिव्या गौतम ने दी है बड़े पैमाने पर जिस तरह से कवरेज हुई है उनके इस इलेक्शन कैम�
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