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  • 2 weeks ago
This is a true and heart shaking Islamic story!

Hazrat Muslim Bin Umar (RA) met a grave digger who shared a shocking incident that changed his entire life…

✅ One poor but pious man
➡ His grave became a garden of Jannah!

❌ One rich but sinful woman
➡ Her grave was full of fire, snakes and severe punishment!

This story reminds us:
• Money and status don’t matter
• Only Taqwa and good deeds matter
• The grave can become Jannah or Jahannam

🕋 Let’s repent before it’s too late…
May Allah grant us a beautiful grave. Ameen 🤲

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Transcript
00:00He's got sain who died in his eyes,
00:02just friends,
00:03and friends.
00:06So,
00:06he and Savior,
00:08a prophet of the people.
00:10He's got one day home around the world.
00:12He's got one day to visit his head.
00:14He had one of his head.
00:15He thought,
00:16his body was born.
00:17His body was born.
00:19His body was born.
00:22He was born.
00:22His body was born.
00:24He was born.
00:25He has born.
00:26He was born.
00:27He was born.
00:28
00:29
00:58He asked for a question, Baba Ji's face came out.
01:02He asked for a question, Baba Ji's face came out.
01:05He asked for a question, Baba Ji said,
01:08Baito, Mere Paas Baito, Mere Paas Baito, Mijn Tumhye Eek AeSa Dardanaak Vaqiyah Sunaata Hoon,
01:15Jishe Mijnne Aapnee Aankhon Se Dekha, Jou Mere Zindagi Ka Sab Se Bada Jhutka Tha.
01:20Baba Ji Bolae, Ki Pahle Mane Bhi Gunaaho Bhari Zindagi Guzar Raha Tha,
01:24Lekin Jabse Voh Manzor Dekha Hai, Mere Dil Ki Duniyah Badal Chukhi Hai.
01:28Mijnne Aapnee Rab Se Satchi Tawbah Kar Lui Hai.
01:31Mere and Guri Gunaahe,
02:01Like, when the young people around the world, there was a strange feeling that they had an strange feeling like they had the smell of scar.
02:10But like, they had a strange feeling like a monkey in the side.
02:16Baba Ji, they say that their eyes were in their own eyes and out of the floor, like a bee.
02:24जैसे जैसे जमीन खोते जा रहे थे वैसे वैसे कबर की गर्मी में अजाफा होता जा रहा था
02:30हैरान थे क्योंकि सैनकडो कबरें खूद चुके थे मगर ऐसा मनजर कभी न देखा
02:35उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे दोजख की सारी खड़कियां उसी कबर की तरफ खुल गई हूँ
02:41खैर किसी की कबर थी उन्हें तो अपनी मजदूरी से मतलब था बड़ी मुश्कित से वो कबर मुकम्मल की
02:48पास ही एक दर्खत था उसके साय में जाकर बैठ गए
02:52मुसलसल इसी कबर के बारे में सोचते रहे कि उसमें आखिर दफन कौन होगा
02:56बाबा जी कहते हैं इसी वक्त आसमान से दो सवार नाजिल हुए
03:01एक कबर के सुरहाने खड़ा हुआ और दूसरा पाउं की तरफ
03:04सुरहाने खड़े सवार ने दूसरे से कहा लिखो
03:07पाउं वाले ने पूछा क्या लखो
03:10उसने कहा जितनी तुम्हारी नजर जाती है इस हद तक कबर को वसिया कर दो
03:15खड़ा कर दो
03:16उसने लख दिया
