पूरे देश के साथ छत्तीसगढ़ के सरगुजा में आदिवासी समाज के लोगों ने भी दीवाली मनाई, हालांकि इन लोगों की दीवाली औरों से थोड़ी अलग होती है. मांझी समाज के लोग दीपावली पर गाय और बैलों को हंडिया वाली शराब पिलाते हैं और खुद भी पीते हैं. यहां दीवाली की तैयारी 8 दिन पहले ही शुरू हो जाती है.. लोग अपने घरों की सफाई करते हैं.. दीवारों को मिट्टी और जमीन को गोबर से लीपते हैं.. इनकी दीवाली एकादशी से अमावस तक जारी रहती है. हंडिया शराब को लोग राइस बीयर के नाम भी जानते हैं. चावल को पकाकर जंगली जड़ी-बूटी मिलाई जाती है. इसके बाद उसे कई घंटे तक ढककर रखा जाता है.. और फिर उसका इस्तेमाल किया जाता है.
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