केदारनाथ धाम के कपाट 23 अक्तूबर को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल के लिए बंद हो गए. मुख्यमंत्री धामी सहित 10 हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस पल के साक्षी बने. इसके बाद केदार की पंचमुखी डोली सेना के बैंड के साथ पहले पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हो गई. ये पंचमुखी डोली शुक्रवार 24 अक्टूबर को रामपुर से विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पहुंचेगी और फिर शनिवार 25 अक्टूबर को गुप्तकाशी से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंच जाएगी.चारधाम यात्रा में इस साल रिकॉर्ड 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं. वहीं केदारनाथ पहुंचने वाले भक्तों की संख्या 1768795 रही. 2024 में 1652760 श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए थे. पिछले साल की तुलना में इस साल लगभग सवा लाखा ज्यादा लोग केदारनाथ पहुंचे. वहीं सीएम धामी ने देश के तीर्थयात्रियों से शीतकाल में भी उत्तराखंड के विभिन्न धार्मिक स्थलों पर आने की अपील की.उत्तराखंड के चार प्रमुख धामों में एक और धाम यमुनोत्री मंदिर के कपाट भी बंद हो गए. इस मौके पर धाम मां यमुना के जयकारों से गूंज उठा. इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति डोली यात्रा के साथ खरसाली गांव के लिए रवाना हुई. अब अगले 6 महिने भक्तों मां यमुना खरसाली गांव में दर्शन देंगी.उत्तरकाशी के गंगोत्री धाम के कपाट 22 अक्टूबर को बंद हुए. अन्नकूट पर्वत पर अभिजीत मुहूर्त में सुबह 11 बजकर 36 मिनट पर पूरे विधि विधान के साथ ये कार्यक्रम हुआ. तीर्थ पुरोहितों ने मंदिर में विशेष पूजा की. इस दौरान बड़ी संख्या में सेना के जवान वहां मौजूद रहे.
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