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  • 1 hour ago
सवाईमाधोपुर. जिले के अधिकांश निजी स्कूल संचालक आरटीई की लंबित राशि के कारण गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। हालात यह है कि बीकानेर शिक्षा निदेशालय से पुनर्भरण की राशि अटकी है। यहां से बजट जारी नहीं होने से निजी स्कूल संचालक परेशान है। ऐसे में इस बार उनकी दिवाली फीकी की मनेगी।

सत्र 2024–25 समाप्त हुए छह माह बीत चुके हैं, लेकिन सरकार की उदासीनता के चलते अब तक भुगतान नहीं हुआ है। दीपावली जैसे त्योहार पर वेतन न मिलने की स्थिति में स्कूलों की दिवाली फीकी पड़ने की आशंका है। जिले के 707 निजी स्कूलों में शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत पढ़ रहे करीब 65 हजार बच्चों की फीस पुनर्भरण बकाया है।
साढ़े आठ करोड़ से अधिक राशि बकाया
स्कूल शिक्षा परिवार से मिली जानकारी के अनुसार एलिमेंट्री सेटअप में 4.60 करोड़ और सैकेंडरी सेटअप में 4 करोड़ की राशि लंबित है। वेतन न मिलने से कर्मचारियों की दीपावली फीकी होने की आशंका है। किराए के भवनों में संचालित स्कूलों को भवन मालिकों की ओर से भी दबाव झेलना पड़ रहा है। उधर, दोनों जिला शिक्षा अधिकारियों ने कई बार बजट की डिमांड भेजी है, लेकिन सरकार ने अब तक स्वीकृति नहीं दी। यदि दीपावली से पूर्व भुगतान नहीं हुआ तो निजी स्कूल संचालक सरकारी योजनाओं में सहयोग नहीं करेंगे और वर्तमान सत्र के भौतिक सत्यापन का बहिष्कार करेंगे।

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25 फीसदी सीटों पर होता है प्रवेश
आरटीई के तहत निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक दृष्टि से कमजोर व अक्षम बच्चों का नि:शुल्क प्रवेश होता है। प्रवेश के बदले राज्य सरकार निजी स्कूलों को प्रति बच्चे के हिसाब से पुनर्भरण राशि जारी करती है।
तीन बार हो चुका सत्यापन
आरटीई के इन बच्चों का सत्यापन तीन बार हो चुका है। पहला सत्यापन इनके स्कूल में प्रवेश के बाद हुआ तो दूसरा सरकारी स्कूलों में प्रवेश की सूचना पर हुआ था। दूसरी बार सत्यापन के बाद भी शिक्षा विभाग संतुष्ट नहीं हुआ तो पिछले साल सीबीईओ से फिर तीसरी बार सत्यापन करवाया गया लेकिन तीन सत्यापन में सही पाए जाने पर भी अभी उनकी पुनर्भरण राशि जारी नहीं की गई है।
निजी स्कूल संचालकों में रोष
निजी स्कूलों में बीते तीन साल से पुनर्भरण की बकाया राशि नहीं आने से संचालकों में रोष बना है। गत दिनों जिले के निजी स्कूल संचालकों ने पुनर्भरण राशि की मांग को लेकर जिला कलक्ट्रेट के समक्ष विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं जिला कलक्टर व प्रारंभिक व माध्यमिक जिला शिक्षा अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा था। हर बार उनको बजट नहीं आने का हवाला दिया जा रहा है।
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इनका कहना है...
जिले में गत सत्र का एलीमेंट्री सेट अप का 70 प्रतिशत स्कूलों का एवं सैकेंडरी सेटअप में 40 प्रतिशत स्कूलों की आरटीई की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। अगर दीपावली से पहले आरटीई की राशि का भुगतान नहीं होता है और निजी स्कूलों की दिवाली फीकी रहती है तो कोई भी निजी स्कूल सरकारी कार्यों एवं योजनाओं में सहयोग नहीं करेगा। वर्तमान सत्र के भौतिक सत्यापन का बहिष्कार होगा। अंता विधान सभा उप चुनाव में प्रत्याशियों एवं सरकार का प्रचार करने वाले नेताओं को काले झंडे दिखाए जाएंगे।

दिलीप शर्मा, जिलाध्यक्ष, स्कूल शिक्षा परिवार सवाईमाधोपुर
कई बार लिख चुके पत्र
पुनर्भरण राशि की मांग को लेकर बीकानेर शिक्षा निदेशालय को सात बार पत्र लिख चुके है लेकिन अब तक बजट जारी नहीं किया है। बजट आते है स्कूलों में राशि का भुगतान किया जाएगा।

देवीलाल मीणा, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक, सवाईमाधोपुर

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