03:18फिर दोनों दूसरी कबर पर आये वही कबर जिसमें गर्मी और अजाब के आसार थे
03:24वहाँ भी एक सवार सरहाने दूसरा पाउं की तरफ खड़ा हो गया
03:29अब सिरहाने वाले ने कहा लिखो
03:32तो दूसरे ने पूछा कितनी खुली करूं
03:36उसने अपनी शहादत की अंगली और अंगूठे के दर्मियान जितना फासला होता है
03:40इतना सा फासला देखा कर कहा
03:42बस इतनी सी खुली कर दो
03:44दूसरे सवार ने वैसा ही लिख दिया
03:47फिर वो दूनों सवार आसमान की तरफ ओड़ गए
03:50बाबा जी कहते हैं कि वो सारा मनजर मैंने अपनी आँखों से देखा
03:54दिल कांप कया
03:55अब शद्दत से इंतिजार करने लगा
03:58कि इन कबरों में कौन दफन होगा
04:00थोड़ी ही देर बाद एक जनाजा कबरिस्तान में दाखिल हुआ
04:03इस मियत के साथ सिर्फ आठ लोग थे
04:06उन्होंने वही पहली कबर खरीदी
04:08जिसे हद निगाह तक खोला गया था
04:11दफन के बाद बाबा जी ने उनसे पूछा
04:13ये कौन शख्स था
04:15इतने कम लोग जनाजे में क्यों आए
04:18तो उन्होंने बताया कि ये हमारे महले का सबसे गरीब आदमी था
04:22इतना गरीब कि हमने चंदा इकठा करके
04:25उसके कफन दफन का इंतिजाम किया है
04:28किसी ने उसकी परवाह नहीं की
04:30क्योंकि वो ये गरीब था
04:31बाबा जी ने पूछा
04:33उसकी जिन्दगी कैसी गुजरी
04:35इन लोगों ने बताया कि ये आदमी बेशक गरीब था
04:38लेकिन सजदों का गरीब नहीं था
04:41तोहजद गुजार था
04:42दुरूद पढ़ता था
04:43नेक सेर्थ, बाखलाक, नर्म गफ्तार
04:46और बहुत ही पाक दिल इनसान था
04:48रातों को रौता था, दुआएं मांगता था
04:50दिन को रोजे रखता था
04:54नभी करीम पर दुरूद पढ़ना उसकी आदत थी
04:57बाबा जी कहते हैं
04:58मैंने जब उसकी नेकी की जिंदगी के बारे में सुना
05:01और फिर उसका जनाजा और कब्र का मनजर याद आया
05:04तो अपनी मजदूरी वापस कर दी
05:06कहा मुझे भी उस नेक अमल में शरीक कर लो
05:10थोड़ी देर बाद दूसरा जनाजा आया
05:13और ये वही कब्र थी जिसमें गर्मी थी
05:15अजाब के आसार थे
05:17जनाजा बहुत बड़ा था
05:19लोगों का हुजूम था
05:21सियासत दान, विजरा
05:23हर बड़े शख्स की शरकत थी
05:25कब्र इस औरत के लिए
05:27खरीदी गई जो एक बड़े
05:29अमीर शख्स की बेवी थी
05:30बाबा जी कहते हैं, मैंने उसके
05:33शवहर से पूछा, आपकी बीवी की
05:34जिन्दगी कैसी थी? लोग मुझे रोकने लगे
05:37अरने लगे, कहा
05:40तो कौन होता है पूछने वाला?
05:43लेकिन इस औरत का शवहर
05:44आगे बढ़ा, मुझे एक तरफ ले गया
05:47कहा, तो सच बोल रहा है
05:49जो कुछ तोवों ने देखा है
05:50वो हकीकत है
05:52उसने रूते हुए बताया
05:54कि मेरी बीवी बहुत खूबसूरत थी
05:56मगर बहुत बेहाया थी
05:58मेरी गैर मौजूदगी में
06:00गैर मर्दों से छिपकर मिलती थी
06:02गुरूर, मैं रहती थी
06:03शोहर की नाकदरी करती थी
06:05तकबर करती थी
06:06मुझसे बद्तमीजी करती थी
06:08दीन से दौर थी
06:09बाबा जी कहते हैं
06:11मैं सुनता रहा और सोचता रहा
06:13एक घरीब, मगर नेक शख्स को
06:15अल्ला ने कैसी कबर दी
06:16और एक मालदार, मगर बदकरदार
06:19और ओरत को कैसा अंजाम मिला
06:21सदका जारिये समयते हुए
06:22वीडियो को लाइक और शेर कर दे
06:24और जोग टीवी को अभी सब्सक्राइब कर ले
06:26ताकि हमारी नहीं आने वाली वीडियो आप तक पहुँच सके
06:28इमेंट में अपने राए ज़रूर दे
06:30मिलते हैं अगली वीडियो में तब तक के लिए
06:32अलाहाफिस
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