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The Forgotten Temple – भूला हुआ मंदिर

In the dense Nilgiri forests of Tamil Nadu lies a forgotten temple — cursed, abandoned, and feared for centuries. Those who dare to enter never return the same.
When a young journalist, Raghav, sets out to uncover its truth, he awakens something that was never meant to be disturbed.
A tale of greed, guilt, and redemption — “The Forgotten Temple” will make you question what’s truly haunting you: ghosts or your own conscience?

तमिलनाडु के नीलगिरी जंगलों में एक भूला हुआ मंदिर है — श्रापित, वीरान और रहस्यमयी।
कहते हैं, जो उसमें प्रवेश करता है, वह कभी पहले जैसा नहीं लौटता।
जब एक पत्रकार राघव उसकी सच्चाई खोजने जाता है, तो वह उस अंधकार को जगा देता है जिसे छेड़ना नहीं चाहिए था।
यह कहानी है लालच, पाप और प्रायश्चित की — “भूला हुआ मंदिर” आपको सोचने पर मजबूर कर देगा कि डर आत्माओं से है या अपनी अंतरात्मा से।

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Transcript
00:00तमिल्नाडू के घने निलगिरी जंगलों के पास बसे एक छोटे से गाव में एक पुरानी किमवदंती प्रचलित है।
00:16कहा जाता है कि जंगल के भीतर एक प्राचीन मंदिर है जो सदियों से श्रापित और विरान पड़ा है।
00:22लोग कहते हैं कि जो भी उस मंदिर में जाता है वह कभी वैसा नहीं लोटता।
00:28लेकिन जिग्यासा और साहस अकसर इन कहानियों को अनसुना कर देते हैं और या कहानी एक ऐसे ही युवक्की है राघव की।
00:36राघव चिन्नेई का एक युवा पत्रकार हमेशा एक अध्भुत कहानी की तलाश में रहता था।
00:42जब उसने गाउ में अपने दादी से उस श्रापित मंदिर के बारे में सुना तो उसकी जिग्यासा जाग उठी।
00:49गाउ के बुज़ुर्गों ने उसे चेतावनी दी, वह मंदिर सिर्फ श्रापित नहीं है, वह जिन्दा है, वह लाल्चियों को सजा देता है।
00:59राघव ने इन चेतावनीयों को अंधविश्वास मानकर नजर अंदास कर दिया।
01:04उसने तै कि वह उस मंदिर तक जाएगा, उसकी सच्चाई को उजागर करेगा और अपनी अगली बड़ी रिपोर्ट तयार करेगा।
01:11अपने इस मिशन के लिए उसने अपने मित्र अर्जुन, एक फोटोग्राफर और काव्या, एक इतिहास की जांकार को साथ लिया।
01:20तीनों ने मिलकर घने निलगिरी के जंगलों की ओर सफर शुरू किया।
01:24रास्ते में हर तरफ सन्नाटा और डरावना महौल था, लेकिन राघव के होसले बुलंद थे।
01:30कई घंटे की पैदल यात्रा के बाद, उन्होंने उसे देखा, वह प्राचीन मंदिर।
01:36वह खंडेहर जैसा लग रहा था, चारों और पेडों और जाडियों से घिरा हुआ।
01:41मंदिर के स्तंभों पर बेले चड़ी हुई थी और दीवारों पर अजीब आकृतिया उकेरी गई थी।
01:47मंदिर के प्रवेश्टवार पर एक तूटी हुई मूर्ती थी, जिसमें देवी के क्रोधित स्वरूप की जहलक मिल रही थी।
01:54राघव ने दरवाजे को धक्का देकर खोल दिया।
01:57अंदर एक अजीब सी ठंडक थी।
02:00दिवारों पर बनी चितरक थाओं में पूजा, बलिदान और खून के द्रिश्य उकेरे हुए थे।
02:06मंदिर के बीचुम बीच काली देवी की विशाल, लेकिन क्षतिग्रस्ट मूर्ती खड़ी थी।
02:11काव्या ने दिवारों पर लिखे शिलालिखों को पढ़ना शुरू किया।
02:16उसने बताया, यह मंदर तब छोड़ा गया जब एक अनुष्ठान गलत हो गया।
02:21पुजारियों ने देवी का आशिरवाद बुलाने की कोशिश की थी, लेकिन उन्होंने कुछ अंधकार में शक्तियों को जगा दिया।
02:28उधर अरजुन को वहां का माहौल असहज लग रहा था।
02:31उसने वापस लोटने की बात कही, लेकिन राघव ने उसे डाटते हुए कहा, यह वही है चो मैं खोज रहा था।
02:39रात होते होते जंगल अजीब औगरीब आवाजों से गुझने लगा।
02:43तीनों ने मंदिर के पास ही देरा डालने का फैसला किया ताकि आसपास के वातावरन को रिकॉर्ड किया जा सके।
