00:00हारल कहान्याची
00:02प्रेद
00:05जिन्दगी किस वक्त अपना रोख बदल लेगी ये कोई नहीं जानता
00:10कब फूलों से भरी बग्या उजड़ कर खाक हो जाएगी
00:13कब मैदान बंजर रेगिस्तान हो जाएगा
00:17और कब खुश्यों से भरी जिन्दगी मायूस हो जाएगी
00:20ये कोई नहीं जानता
00:22ये कहानी है कनिश्का की
00:25जिसे अंदाजा भी नहीं था
00:27कि उसके जीवन का अगला पल उसके लिए क्या लाने वाला था
00:30एक एसा अंधिरा
00:32जो हमीशा के लिए उसकी खुश्यों को खा जाने वाला था
00:36ममा तुम कब से तयार हो रही है और कितनी देर
00:39जल्दे चलो ना हम लेट हो जाएंगी
00:41अभी आई लाडो बस दो मिनिट
00:45साड़ी तो पहनने दे
00:46लगता है आप भूल गई है
00:48कि आज मेरी कॉन्वकेशन सेर्मनी है
00:50और मैं फर्स्ट आई हूँ
00:52आज के दिन में लेट नहीं हो सकती ममा
00:55इसलिए तो समय लग रहा है लाडो
00:57जिसकी बेटी फर्स्ट आई है
00:59उसे तयार भी तो फर्स्ट क्लास होना पड़ेगा ना
01:02कनिश का बच्पन से ही पढ़ाई में बहुत तीज थी
01:08हमेशा फर्स्ट आना
01:10एक्स्ट्र करिकुलर अक्टिविटीज में पार्टिसिपेट करना
01:13और अपने घर वालों का नाम रौशन करना
01:16ये सब उसके लिए आम था
01:18हड़बढाते हुए अपने मम्मी और पापा के साथ
01:21कनिश का अपने कॉन्वोकेशन में चली जाती है
01:24I must say Mr. and Mrs. Verma
01:26You are very lucky
01:28जो आपके घर इतनी होनहार बच्ची पैदा हुई
01:32वरना इस मुर में तो
01:34अक्सर लड़के और लड़कियां भटक जाते हैं
01:37पर कनिश का दिन रात अपनी पढ़ाई में लगी रही
01:40और आज उसने हमारे कॉलेश का नाम
01:44पूरे स्टेट में रोशन किया है
01:46स्टेज पर जाकर कनिश का अपनी डिगरी लेती है
01:48उसके लिए आज का दिन बेहत खुशी का था
01:52और वो इस बल को हमेशा के लिए कैद कर लेना चाती थी
01:55जारो तरफ खुशी का माहोल था
01:58तब ही कनिश का की फ्रेंज उसके पास आती है
02:01कनिश का इस बार तो हमें पार्टी चाहिए
02:05हर बार तु बज़कर निकल जाती है
02:07अरी कौन सी मेरी जॉब लग गई है
02:10इतनी भी बड़ी बात नहीं हुई है
02:12अब बस लंदन युनिवर्सिटी में मेरा एड्मिशन हो जाए
02:15तब पार्टी पकी
02:16तुम लोग कनिश का की बाते तो रह नहीं दो
02:19मैं दूंगी पार्टी
02:21आफ्टर आल कॉलेज की डिगरी मिल गई है मेरी बच्ची को
02:24शी इस अग ब्रेजूट नाओ
02:26तो आज रात को मेरे घर पर पार्टी रहेगी
02:29तुम सभी को आना है
02:30रात को सभी पार्टी में आते हैं
02:33सभी बच्चे नाच कूद रहे होते हैं
02:36तब ही कनिश का
02:36खिड की पर जाकर बाहर देखती है
02:39जहां सामने के घर की छट पर बैठी एक औरत
02:42उसे लगातार घुरे जा रही थी
02:44ये मिस्टर शा के गर में
02:47ये औरत कौन है
02:49वो तो अकेले रहते हैं
02:52तब ही वहां कनिश का की फ्रेंड आ जाती है
02:54तू यहां रात को बाहर तारे देख रही है क्या
02:58चलना आज सब कितना एंजॉय कर रहे है
03:01कनिश का नेहा के साथ चली तो जाती है
03:04पर उसे बहुत अजीब मैसूस होने लगता है
03:07मानो कोई सद्यो पुराना दुख
03:09उसके आत्मा को याद आ गया हो
03:11ये अचानक मुझे रोने का मन क्यों कर रहा है
03:15और ये स्मेल कहां से आ रही है
03:18ममी
03:19ममे लगता है कोई पार्टी में नान वेजली आया है
03:22आर ये गौन मैड कनिश का
03:24वी ओल लो कि तुम्हारी फैमिली वेजिटरियन है
03:27तो ये सड़ी हुई मचलियों का गंद कहां से आ रहा है
03:30क्या मजाग है ये
03:32ये कहकर कनिश का जोर जोर से चीखने लग जाती है
03:49और इसके बाद कनिश का का बीहेवियर और भी खराब होता जाता है
03:53रात को तीन बजा अचानक उठकर कनिश का दिवारों से बाते करने लगती है
03:58इसके आवाज सुनकर रीना भागते हुए आती है
04:01हरे बिटा इतनी रात को तुम यहाँ पर क्या कर रही हो
04:05और दिवार को देखकर किस से बात करी हो लाड़ो
