सवाईमाधोपुर. जिले का अमरूद अब केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि पहचान भी बनता जा रहा है। जिला कलक्टर कानाराम की पहल पर कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजना के तहत सवाईमाधोपुर के 30 कृषकों और 2 अधिकारियों को लखनऊ स्थित केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में सात दिवसीय अंतरराज्यीय प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है।
इस प्रशिक्षण में आधुनिक फल उत्पादन, पादप सुरक्षा और मूल्य संवर्धन की वैज्ञानिक तकनीकों से किसानों को रूबरू कराया जा रहा है। उपनिदेशक कृषि एवं परियोजना निदेशक अमर सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को उत्पादन, तुड़ाई उपरांत प्रबंधन और प्रसंस्करण की नवीनतम विधियों से परिचित कराना है, ताकि वे अपने खेतों में इनका प्रयोग कर सकें और अन्य किसानों को भी प्रेरित करें। प्रशिक्षण दल का नेतृत्व उप परियोजना निदेशक अनुपम गोयल कर रहे हैं, जबकि सहायक कृषि अधिकारी झबरूलाल मीना प्रभारी के रूप में साथ हैं। सहायक कृषि अधिकारी विजय जैन ने बताया कि यह प्रशिक्षण किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा और जिले में आधुनिक फल उत्पादन को नई दिशा देगा। संस्थान की ओर से सवाईमाधोपुर के लिए अमरूद की नई किस्में सीआईएसएच ललित, श्वेता, धवल और लालिमा विकसित की गई हैं, जिनकी औसत उपज 90 से 100 किलोग्राम प्रति पौधा है।
अमरूद की सघन बागवानी पर विशेष ध्यान संस्थान के प्रशिक्षण प्रभारी सुशील कुमार शुक्ला और विशेषज्ञ वैज्ञानिकों ने अमरूद की सघन बागवानी, स्पेलियर विधि, कांट-छांट, तुड़ाई और खाद-उर्वरकों के संतुलित उपयोग पर विस्तार से जानकारी दी। इन तकनीकों से कम क्षेत्र में अधिक पौधे लगाकर उच्च गुणवत्ता की उपज प्राप्त की जा सकती है, जिससे उत्पादन और आय दोनों में वृद्धि संभव है।
पंच गौरव में शामिल हुआ फल उद्यान विभाग के उप निदेशक चन्द्र प्रकाश बढ़ाया ने बताया कि सवाईमाधोपुर में अमरूद को पंच गौरव में शामिल किया गया है। ऐसे में यह प्रशिक्षण जिले के लिए विशेष महत्व रखता है। इससे अमरूद की ब्रांड पहचान को मजबूती मिलेगी और किसान वैज्ञानिक प्रसंस्करण व विपणन की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।
Be the first to comment