02:50रात के बीच में काव्या ने सुनी, कोई धीमी धीमी आवाज में तमिल में उसका नाम पुकार रहा था।
02:56घबरा कर वह उठी तो देखा कि उसके हाथ पर अजीब से प्रतीक खुदे हुए हैं, जो हलके हलके चमक रहे थे।
03:03डर कर उसने अरजुन और राघव को जगाया।
03:07राघव ने इसे उसकी मन का भ्रम कहकर मजाक में उड़ा दिया।
03:11लेकिन अरजुन जो अपनी ली गई तस्वीरे देख रहा था, अचानक चौंक गया।
03:16उसने राघव को एक तस्वीर दिखाई।
03:19उसमें देवी की मूर्ती के पास एक साया खड़ा था, जिसकी आँखें खाली और डरावनी थी।
03:25राघव ने जब पलट कर देखा, तो वहां कुछ भी नहीं था, लेकिन वह साया तस्वीर में सपश्ट दिख रहा था।
03:33अगली सुबह, तीनों ने मंदिर के अंदर गहराई में जाने का फैसला किया।
03:38काव्या ने एक कुप्त कक्ष खोजा, जो एक चेतावनी के साथ बंद था, जो सो रहा है, उसे मत जगाओ।
03:45काव्या के मना करने के बावजूद, राघव ने इस बरदस्ती उस दरवाजे को खोल दिया।
03:51अंदर एक प्राचीन मूर्ती थी, जो भयावः और अलोकिक उर्जा से भरी हुई थी।
03:57उसकी आखें जीविच्सी लग रही थी, जैसे वे तीनों को घूर रही हो।
04:02तभी जमीन हिलने लगी और कमरे में एक भयंकर चीक कूंज उठी।
04:06तीनों डर कर बाहर भागे, लेकिन बाहर आकर देखा कि जंगल बदल चुका था।
04:12यह अब और भी घना और डरावना हो गया था।
04:15लोटने का रास्ता कहीं नहीं दिख रहा था।
04:18जंगल के भीतर वे भयानक द्रिश्टांतों से घिर गये।
04:22अर्जुन ने अपने मरने का द्रिश्य देखा।
04:25कावया ने अपने सबसे बड़े डर को साकार होते देखा।
04:29और राघव? उसे एक अद्रिश्य शक्ती उसकी सबसे गहरी असुरक्षाओं और गलतियों के बारे में ताना मार रही थी।
04:37हर द्रिश्य उनके सबसे गहरे रहसियों का पर्दाफाश कर रहा था।
04:42कावया ने कबूल किया कि उसने अपनी रिसर्च में धोका किया था।
04:46अर्जुन ने स्विकार किया कि उसने पैसे के लिए अपने भाई के साथ विश्वासकाद किया।
04:51लेकिन राघव ने अपने दोश मानने से इनकार कर दिया
04:54उन्हें मैसूस हुआ कि मंदिर केवल श्रापित नहीं था या उनके दिलों का दरपन था
05:00या उन पर वही भय और पीडा थोप रहा था जो उनके कर्मों ने पैदा की थी
05:05काव्या ने शिलालिक को याद किया मंदिर को शांती चाहिए बलिदान के रूप में
05:11अर्जुन ने डर कर कहा कि राघव को ही छोड़ देना चाहिए क्योंकि वही उन्हें इस खत्रे में लाया था
05:17लेकिन राघव ने इसे मानने से इनकार कर दिया
05:21तभी देवी की मूर्ती चमकने लगी और जंगल उनके चारों और बंध होने लगा
05:26काव्या ने हिम्मत जुटाई और आगे बढ़ी
05:29अगर इस श्राब को तोड़ने के लिए बलिदान चाहिए तो मुझे ले लो उसने कहा
05:35तभी एक प्राचीन पुजारी की आत्मा प्रकट हुई
05:38वह मंदिर का अभिशप्त रक्षक था
05:41उसने कहा केवल बलिदान से कुछ नहीं होगा
05:45तुम्हें अपने सच का सामना करना होगा
05:48काव्या और अर्जुन ने अपनी गलतियों को स्विकार किया और प्रायश्चित की विंती की
05:53लेकिन जब राघव की बारी आई तो उसने अपनी लालच और अहंकार को स्विकार करने से इनकार कर दिया
06:00मंदिर ने प्रतिक्रिया दी
06:02जमीन फटने लगी और राघव चीखते हुए नीचे समा गया
06:07काव्या और अर्जुन को मंदिर ने बाहर फैंक दिया और वे गाव के पास जागे
06:12काव्या और अर्जुन गाव लोट आए हमेशा के लिए बदल चुके थे
06:17उन्होंने गाव वालों को उस मंदिर से दूर रहने की चेतावनी दी
06:22भूला हुआ मंदिर अब भी खड़ा है एक सबक के रूप में यह सिर्फ एक श्रापित स्थान नहीं है
06:28यह एक दरपन है जो हमें हमारे कर्मों का सामना करवाता है
06:33सच्चा प्रायश्चित अपने दोशों को स्वीकार करने और उन्हें सुधारने में है
06:38जो लोग लालच, अहंकार और छल से भरे होते हैं विभूतों से नहीं बलकि अपनी अंतरात्मा से डरते हैं
06:46वीडियो देखने के लिए धन्यवाद
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