04:08कोई नहीं है यहाँ
04:10रीना कनिश का को सीने से लगा लेती है
04:12कनिश का का शरिर बहुत गरम था
04:15रीना यह देखकर सूच में पढ़ जाती है
04:17आज तक मेरी बच्ची ने कभी ऐसा बिहेव नहीं किया
04:21आज क्या हो गया है इसे
04:23शाम तक तो बिलकुल ठीक थी
04:25और अब अचानक इतना तेज बखार
04:28यह सब क्या हो रहा है
04:30रीना भाग कर धर्मो मीटर लाती है
04:33और कनिश का का टेमपरेचर चेक करती है
04:35पर उसका टेमपरेचर बिलकुल नार्मल था
04:38रीना अपनी बेटी के साथ ही सोचाती है
04:48और अगले सुबर डॉक्टर को बिलाती है
04:51पर डॉक्टर के टेस्ट के बाद भी
04:53सब कुछ नार्मल ही निकलता है
04:55अब यह क्या नया लफड़ा आ गया है
04:57एक और नया खर्चा
04:59यह क्या कह रहें आप
05:01जब तक कनिश्का टॉपर थी
05:03तब तक आपकी बेटी थी
05:05और आज बेचारी बच्ची तकलीफ में है
05:07तो यह सब कहने लगया आप
05:08रीना और गौतम में बहस हो जाती है
05:12गुस्से में गौतम घर से बहार निकलता है
05:14जहां उसे पता चलता है कि
05:16मिस्टर शा अब नहीं रहे
05:19वो घर आकर
05:21कनिश्का के पास बैठी रीना को
05:22इस बात की खबर देते हैं
05:24जिससे सुनते ही अब तक सोई कनिश्का अचानक
05:27मुस्कुराने लगती है
05:28और भागती हुई अपनी अलमारी खोलती है
05:30और सारे सामान को बाहर बिखिर देती है
05:32क्या ढूंड रही है बिटा
05:34मुझे बता लाडो
05:36इतने में कनिश्का के हाथ कैंच ये लग जाती है
05:39जिससे लेकर वो अपने सर के सारे बाल काटने लगती है
05:42मिल गया
05:44ममा मिल गया
05:46यह यह क्या किया तुने
05:51अरे क्या हुआ है लाडो तुझे
05:53मुझे पता
05:54तुने कल से कुछ खाया भी नहीं
05:56कुछ खा ले बिटा कमसोर हो जाएगी
05:59पेट भर गया है
06:01कितनी उल्टी अभी की मैंने
06:04पुरे के पुरे शाह को खा कर बैठा हूँ मैं
06:07खा कर बैठा हूँ?
06:08ये सब क्या कह रही है तु?
06:12बात्रूम में जा कर देख ले
06:14रीना बात्रूम में जाती है
06:19जहां भी इजिन में नीले रंग की उल्टी थी
06:21जिसमें मांस के टुकड़े थे
06:23जिसे देख कर रीना को भी उल्टी आने लगती है
06:25वो भाग कर वापस कनिश्का के कमरे में आती है
06:28सुनिये जी
06:29हमें जल्द से जल्द कनिश्का को किसी पंडी जी के पास ले जाना होगा
06:33यह कुछ और ही है
06:35आज के जमानी की होकर
06:37तुम यह सब क्या कह रही हो
06:39ऐसा कुछ नहीं होता
06:41गौतम अपनी पत्नी की बात को इगनौर कर देता है
06:44इसी तरह दिन बीटने लगते है
06:46भूखी रहने के कारण अब कनिश्का के शरिर के हड़ियां भी दिखने लगती है
06:50उसकी आँखों के नीचे काले गड़े आ चुके थे
06:53आप मैं किसे के नहीं सुनूगी, बहुत हुआ
06:56रीना अपनी जान पैचान के एक पंडिच जी को अपने घर पर लेकर आती है
07:01जो कनिश्का के हालत देख कर ही समझ जाते है
07:04बच्ची की हालत बहुत खराब है
07:07इसे मैं नहीं संभाल पाऊंगा
07:10ये मेरे गुरुजी ही कर सकते है
07:12जो कुछ ही दिन पहले साधना के लिए हिमाले जा चुके है
07:17रीना हर तरफ हाथ पैर मारती है के कहीं कोई रास्ता दिख जाए
07:21फिर उसे घोस्ट कैचर की बारे में पता चलता है
07:25डोपते को तिनकी का सहारा समझ
07:28रीना उनकी टीम को भी अपने घर पर बुला लेती है
07:31और वो लोग कनिशका से पूछताज शुरू कर देते हैं
07:36क्या आई हो तुम और कौन हो
07:38कितो के नाम बताओ
07:40मतलब तुम एक से ज्यादा हो
07:44एक से ज्यादा हो इस लड़की के शरीर में
07:47कनिशका की बात सुन
07:59वहां मौझूद सब लोग हैरान रह जाते हैं
08:02उसके शरीर में बसे इन प्रेतों को निकालना
08:05अब किसी के बस में नहीं रह गया था
08:07उसी शाम कनिशका के मृत्य हो जाती है
08:11जिसका सदमारीना बरदाश नहीं कर पाती और सब को छोड़
08:15अपनी बेटी के साथ हुए इस हाथ से की पीछे की वज़य का पता लगाने निकल पड़ती है